प्रश्न - *लेखन क्यों और कैसे?*
उत्तर- कवि व लेखक दो प्रकार के होते हैं?
प्रभावित(Impress) करने वाले और प्रकाशित(Inspire) करने वाले
प्रभावित करने के लिए काव्य एवं लेखन कुशलता के साथ शब्द संग्रह पर्याप्त है।
लेकिन प्रकाशित करने के लिए जीवन साधना करनी पड़ेगी व साधना द्वारा अर्जित दिव्य प्राण ऊर्जा से निःस्वार्थ सेवा भाव से लेखन करना होगा। तब तुम्हारा लेखन जीवन बदलने में सक्षम होगा और समाधान दे सकेगा।
अतः स्वयं से प्रश्न करो?
1- क्यों लिखना चाहती हो?
2- लिखने का उद्देश्य क्या है?
3- यदि कोई अपमान करे तो भी अनवरत लिख सकोगी?
4- यदि कोई सम्मान दे तो भी सहज सरल होकर उसे ईश्वर के चरणों मे सौंप सकोगी
5- जब भाव सागर में उठता है तो उसकी प्रेरणा का स्रोत क्या होता है?
2- लिखने का उद्देश्य क्या है?
3- यदि कोई अपमान करे तो भी अनवरत लिख सकोगी?
4- यदि कोई सम्मान दे तो भी सहज सरल होकर उसे ईश्वर के चरणों मे सौंप सकोगी
5- जब भाव सागर में उठता है तो उसकी प्रेरणा का स्रोत क्या होता है?
लेखन स्वतः उतपन्न स्वयं से हो इसलिए उस चेतना के लिए चैनल बन जाओ। तब लेखन दिव्य होगा।
शब्द वही होंगे लेकिन उनका प्रकाश का प्रभाव पढ़ने वाले के अंतर्जगत में बड़ा होगा।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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