Wednesday 15 May 2019

प्रश्न -21 से 40 तक - बाल सँस्कार शाला - वेद पर प्रश्नोत्तर

👧🏻👶🏻 *बाल सँस्कार शाला - वेद पर प्रश्नोत्तर*

👉🏼 प्रश्न 21 से 40 तक

प्रश्न .21- *वेद किसे कहते है ?*
उत्तर- ईश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है। वेद जीवन को ईश्वरीय ढंग से जीवन जीने की कला बताता है कि किस प्रकार मनुष्य स्वयं में देवत्व उभार कर स्वर्गीय आनंदमय जीवन सुनिश्चित कर सकता है।

प्रश्न - 22- *वेद-ज्ञान किसने दिया ?*

उत्तर- ईश्वर ने दिया।

प्रश्न.23- *ईश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?*

उत्तर- ईश्वर ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान दिया। उन्होंने एक विधिव्यस्था बनाई जिसके अनुपालन से मानव स्वयं का कल्याण कर सके और संसार के कल्याण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर सके।

प्रश्न 24- *ईश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?*

उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए ईश्वर ने वेदों का ज्ञान उपलब्ध करवाया।

प्रश्न 25- *वेद कितने है ?*
उत्तर- वेद के चार प्रकार है:-
1-ऋग्वेद
2 – यजुर्वेद
3- सामवेद
4 – अथर्ववेद

प्रश्न 26- *वेदों के निर्धारित वेद ब्राह्मण कौन हैं?*

उत्तर - निम्नलिखित वेद के वेद ब्राह्मण इस प्रकार हैं:-

1 – ऋग्वेद – ऐतरेय
2 – यजुर्वेद – शतपथ
3 – सामवेद – तांड्य
4 – अथर्ववेद – गोपथ

प्रश्न - 27- *वेदों के उपवेद कितने है?*

उत्तर – वेदों के चार उप वेद है ।
वेद उपवेद
1- ऋग्वेद – आयुर्वेद
2- यजुर्वेद – धनुर्वेद
3 -सामवेद – गंधर्ववेद
4- अथर्ववेद – अर्थवेद

प्रश्न 28- *वेदों के अंग हैं कितने होते है?*

उत्तर – वेदों के छः अंग होते है ।
1 – शिक्षा
2 – कल्प
3 – निरूक्त
4 – व्याकरण
5 – छंद
6 – ज्योतिष

प्रश्न 29- *वेदों का ज्ञान ईश्वर ने सर्वप्रथम किन किन ऋषियो को दिया ?*

उत्तर- वेदों का ज्ञान चार ऋषियों को दिया ।
वेद ऋषि
1- ऋग्वेद – अग्नि
2 – यजुर्वेद – वायु
3 – सामवेद – आदित्य
4 – अथर्ववेद – अंगिरा

प्रश्न 30- *वेदों का ज्ञान ईश्वर ने ऋषियों को कैसे दिया ?*

उत्तर- वेदों का ज्ञान ऋषियों को उनकी समाधि की अवस्था में दिया । जब वो समाधि द्वारा ईश्वरीय चेतना से जुड़े तो उनकी चेतना के अंदर वेदों का ज्ञान परमात्मा ने प्रवेश करवा दिया।

प्रश्न 31- *वेदों में कैसे और किस ज्ञान है ?*
उत्तर- वेदों मै सभी सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान है । सृष्टि के समस्त ज्ञान-विज्ञान का खज़ाना वेद हैं।

प्रश्न 32- *वेदो के मुख्य विषय कौन-कौन से हैं ?*

उत्तर- वेदों के चार विषय है।
ऋषि विषय
1- ऋग्वेद – ज्ञान
2- यजुर्वेद – कर्म
3- सामवेद – उपासना
4- अथर्ववेद – विज्ञान

प्रश्न 33- *किस वेद में कितनी ऋचाएं है?*
ऋग्वेद में।
1- मंडल – 10
2 – अष्टक – 08
3 – सूक्त – 1028
4 – अनुवाक – 85
5 – ऋचाएं – 10589
यजुर्वेद में।
1- अध्याय – 40
2- मंत्र – 1975
सामवेद में।
1- आरचिक – 06
2 – अध्याय – 06
3- ऋचाएं – 1875
अथर्ववेद में।
1- कांड – 20
2- सूक्त – 731
3 – मंत्र – 5977

प्रश्न 34- *वेद पढ़ने का अधिकार किसको है ?*
उत्तर- मनुष्य-मात्र को वेद पढ़ने का अधिकार है। सभी आयु जाति लिंग के स्त्री पुरुष वेद पढ़ने का अधिकार रखते हैं।

प्रश्न 35- *क्या वेदों में मूर्तिपूजा का विधान है ?*

उत्तर- वेदों में विराट परमात्म के निराकार अस्तित्व को परिभाषित किया गया है। जब वेद बने थे तब सृष्टि का आरंभ ही हुआ था और उनके किसी भी अवतार ने तब तक जन्म ही नहीं लिया था। इसलिए साकार मूर्ति पूजन जो कि ईश्वर के अवतार से सम्बंधित है वेदों में नहीं है।

प्रश्न -36- *क्या वेदों में अवतारवाद का प्रमाण है ?*

उत्तर - जब वेद बने थे तब सृष्टि का आरंभ ही हुआ था और उनके किसी भी अवतार ने तब तक जन्म ही नहीं लिया था। क्योंकि अवतारों ने तबतक जन्म ही नहीं लिया तो इसलिए अवतारवाद के प्रमाण वेद में नहीं है।

प्रश्न 37- *सबसे बड़ा वेद कौन-सा है ?*
उत्तर- सबसे बड़ा वेद ऋग्वेद है।

प्रश्न 38- *वेदों की उत्पत्ति कब हुई ?*

उत्तर- वेदो की उत्पत्ति सृष्टि के आदि से परमात्मा द्वारा हुई । अर्थात लगभग 1 अरब 96 करोड़ 8 लाख 43 हजार वर्ष पूर्व ।

प्रश्न 39- *वेद-ज्ञान के सहायक दर्शन-शास्त्र ( उपअंग ) कितने हैं और उनके लेखकों का क्या नाम है ?*
उत्तर-
1- न्याय दर्शन – गौतम मुनि।
2- वैशेषिक दर्शन – कणाद मुनि।
3- योगदर्शन – पतंजलि मुनि।
4- मीमांसा दर्शन – जैमिनी मुनि।
5- सांख्य दर्शन – कपिल मुनि।
6- वेदांत दर्शन – व्यास मुनि।

प्रश्न 40- *शास्त्रों में किन विषयों का ज्ञान मिलता है ?*

उत्तर- आत्मा, परमात्मा, प्रकृति, जगत की उत्पत्ति, मुक्ति अर्थात सब प्रकार का भौतिक व आध्यात्मिक ज्ञान-विज्ञान आदि।

प्रश्न 41- *मुख्य उपनिषद कितने है ?*

उत्तर- मुख्य उपनिषद ग्यारह हैं।

प्रश्न 42- *उन ग्यारह मुख्य उपनिषदों के नाम बतावे ?*
उत्तर-
1-ईश ( ईशावास्य ) 2- केन 3-कठ 4-प्रश्न 5-मुंडक 6-मांडू 7-ऐतरेय 8-तैत्तिरीय 9- छांदोग्य
10-वृहदारण्यक 11- श्वेताश्वतर ।

प्रश्न 43- *उपनिषदों के विषय कहाँ से लिए गए है ?*
उत्तर- उपनिषदों के विषय वेदों से लिए गए है !

प्रश्न - 44- *कुल कितने उपनिषद हैं*

उत्तर - कुल 108 उपनिषद हैं।

प्रश्न - 45 - *उपनिषदों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जाता है?*

उत्तर - १०८ उपनिषदों को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया जाता है-

(१) ऋग्वेदीय -- १० उपनिषद्
(२) शुक्ल यजुर्वेदीय -- १९ उपनिषद्
(३) कृष्ण यजुर्वेदीय -- ३२ उपनिषद्
(४) सामवेदीय -- १६ उपनिषद्
(५) अथर्ववेदीय -- ३१ उपनिषद्

कुल -- १०८ उपनिषद्

प्रश्न .46 *वेदों में वर्णित चार वर्ण कोन कोन से होते हैं?*
उत्तर-
1- ब्राह्मण
2- क्षत्रिय
3- वैश्य
4- शूद्र

प्रश्न - 47 - *क्या वर्ण व्यवस्था जन्म आधारित है या कर्म आधारित?*

उत्तर - जिस प्रकार घर मे कोई भोजन बनाता है तो कोई घर की साफ सफाई करता है तो कोई खेतो में काम तो कोई जॉब करता है। इससे कोई अन्य जाति का नहीं हो जाता। इसी तरह समाज को सुव्यवस्थित चलाने के लिए क्रमशः कार्य का वर्गीकरण किया गया जो कर्म आधारित हैं, इसका जन्म  से कोई लेना देना नहीं है-
- ज्ञान और समाज के उत्थान के लिए कार्य करने वाला वर्ग ब्राह्मण
- सुरक्षा व्यवस्था क्षत्रिय वर्ग
- व्यापार और कृषि वैश्य वर्ग
- साफ सफाई और सुव्यवस्था शूद्र वर्ग

प्रश्न - 47 - *क्या वेदों में जाति प्रथा वर्णित है?*

उत्तर - जन्म आधारित कोई भी वर्गीकरण और जाति व्यवस्था वेदों में वर्णित नहीं है। कर्म के आधार पर कर्मफ़ल का सिंद्धान्त का प्रतिपादन वेद करते हैं।

प्रश्न -48- *चार युग कोन -कोन से होते है और कितने वर्षों के हैं?*
उत्तर-
1- सतयुग – 17,28000 वर्षों का नाम ( सतयुग ) रखा है।
2- त्रेतायुग- 12,96000 वर्षों का नाम ( त्रेतायुग ) रखा है।
3- द्वापरयुग- 8,64000 वर्षों का नाम है।
4- कलयुग- 4,32000 वर्षों का नाम है।
कलयुग के 4,976 वर्षों का भोग हो चुका है अभी तक।
4,27024 वर्षों का भोग होना बाकी है।

प्रश्न - 49 *पंच महायज्ञ कोन -कोन से होते है ?*
उत्तर-
1- ब्रह्मयज्ञ
2- देवयज्ञ
3- पितृयज्ञ
4- बलिवैश्वदेवयज्ञ
5- अतिथियज्ञ

प्रश्न - 50 - *स्वर्ग और नर्क क्या है?और कहाँ होते हैं?*

उत्तर - स्वर्ग नर्क परिस्थिति और कोई स्थान नहीं है। स्वर्ग और नर्क वस्तुतः मनःस्थिति है।

*स्वर्ग* – जहाँ एक दूसरे को सुख देने की मनोवृत्ति है। फलस्वरूप आत्मसंतुष्टि से सुख मिलता है। ऐसे लोगों का समूह देवता कहलाता है, ये जहां रहते हैं वो स्थान स्वर्ग बन जाता है।

*नर्क* – जहाँ केवल स्वयं को सुखी रखने के लिए अन्य को दुःखी किया जाता है। फलस्वरूप आत्म प्रताड़ना से दुःख की प्राप्ति होती है।ऐसे लोगों का समूह लेवता/दानव कहलाता है, ये जहां रहते हैं वो स्थान नर्क बन जाता है।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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