Saturday 23 February 2019

प्रश्न - *दीदी मेरा एक प्रश्न था। गुरुदेव कहते हैं की इंसान को सिम्पल रहना चाहिए और वे खुद भी बहुत ही साधारण जीवन जीते थे। आज के समय में सिम्पल की क्या डेफिनेशन हैं*

प्रश्न - *दीदी मेरा एक प्रश्न था। गुरुदेव कहते हैं की इंसान को सिम्पल रहना चाहिए और वे खुद भी बहुत ही साधारण जीवन जीते थे। आज के समय में सिम्पल की क्या डेफिनेशन हैं*

उत्तर - आत्मीय भाई, सिम्पल अर्थात जीवन में सादगी।

युगऋषि कहते हैं,
*सादा जीवन उच्च विचार,*
 *तभी मिटेगा भ्रष्टाचार।*

अंधेरे को दूर करने के लिए मोमबत्ती की रौशनी का महत्त्व होता है न कि उसके बाह्य मैकअप की। इसी तरह मनुष्य का उत्तम चरित्र-व्यक्तित्व ही उसके जीवन में प्रकाश देता है, अंधेरा दूर करता है, उसका बाह्य मेकअप नहीं।

अज्ञानता से ग्रसित समाज इसको भूल गया है, निज चरित्र-व्यक्तित्व में निखार की जगह बाह्य मैकअप में उलझ गया है। इसलिए भ्रष्ट आचार व्यवहार सर्वत्र दिखाई दे रहा है। सर्वत्र दिखावा है।

आप स्वयं देखो, इस संसार में जितने भी लोगों ने अपना व्यक्तित्व ऊंचा उठा लिया है, उच्च विचार है, जो आत्मा के शाश्वत होने और शरीर के नश्वर होने से परिचित हैं, उनका जीवन सादगी से भरा है और उनके विचारों में प्रखरता है।

दिखावा किसके लिए और क्यों करें, उन लोगों के लिए जिनके अगले पल का कुछ पता नहीं। सबके सब जिनका वजूद एक मुट्ठी राख होगा या कब्र में दफन हो कर एक मुट्ठी मिट्टी बनेंगे, उनके सामने शो ऑफ का क्या फ़ायदा?

छिछोरापन, फ़टी जीन्स, चमक-धमक, दिखावा इत्यादि वो ही करते हैं जिनका व्यक्तित्व-चरित्र और विचार निम्न होते है।

👉🏼 *सादगी की परिभाषा आज के परिप्रेक्ष्य में* - मूल रूप में (ओरिजिनल) रहें। ज़रूरत और अय्याशी में फ़र्क़ समझें। जरूरतें पूरी करें - रोटी, कपड़ा और मकान की अपने लिए व्यवस्था करें। बच्चों को पढ़ाएं लिखाएँ और योग्य बनाएं। खूब कमाए लेकिन अय्याशी में धन खर्च न करें। धन का सदुपयोग करें, लोगों की मदद करें। स्वयं को प्रकाशित आत्मज्ञान से रखें। इतनी सद्बुध्दि रखें यह शरीर एक वस्त्र की तरह है और आत्मा इस शरीर को पहने है। इस शरीर को स्वस्थ रखें और सुरक्षित रखें, लेकिन जिसके कारण यह शरीर जीवित है उस आत्मा के कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहें। जिस समाज का हिस्सा हैं उसके कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहें।

👉🏼 *जब विचारों में प्रखरता आएगी तो व्यक्तित्व ऊंचा स्वतः उठेगा और जीवन में सादगी(सिम्पलीसिटी) स्वतः आएगी। अतः विचारों में प्रखरता के लिए नित्य ध्यान एवं स्वाध्याय करें।*

जितना सत्य जीवन में उतरेगा उतनी सादगी जीवन मे स्वतः आती जाएगी।

सत्य को धारण करने के मार्गदर्शन हेतु निम्नलिखित सहित्य पढ़े:-
1- मैं क्या हूँ?
2- अखण्डज्योति पत्रिका
3- युगनिर्माण पत्रिका
4- चेतना की शिखर यात्रा
5- आत्मोत्कर्ष का आधार - ज्ञान

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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