*21 जून योगदिवस की बधाई*
प्रश्न - *योग के लाभ बतायें, साथ ही यह भी बताएं कि यदि योग इतना आवश्यक है तो प्रत्येक भारतीय योग नित्य क्यों नहीं करता। ऋषि मुनियों और प्रधानमंत्री जी के इतने प्रचार प्रसार के बाद भी मात्र 10% से 20% ही लोग योग नित्य करते हैं। स्कूलों में नित्य योग की क्लास भी शुरू नहीं हुई क्यों?*
उत्तर - भारतीय समाज भले ही पुरुष प्रधान है, लेक़िन घर के सँस्कार गढ़ने में माता का ही योगदान होता है।
जब तक भारतीय स्त्रियाँ योग के लिए जागरूक नहीं होंगी। योग प्रत्येक घर मे नहीं हो सकेगा। घर के पुरुष और बच्चे सुबह योग तब तक नहीँ करेंगे जब तक महिला उन्हें नित्य प्रेरित न करेगी।
*कुछ निम्नलिखित कारणों से मध्यम वर्गीय एवं ग्रामीण स्त्रियाँ योग नहीं करती:-*
1- पहनावा - जो स्त्रियां साड़ी या घाघरा वग़ैरह पहनती हैं, घूंघट प्रथा है। वो योग नहीं करती।
2- स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही - स्त्रियाँ स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति न जागरूक हैं और न जागरूक होने में रुचि रखती हैं।
3- स्वाध्याय न करना और नया कुछ न सीखना - 80% ग्रामीण व मध्यमवर्गीय महिलाएँ पुस्तक नित्य पढ़ती ही नहीं। अतः ज्ञान से वंचित रहती हैं।
4- धार्मिक पारिवारिक परम्परा रीतिरिवाजों में योग का शामिल न होना।
5- धर्मगुरूओं का योग की अनिवार्यता न बताना
*कुछ निम्नलिखित कारणों से उच्च वर्गीय एवं शहरी स्त्रियाँ योग नहीं करती:-*
1- पाश्चात्य की नक़लची - जो पाश्चात्य विदेशी अपनाते हैं उनकी नकल को हाई फाई क्लास मानना। जिम वग़ैरह करना और योग की अवहेलना करना।
2- चंचल अस्थिर चित्त व नशेड़ी - अस्थिर चित्त और नशेड़ी स्त्रियाँ योग नहीं करती।
3- कॉस्मेटिक औऱ बाह्य उत्पादों से सुंदर बनने की होड़ - आतंरिक सौंदर्य की उपेक्षा।
🙏🏻 *वही स्त्रियाँ आपको योग में रुचि लेती मिलेंगी, जो पढ़ी लिखी समझदार और भारतीय अध्यात्म में रुचि रखती हैं। या बो जो पिछले पाँच वर्षों से मोदी गवर्नमेंट के प्रयासों से प्रेरित होकर योग कर रही हैं।*🙏🏻
👉🏼 फ़िल्मी हीरो एवं हिरोइन, टीवी सीरियल एवं विज्ञापन द्वारा वैसे ही मुहिम चलानी होगी जैसे पोलियो अभियान की सरकार ने की थी। स्कूल एवं कॉलेज, सभी स्वास्थ्य संगठन जब अथक प्रयास करेंगे तब महिलाएं योग से जुड़ेंगी। जब महिला योग से जुड़ेगी तब जाकर घर घर योग होगा। नई जनरेशन को योगी महिला ही बनाएगी।
*जीवन में योग का महत्व और लाभ*
1. शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है – जिम में आप किसी खास अंग का ही व्यायाम कर पाते है जबकि योग से शरीर के संपूर्ण अंग प्रत्यंगों, ग्रंथियों का व्यायाम होता है। जिस वजह से हमारे सारे अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते है क्योंकि योग से हमारे शरीर के अंगों को बल मिलता है जिससे हमारा शरीर दिन-प्रतिदिन लचीला और मजबूत होता जाता है।
2. तरो-ताजा और स्फूर्ति बनाए रखता है – नियमित योग से आप खुद को प्रकृति के नजदीक महसूस करते हैं जिससे आप पूरे दिन तरोताजा और स्फूर्ति महसूस करते है। मानसिक तौर पर भी आप शांत रहेंगे जिससे तनाव भी दूर होगा।
3. मन को रखे शांत – जब मन-मस्तिष्क शांत होंगे तो तनाव भी दूर होगा। नियमित योग आसनों और ध्यान से मस्तिष्क शांत होता है और शरीर संतुलित रहता है। योग से दिमाग के दोनों हिस्से दुरुस्त काम करते है जिससे आंतरिक संचार ठीक होता है। नियमित योग से सोचने की क्षमता और सृजनात्मकता वाले हिस्सों में संतुलन बढ़ता है। इससे बुद्धि तेज और शार्प होती है साथ ही आत्मनियंत्रण की शक्ति में भी तेजी से वृद्धि होती है।
4. रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए – योगाभ्यास से चेहरे पर चमक आती है। शरीर में दिन-प्रतिदिन रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं। बुढ़ापे में भी स्वस्थ बने रहते हैं। शरीर निरोग, बलवान और स्वस्थ बनता है।
5. तनाव से रखे दूर – योग के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों की अच्छी कसरत होती है। जिस कारण तनाव दूर होता है, ब्लड प्रेशर-कॉलस्ट्रॉल कंट्रोल होता है, नींद अच्छी आती है, भूख भी अच्छी लगती है और पाचन भी सही रहता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव धीरे-धीरे पूर्णरूप से खत्म हो जाता है।
6. दर्द और मोटापा से रखे दूर – योग से शरीर फ्लेक्सिबल होता है और शरीर को शक्ति मिलती है। इसके नियमित अभ्यास से पीठ, कमर, गर्दन, जोड़ों के दर्द की समस्या तो दूर होती ही है साथ ही योग आपके शरीर की खराब मुद्रा की संरचना को ठीक करता है जिससे भविष्य में होने वाले दर्द से बचा जा सकता है। नियमित योगा से शरीर की कैलोरी बर्न होती है और मोटापा घटते जाता है जिससे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है।
7. रोग रखे दूर – योग से श्वास की गति पर नियंत्रण बढ़ता है जिससे श्वास सम्बन्धित रोगों में बहुत लाभ मिलता है जैसे दमा, एलर्जी, साइनोसाइटिस, पुराना नजला, सर्दी-जुकाम आदि रोगों में तो योग का ही अंग प्राणायाम बहुत फायदेमंद है। ऐसे आसन जिनमें कुछ समय के लिये सांस को रोक कर रखा जाता है।
जो हृदय, फेफड़े और धमनियों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। ऐसे आसन आपके दिल को फिट रखते हैं। इससे फेफड़ों को ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ती है जिससे शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है। जिससे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
8. रक्त-संचार को सही करता है – विभिन्न प्रकार के योग और प्राणायाम से शरीर में रक्त का प्रभाव ठीक होता है। नित्य योग से मधुमेह का लेवल घटता है। यह बैड कोलेस्ट्रोल को कम करता है इस कारण मधुमेह के रोगियों के लिए योगा बेहद आवश्यक है। सही रक्त-संचार से शरीर को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संवहन अच्छा होता है जिससे त्वचा और आन्तरिक अंग स्वस्थ बनते हैं।
9. प्रेगनेंसी में लाभ – गर्भावस्था के दौरान नियमित योगा करने से शरीर स्वस्थ रहता है। शरीर से थकान और तनाव दूर होता है जो माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। गर्भावस्था में होने वाली कोई भी समस्या जैसे- पीठ दर्द, कमर दर्द, पैरों में खिचाव, नींद ना आना, चिड़चिड़ापन, अपच, श्वास संबंधित सभी समस्यायों से मुक्ति मिल जाती है।
गर्भावस्था के दौरान किस महीने में कौन-कौन से योगा कर सकते है इसकी सलाह अपने चिकित्सक से जरूर ले और योगा एक्सपर्ट की निगरानी में ही योगा करें।
10. मासिक धर्म में – योग के नित्य अभ्यास से मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा से महिलाओं को मुक्ति मिलती है। पीरियड में नियमितता रहती है, शरीर में इस दौरान आलस, घबराहट, चक्कर आना जैसी समस्याओं से भी निजात मिलती है। शरीर में फुर्ती और चुस्ती बनी रहती है।
🎊 देश का स्वास्थ्य अच्छा चाहते हैं तो देश की रीढ़ की हड्डी महिलाओं को योग के लिए प्रेरित करिये। 🎊
या तो सरकार कानून बनाकर स्कूलों में नित्य योग की एक क्लास अनिवार्य कर सकती है, या देश के बच्चों के माता-पिता जागरूक होकर स्कूलों में योग शुरू करवा सकते हैं।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
प्रश्न - *योग के लाभ बतायें, साथ ही यह भी बताएं कि यदि योग इतना आवश्यक है तो प्रत्येक भारतीय योग नित्य क्यों नहीं करता। ऋषि मुनियों और प्रधानमंत्री जी के इतने प्रचार प्रसार के बाद भी मात्र 10% से 20% ही लोग योग नित्य करते हैं। स्कूलों में नित्य योग की क्लास भी शुरू नहीं हुई क्यों?*
उत्तर - भारतीय समाज भले ही पुरुष प्रधान है, लेक़िन घर के सँस्कार गढ़ने में माता का ही योगदान होता है।
जब तक भारतीय स्त्रियाँ योग के लिए जागरूक नहीं होंगी। योग प्रत्येक घर मे नहीं हो सकेगा। घर के पुरुष और बच्चे सुबह योग तब तक नहीँ करेंगे जब तक महिला उन्हें नित्य प्रेरित न करेगी।
*कुछ निम्नलिखित कारणों से मध्यम वर्गीय एवं ग्रामीण स्त्रियाँ योग नहीं करती:-*
1- पहनावा - जो स्त्रियां साड़ी या घाघरा वग़ैरह पहनती हैं, घूंघट प्रथा है। वो योग नहीं करती।
2- स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही - स्त्रियाँ स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति न जागरूक हैं और न जागरूक होने में रुचि रखती हैं।
3- स्वाध्याय न करना और नया कुछ न सीखना - 80% ग्रामीण व मध्यमवर्गीय महिलाएँ पुस्तक नित्य पढ़ती ही नहीं। अतः ज्ञान से वंचित रहती हैं।
4- धार्मिक पारिवारिक परम्परा रीतिरिवाजों में योग का शामिल न होना।
5- धर्मगुरूओं का योग की अनिवार्यता न बताना
*कुछ निम्नलिखित कारणों से उच्च वर्गीय एवं शहरी स्त्रियाँ योग नहीं करती:-*
1- पाश्चात्य की नक़लची - जो पाश्चात्य विदेशी अपनाते हैं उनकी नकल को हाई फाई क्लास मानना। जिम वग़ैरह करना और योग की अवहेलना करना।
2- चंचल अस्थिर चित्त व नशेड़ी - अस्थिर चित्त और नशेड़ी स्त्रियाँ योग नहीं करती।
3- कॉस्मेटिक औऱ बाह्य उत्पादों से सुंदर बनने की होड़ - आतंरिक सौंदर्य की उपेक्षा।
🙏🏻 *वही स्त्रियाँ आपको योग में रुचि लेती मिलेंगी, जो पढ़ी लिखी समझदार और भारतीय अध्यात्म में रुचि रखती हैं। या बो जो पिछले पाँच वर्षों से मोदी गवर्नमेंट के प्रयासों से प्रेरित होकर योग कर रही हैं।*🙏🏻
👉🏼 फ़िल्मी हीरो एवं हिरोइन, टीवी सीरियल एवं विज्ञापन द्वारा वैसे ही मुहिम चलानी होगी जैसे पोलियो अभियान की सरकार ने की थी। स्कूल एवं कॉलेज, सभी स्वास्थ्य संगठन जब अथक प्रयास करेंगे तब महिलाएं योग से जुड़ेंगी। जब महिला योग से जुड़ेगी तब जाकर घर घर योग होगा। नई जनरेशन को योगी महिला ही बनाएगी।
*जीवन में योग का महत्व और लाभ*
1. शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है – जिम में आप किसी खास अंग का ही व्यायाम कर पाते है जबकि योग से शरीर के संपूर्ण अंग प्रत्यंगों, ग्रंथियों का व्यायाम होता है। जिस वजह से हमारे सारे अंग सुचारू रूप से अपना कार्य करते है क्योंकि योग से हमारे शरीर के अंगों को बल मिलता है जिससे हमारा शरीर दिन-प्रतिदिन लचीला और मजबूत होता जाता है।
2. तरो-ताजा और स्फूर्ति बनाए रखता है – नियमित योग से आप खुद को प्रकृति के नजदीक महसूस करते हैं जिससे आप पूरे दिन तरोताजा और स्फूर्ति महसूस करते है। मानसिक तौर पर भी आप शांत रहेंगे जिससे तनाव भी दूर होगा।
3. मन को रखे शांत – जब मन-मस्तिष्क शांत होंगे तो तनाव भी दूर होगा। नियमित योग आसनों और ध्यान से मस्तिष्क शांत होता है और शरीर संतुलित रहता है। योग से दिमाग के दोनों हिस्से दुरुस्त काम करते है जिससे आंतरिक संचार ठीक होता है। नियमित योग से सोचने की क्षमता और सृजनात्मकता वाले हिस्सों में संतुलन बढ़ता है। इससे बुद्धि तेज और शार्प होती है साथ ही आत्मनियंत्रण की शक्ति में भी तेजी से वृद्धि होती है।
4. रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए – योगाभ्यास से चेहरे पर चमक आती है। शरीर में दिन-प्रतिदिन रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं। बुढ़ापे में भी स्वस्थ बने रहते हैं। शरीर निरोग, बलवान और स्वस्थ बनता है।
5. तनाव से रखे दूर – योग के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों की अच्छी कसरत होती है। जिस कारण तनाव दूर होता है, ब्लड प्रेशर-कॉलस्ट्रॉल कंट्रोल होता है, नींद अच्छी आती है, भूख भी अच्छी लगती है और पाचन भी सही रहता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव धीरे-धीरे पूर्णरूप से खत्म हो जाता है।
6. दर्द और मोटापा से रखे दूर – योग से शरीर फ्लेक्सिबल होता है और शरीर को शक्ति मिलती है। इसके नियमित अभ्यास से पीठ, कमर, गर्दन, जोड़ों के दर्द की समस्या तो दूर होती ही है साथ ही योग आपके शरीर की खराब मुद्रा की संरचना को ठीक करता है जिससे भविष्य में होने वाले दर्द से बचा जा सकता है। नियमित योगा से शरीर की कैलोरी बर्न होती है और मोटापा घटते जाता है जिससे शरीर का वजन नियंत्रित रहता है।
7. रोग रखे दूर – योग से श्वास की गति पर नियंत्रण बढ़ता है जिससे श्वास सम्बन्धित रोगों में बहुत लाभ मिलता है जैसे दमा, एलर्जी, साइनोसाइटिस, पुराना नजला, सर्दी-जुकाम आदि रोगों में तो योग का ही अंग प्राणायाम बहुत फायदेमंद है। ऐसे आसन जिनमें कुछ समय के लिये सांस को रोक कर रखा जाता है।
जो हृदय, फेफड़े और धमनियों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। ऐसे आसन आपके दिल को फिट रखते हैं। इससे फेफड़ों को ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ती है जिससे शरीर की कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है। जिससे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
8. रक्त-संचार को सही करता है – विभिन्न प्रकार के योग और प्राणायाम से शरीर में रक्त का प्रभाव ठीक होता है। नित्य योग से मधुमेह का लेवल घटता है। यह बैड कोलेस्ट्रोल को कम करता है इस कारण मधुमेह के रोगियों के लिए योगा बेहद आवश्यक है। सही रक्त-संचार से शरीर को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संवहन अच्छा होता है जिससे त्वचा और आन्तरिक अंग स्वस्थ बनते हैं।
9. प्रेगनेंसी में लाभ – गर्भावस्था के दौरान नियमित योगा करने से शरीर स्वस्थ रहता है। शरीर से थकान और तनाव दूर होता है जो माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। गर्भावस्था में होने वाली कोई भी समस्या जैसे- पीठ दर्द, कमर दर्द, पैरों में खिचाव, नींद ना आना, चिड़चिड़ापन, अपच, श्वास संबंधित सभी समस्यायों से मुक्ति मिल जाती है।
गर्भावस्था के दौरान किस महीने में कौन-कौन से योगा कर सकते है इसकी सलाह अपने चिकित्सक से जरूर ले और योगा एक्सपर्ट की निगरानी में ही योगा करें।
10. मासिक धर्म में – योग के नित्य अभ्यास से मासिक धर्म में होने वाली पीड़ा से महिलाओं को मुक्ति मिलती है। पीरियड में नियमितता रहती है, शरीर में इस दौरान आलस, घबराहट, चक्कर आना जैसी समस्याओं से भी निजात मिलती है। शरीर में फुर्ती और चुस्ती बनी रहती है।
🎊 देश का स्वास्थ्य अच्छा चाहते हैं तो देश की रीढ़ की हड्डी महिलाओं को योग के लिए प्रेरित करिये। 🎊
या तो सरकार कानून बनाकर स्कूलों में नित्य योग की एक क्लास अनिवार्य कर सकती है, या देश के बच्चों के माता-पिता जागरूक होकर स्कूलों में योग शुरू करवा सकते हैं।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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