Saturday 27 April 2019

प्रश्न - *प्रश्न दीदी क्या भूत पिशाच होते हैं? इनके होने के प्रमाण क्या आधुनिक वैज्ञानिक युग मे मिलते हैं?*

प्रश्न - *प्रश्न दीदी क्या भूत पिशाच होते हैं? इनके होने के प्रमाण क्या आधुनिक वैज्ञानिक युग मे मिलते हैं?*

उत्तर - आत्मीय बहन,

अध्यात्म और विज्ञान दोनों मानता है कि दुनियाँ में कोई वस्तु पूर्णतया नष्ट नहीं होती, केवल रूप बदलती है।

*उदाहरण 1* -  बर्फ़👉🏼 जल👉🏼वाष्प

*उदाहरण 2* -  फ़ल सब्जियां खाया👉🏼 उससे कुछ रक्त मांस बना और कुछ पॉटी👉🏼 पॉटी 👉🏼 खाद 👉🏼 फ़ल सब्जियों का भोजन बनी 👉🏼 पुनः वह फल सब्जी मनुष्य ने खाया

*उदाहरण 3* - आत्मा 👉🏼 शरीर में प्रवेश और जन्म 👉🏼 पूरी उम्र जीना और वृद्धावस्था में त्यागना 👉🏼 पुनः शरीर आत्मा और शरीर  अलग होना 👉🏼 पुनः आत्मा का शरीर विहीन होना 👉🏼पुनः जन्म लेना

🙏🏻 श्रीमद्भागवत गीता में जिसे आत्मा कहा जाता है, उसे आधुनिक परामनोविज्ञान में ऊर्जा/एनर्जी कहा जाता है। परामनोविज्ञानिको ने ऐसे यंत्रों का आविष्कार किया है जो शरीर विहीन इन एनर्जी/आत्मा की उपस्थिति का अहसास और छाया चित्र देख सकते हैं।

🙏🏻 आधुनिक विज्ञान में जो प्लेन चिट है वही प्राचीन विज्ञान में तंत्र विधि है। इनसे आत्मा से सम्बन्ध स्थापित किया जा सकता है। हाई बोल्ट आत्मा की एनर्जी होती है, थोड़ी सी चूक में यह आह्वाहन कर्ता को नष्ट कर देती है।

👉🏼 व्हाइट हाउस, अमेरिका में आज भी वहाँ रहने वाले मृत राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के भूत से साक्षात्कार करते हैं। ऐसे ही देश विदेश के कई प्रतिष्ठित बुद्धिजीवी आत्मा से साक्षात्कार के अनुभव लिख चुके हैं।

👉🏼 हॉन्टेड/डरावनी जगह वो बन जाती है, जब उस घर या वस्तू से मरने के बाद भी उस आत्मा का मोह ख़त्म नहीं होता। तो वहीं रहने लगती है। लोगों को डराकर भगाती है, उस स्थान वस्तु की रक्षा करती है।

👉🏼 आत्मा बेवजह न किसी को दिखती हैं और न ही सम्पर्क साधती हैं।

👉🏼 भूत बनकर वही आत्मा भटकती है जो जीवित रहते हुए किसी जबरजस्त मोहग्रस्त होकर बंधती है। मरने के बाद भी मोहग्रस्त हो मुक्त नहीं हो पाती।

👉🏼 इंसानी आत्मा का जैसा स्वभाव, चरित्र, चिंतन, सँस्कार शरीर में जीवित रहते हुए होता है वैसे ही मरने के बाद भी होता है।

👉🏼 तगड़ा, बलशाली और मानसिक सुदृढ़ व्यक्ति मरने पर शक्तिशाली भूत बनेगा। कमज़ोर हीन भावना से ग्रसित व्यक्ति कमज़ोर भूत बनता है।

👉🏼 भूतों में भी नियम कायदे कानून है जैसे कि पुलिस प्रसाशन में है। कोई भूत बिना वजह किसी को परेशान नहीं कर सकता। अन्यथा उनका समाज उनको दंडित करता है।

👉🏼 जिस प्रकार मनुष्य को बलशाली गुंडों द्वारा कब्जे में करके उसकी मर्ज़ी के बिना दबाव में कार्य करवाया जा सकता है, उसी तरह तगड़े मन्त्रों और प्रभावशाली तंत्र विधि से किसी भी भूत/प्रेतआत्मा को वशवर्ती करके जबरन कार्य करवाया जा सकता है। इसीतरह आत्मा भी कमज़ोर मनःस्थिति के मन के व्यक्ति जिसका मन कुविचार - गन्दगी से भरा हो को वश में कर सकती है और उससे अपना कार्य करवा सकती है। एक आत्मा के द्वारा जीवित व्यक्ति के शरीर मे कब्जा संभव है, ठीक उसी तरह जैसे गुंडे द्वारा किसी की जमीन पर कब्जा करना।

👉🏼 गांव में 99% मनोरोग को प्रेत बाधा घोषित कर देते हैं। वास्तव में वो अंधविश्वास होता है। 1% बात सत्य होती है।

👉🏼 जिस प्रकार भ्रम और भय वश अंधेरे में रस्सी को सांप समझा जाता है और उसे चलता हुआ महसूस किया जाता है। वैसे ही 99% केस में हिलती झाड़ियों और हिलते डुलते सामानों को भूत समझा जाता है।

👉🏼 यदि भूत को अंधविश्वास न माना जाय तो भूत आत्मा के स्वतन्त्र अस्तित्व का प्रमाण है।

🙏🏻 *भूत कैसे होते हैं और क्या करते हैं?*,  इसे विस्तार से समझने के लिए युगऋषि लिखित पुस्तक 📖 *भूत कैसे होते हैं? क्या करते हैं?* पढ़िये।

🙏🏻 जिसने कुछ गलत नहीं किया उसे पुलिस से डरने की आवश्यकता नहीं है। इसी तरह जिसने कभी कुछ गलत नहीं किया उसे भूत से डरने की आवश्यकता नहीं है।

🙏🏻 नकारात्मक ऊर्जा/ भूत/ प्रेत से किसी घर को मुक्त करवाने के लिए उस घर मे गीता पाठ और 40 दिन लगातार गायत्रीमंत्र यज्ञ करने से उन भूत/प्रेत का मोहबन्धन नष्ट होता है। सत्य ज्ञान होता है, उनके सँस्कार सुधरते हैं। और वो मुक्त हो जाती हैं।


🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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