[5/15, 8:45 PM] .: 🔥 *यज्ञ सम्बन्धी जिज्ञासा समाधान (प्रश्न 107)* 🔥
प्रश्न - 107- *एक प्रश्न और है कि यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक रोगों से पीड़ित है तो क्या उसे प्रत्येक रोग के लिए अलग अलग यज्ञ करना होगा या रोग विशेष हवन सामग्रियों को मिला कर यज्ञ करना होगा। यदि मिलाना हो तो किस अनुपात में।*
उत्तर - वात, पित्त, कफ - ये तीन शारीरिक दोष माने गये हैं। ये दोष असामान्य आहार-विहार से विकृत या दूषित हो जाते है इसलिए इसे 'दोष' कहा जाता है। शरीरगत् अन्य धातु आदि तत्व इन्हे दोषों के द्वारा दूषित होता है। इन तीनो दोषों को शरीर का स्तम्भ कहा जाता है। इनके प्राकृत अवस्था एवं सम मात्रा ही शरीर को स्वस्थ रखता है, यदि इनका क्षय या वृद्धि होती है, तो शरीर में विकृति या रोग उत्पन्न हो जाती है। सभी विभिन्न रोग किसी न किसी ग्रुप से सम्बंधित होता है।
एक से अधिक रोग यदि किसी एक ग्रुप से सम्बंधित है, तो आयुर्वेद के अनुसार कई रोगों के लिए एक ही हवन सामग्री बनाई जा सकती है।
लेकिन यदि एक से अधिक रोग अलग ग्रुप से हों, साथ मे उनके उपचार की औषधि के प्रभाव यदि एक दूसरे के विरोधी हुए तो उन्हें एक साथ न मिलाया जा सकता है। न हीं उनकी औषधि एक साथ खाई जा सकती है।
अतः रोग के ग्रुप के अनुसार और उपचार की औषधि पर आयुर्वेद और यग्योपैथी चिकित्सक निर्णय लेंगा कि एक साथ उपचार करना है, या अलग अलग या एक के बाद एक। यह निर्णय जिन्हें औषधियों का ज्ञान न हो नहीं लेना चाहिए।
यज्ञ के उपचार के मंन्त्र भी रोग के ग्रुप अनुसार होते हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
[5/15, 9:03 PM] .: 🔥 *यज्ञ सम्बन्धी जिज्ञासा समाधान (प्रश्न - 108)* 🔥
प्रश्न - 108 - *मैं कॉमन हवन सामग्री से यज्ञ करता हूँ, गायत्री मंत्र, सूर्य गायत्री मंत्र, रुद्र गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की आहुति देता हूँ, तो क्या मुझे स्वास्थ्य लाभ मिलेगा?*
उत्तर - समस्त रोगों की जड़ पेट और मन होता है। यज्ञ से पेट एवं मन दोनों स्वस्थ होते हैं। समस्त मंन्त्र आरोग्यवर्धक और बुद्धिकुशलता देने वाले हैं। सुख सौभाग्य जगाने वाले हैं। शांतिकुंज की कॉमन हवन सामग्री भी औषधियों का ही मिश्रण है। अतः आपको आध्यात्मिक लाभ के साथ स्वास्थ्य लाभ भी अवश्य मिलेगा।
*गायत्री मंत्र* - 24 केंद्रों को जागृत कर प्राण ऊर्जा से भरेगा।
*सूर्य गायत्री मंत्र* - सूर्य तेज से रोग नष्ट करेगा
*रुद्र गायत्री मंत्र* - मनोमानसिक विकार नष्ट करेगा
*महामृत्युंजय मंत्र* - अकाल मृत्यु से रक्षा करेगा और आरोग्यता का लाभ देगा
*शान्तिकुंज की कॉमन हवन सामग्री* - पेट और मन के विकारों का शमन करके स्वास्थ्य लाभ देगी।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
प्रश्न - 107- *एक प्रश्न और है कि यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक रोगों से पीड़ित है तो क्या उसे प्रत्येक रोग के लिए अलग अलग यज्ञ करना होगा या रोग विशेष हवन सामग्रियों को मिला कर यज्ञ करना होगा। यदि मिलाना हो तो किस अनुपात में।*
उत्तर - वात, पित्त, कफ - ये तीन शारीरिक दोष माने गये हैं। ये दोष असामान्य आहार-विहार से विकृत या दूषित हो जाते है इसलिए इसे 'दोष' कहा जाता है। शरीरगत् अन्य धातु आदि तत्व इन्हे दोषों के द्वारा दूषित होता है। इन तीनो दोषों को शरीर का स्तम्भ कहा जाता है। इनके प्राकृत अवस्था एवं सम मात्रा ही शरीर को स्वस्थ रखता है, यदि इनका क्षय या वृद्धि होती है, तो शरीर में विकृति या रोग उत्पन्न हो जाती है। सभी विभिन्न रोग किसी न किसी ग्रुप से सम्बंधित होता है।
एक से अधिक रोग यदि किसी एक ग्रुप से सम्बंधित है, तो आयुर्वेद के अनुसार कई रोगों के लिए एक ही हवन सामग्री बनाई जा सकती है।
लेकिन यदि एक से अधिक रोग अलग ग्रुप से हों, साथ मे उनके उपचार की औषधि के प्रभाव यदि एक दूसरे के विरोधी हुए तो उन्हें एक साथ न मिलाया जा सकता है। न हीं उनकी औषधि एक साथ खाई जा सकती है।
अतः रोग के ग्रुप के अनुसार और उपचार की औषधि पर आयुर्वेद और यग्योपैथी चिकित्सक निर्णय लेंगा कि एक साथ उपचार करना है, या अलग अलग या एक के बाद एक। यह निर्णय जिन्हें औषधियों का ज्ञान न हो नहीं लेना चाहिए।
यज्ञ के उपचार के मंन्त्र भी रोग के ग्रुप अनुसार होते हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
[5/15, 9:03 PM] .: 🔥 *यज्ञ सम्बन्धी जिज्ञासा समाधान (प्रश्न - 108)* 🔥
प्रश्न - 108 - *मैं कॉमन हवन सामग्री से यज्ञ करता हूँ, गायत्री मंत्र, सूर्य गायत्री मंत्र, रुद्र गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की आहुति देता हूँ, तो क्या मुझे स्वास्थ्य लाभ मिलेगा?*
उत्तर - समस्त रोगों की जड़ पेट और मन होता है। यज्ञ से पेट एवं मन दोनों स्वस्थ होते हैं। समस्त मंन्त्र आरोग्यवर्धक और बुद्धिकुशलता देने वाले हैं। सुख सौभाग्य जगाने वाले हैं। शांतिकुंज की कॉमन हवन सामग्री भी औषधियों का ही मिश्रण है। अतः आपको आध्यात्मिक लाभ के साथ स्वास्थ्य लाभ भी अवश्य मिलेगा।
*गायत्री मंत्र* - 24 केंद्रों को जागृत कर प्राण ऊर्जा से भरेगा।
*सूर्य गायत्री मंत्र* - सूर्य तेज से रोग नष्ट करेगा
*रुद्र गायत्री मंत्र* - मनोमानसिक विकार नष्ट करेगा
*महामृत्युंजय मंत्र* - अकाल मृत्यु से रक्षा करेगा और आरोग्यता का लाभ देगा
*शान्तिकुंज की कॉमन हवन सामग्री* - पेट और मन के विकारों का शमन करके स्वास्थ्य लाभ देगी।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment