चिन्मय भाई के आपके जन्मदिवस पर,
जन जन हर्षाया है,
देवताओं ने ख़ुश होकर,
आशीष फूल बरसाया है।
सद्गुरु की बगिया में,
आज के ही दिन,
एक देवात्मा,
नर रूप में आया।
ब्रह्माण्ड की ऊर्जा,
देवताओं का आशीर्वाद,
शान्तिकुंज में साथ लाया।
मुख में सूर्य सा तेज़ लिए,
चन्द्र सा मुस्काराया ,
सद्गुरु के रक्त का ओज लिए,
श्रद्धेया की गोद में आया।
उसके बुद्धि में जितनी,
सूर्य सी प्रखरता है,
उतनी ही स्वभाव में,
चन्द्र सी शीतलता है।
गुरूदेव और माताजी के चिन्मय वंशज है,
श्रद्धेय और श्रद्धेया जीजी का चिन्मय अंश है,
युगनिर्माण की वह ध्वज पीतवर्णीय है,
ज्ञान यज्ञ की वह मशाल लालवर्णीय है।
चिन्मय आनन्द स्वरूप,
आप हम सबके भाई है,
सूर्य से यूँ ही चमके सदा,
जन्मदिवस पर आपको,
कोटिशः बधाई है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment