प्रश्न - *मेरा तीन वर्ष का बेटा है, मैं USA में रहती हूँ। मेरा बेटा किसी से बात नहीं करता, किसी से आई कॉन्टैक्ट नहीं करता, वो A to Z तक काउंटिंग व कविता बोल लेता है। स्कूल में एडमिशन उसका करवाया है, कुछ दिन पहले, वो सामाजिक तौर ध्यान देकर व आई कॉन्टैक्ट करके बात करे इसके लिए क्या करूँ?*
उत्तर - आत्मीय बहन, सबसे पहले धैर्य और शांतिपूर्वक समस्या के समाधान हेतु चिंतन करो और बच्चे के व्यवहार का सूक्ष्म परीक्षण करो और मुझे बताओ:-
1- अपने गर्भावस्था के दौरान चिंतन, तनाव या विपरीत परिस्थितियों का एनालिसिस करो। क्या ऐसा कुछ था?
2- तुमने गर्भावस्था में बच्चे से गर्भ संवाद किया था, गीत , भजन, प्रेरणादायक कहानियां, धर्मग्रंथों का पठन पाठन किया था या नहीं?
2- अपने और अपने पति के व्यवहार का एनालिसिस करो कि तुममें से कोई एक ऐसा है जो कि ज्यादा बात करना पसन्द नहीं करता । जब तक अत्यंत जरूरत न हो बोलता नहीं?
3- आपका बच्चा कार्टून इत्यादि देखकर हँसता है या नहीं?
4- बच्चा किस प्रकार के खेल खेलना पसन्द करता है?
5- बच्चे के समक्ष कई प्रकार के संगीत बजाएं, देखें वो किस पर रिएक्ट करता है?
6- कई प्रकार के खिलौने रखें देखें वो किसे पसन्द करता है?
7- यूट्यूब में वैदिक मन्त्रों का ऑडियो लगाइये देखिए बच्चा उस पर रेस्पॉन्स कर रहा है या नहीं?
8- घर में कम्पास, ग्लोब, साइंस प्रोजेक्ट के खिलौने लाइये देखिए बच्चा उस पर रेस्पॉन्स कर रहा है या नहीं।
9- बच्चा कब और किस बात पर हँसता है? वो गुमसुम खोया खोया ज्यादा रहता है या खेलता रहता है?
9- बच्चे को कान के डॉक्टर को दिखाओ औऱ चेक करो कि बच्चे को धीमी आवाज सुनने में कोई दिक्कत तो नहीं? सन्देश को सुनकर समझने में कोई दिक्कत तो नहीं..
👉🏼 *आध्यात्मिक उपाय* - पूर्वजन्म के साइंटिस्ट और योगी बच्चे बचपन में शांत और कम बोलते हैं। मैंने बहुत सारे योगियों की आत्मकथा और वैज्ञानिकों का बचपन पढ़ा है, ऐसे ही एक वैज्ञानिक *अल्बर्ट आइंस्टीन* जब 4 साल के थे तो वह वर्ष की ठीक से बोल भी नहीं पाते थे, साथ ही उनका दिमाग आम लोगों की तुलना में ज्यादा बड़ा था।
ऐसे बच्चे आंतरिक जगत में सोच में निमग्न रहते हैं, इनके भीतर कुछ बड़ा पक रहा होता है। ऐसे बच्चे सोशल नहीं होते, इनकी अपनी दुनियाँ होती है।
आप विदेश में है यह भी हो सकता है कि जो आत्मा जन्मी है है वो पिछले जन्म में अन्य भाषा मे बोलने वाली हो। आपकी भाषा सीखने में उसे इस जन्म में वक्त लग रहा हो।
अतः व्यर्थ की चिंता न करें, और बच्चा ध्यान दे या न दे, उसे रोज एक प्रेरणापद कहानी बोल बोलकर सुनाएँ।
घर में नित्य बलिवैश्व यज्ञ करें, औऱ नित्य बच्चे के लिए एक माला गायत्री मंत्र और 24 महामृत्युंजय मंत्र जपें।
👉🏼 *गायत्री मंत्र* - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।*
भावार्थ:- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।
👉🏼 *महामृत्युंजय मंत्र* - *ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।*
*उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥*
👇🏻
*साथ ही एक माला निम्नलिखित मंन्त्र की जपें*:-
ॐ जूं स: माम पुत्र पालय पालय स: जूं ॐ
👇🏻
नित्य ध्यान में बच्चे को लेकर शान्तिकुंज जाएं और वहां आशीर्वाद लें। बच्चे की आत्मा से ध्यान में संवाद करें।
बच्चा आपका स्वस्थ प्रशन्न है, परेशान न हों। ख़ुश रहें और आनन्द से बच्चे का पालन करें।
शान्तिकुंज से *यज्ञभष्म* अपने रिलेटिव से कह कर कोरियर से मंगवा लें, नित्य एक ग्लास पानी में अत्यंत थोड़ी चुटकी यज्ञभष्म मिलाकर हाथ में ग्लास लेकर तीन बार गायत्री मंत्र, एक बार महामृत्युंजय मंत्र और एक "माम पुत्र पालय" वाला जपकर बच्चे को पिला दें।
विश्वास रखें और धैर्य रखें, कि ईश्वर ने आपको श्रेष्ठ सन्तान दी है, पांच वर्ष का होते होते वह बात चीत करने में एक्सपर्ट हो जाएगा।
*प्रज्ञा पुराण व बाल निर्माण की कहानियां* पढ़े और पढ़ाये।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय बहन, सबसे पहले धैर्य और शांतिपूर्वक समस्या के समाधान हेतु चिंतन करो और बच्चे के व्यवहार का सूक्ष्म परीक्षण करो और मुझे बताओ:-
1- अपने गर्भावस्था के दौरान चिंतन, तनाव या विपरीत परिस्थितियों का एनालिसिस करो। क्या ऐसा कुछ था?
2- तुमने गर्भावस्था में बच्चे से गर्भ संवाद किया था, गीत , भजन, प्रेरणादायक कहानियां, धर्मग्रंथों का पठन पाठन किया था या नहीं?
2- अपने और अपने पति के व्यवहार का एनालिसिस करो कि तुममें से कोई एक ऐसा है जो कि ज्यादा बात करना पसन्द नहीं करता । जब तक अत्यंत जरूरत न हो बोलता नहीं?
3- आपका बच्चा कार्टून इत्यादि देखकर हँसता है या नहीं?
4- बच्चा किस प्रकार के खेल खेलना पसन्द करता है?
5- बच्चे के समक्ष कई प्रकार के संगीत बजाएं, देखें वो किस पर रिएक्ट करता है?
6- कई प्रकार के खिलौने रखें देखें वो किसे पसन्द करता है?
7- यूट्यूब में वैदिक मन्त्रों का ऑडियो लगाइये देखिए बच्चा उस पर रेस्पॉन्स कर रहा है या नहीं?
8- घर में कम्पास, ग्लोब, साइंस प्रोजेक्ट के खिलौने लाइये देखिए बच्चा उस पर रेस्पॉन्स कर रहा है या नहीं।
9- बच्चा कब और किस बात पर हँसता है? वो गुमसुम खोया खोया ज्यादा रहता है या खेलता रहता है?
9- बच्चे को कान के डॉक्टर को दिखाओ औऱ चेक करो कि बच्चे को धीमी आवाज सुनने में कोई दिक्कत तो नहीं? सन्देश को सुनकर समझने में कोई दिक्कत तो नहीं..
👉🏼 *आध्यात्मिक उपाय* - पूर्वजन्म के साइंटिस्ट और योगी बच्चे बचपन में शांत और कम बोलते हैं। मैंने बहुत सारे योगियों की आत्मकथा और वैज्ञानिकों का बचपन पढ़ा है, ऐसे ही एक वैज्ञानिक *अल्बर्ट आइंस्टीन* जब 4 साल के थे तो वह वर्ष की ठीक से बोल भी नहीं पाते थे, साथ ही उनका दिमाग आम लोगों की तुलना में ज्यादा बड़ा था।
ऐसे बच्चे आंतरिक जगत में सोच में निमग्न रहते हैं, इनके भीतर कुछ बड़ा पक रहा होता है। ऐसे बच्चे सोशल नहीं होते, इनकी अपनी दुनियाँ होती है।
आप विदेश में है यह भी हो सकता है कि जो आत्मा जन्मी है है वो पिछले जन्म में अन्य भाषा मे बोलने वाली हो। आपकी भाषा सीखने में उसे इस जन्म में वक्त लग रहा हो।
अतः व्यर्थ की चिंता न करें, और बच्चा ध्यान दे या न दे, उसे रोज एक प्रेरणापद कहानी बोल बोलकर सुनाएँ।
घर में नित्य बलिवैश्व यज्ञ करें, औऱ नित्य बच्चे के लिए एक माला गायत्री मंत्र और 24 महामृत्युंजय मंत्र जपें।
👉🏼 *गायत्री मंत्र* - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।*
भावार्थ:- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।
👉🏼 *महामृत्युंजय मंत्र* - *ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।*
*उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥*
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*साथ ही एक माला निम्नलिखित मंन्त्र की जपें*:-
ॐ जूं स: माम पुत्र पालय पालय स: जूं ॐ
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नित्य ध्यान में बच्चे को लेकर शान्तिकुंज जाएं और वहां आशीर्वाद लें। बच्चे की आत्मा से ध्यान में संवाद करें।
बच्चा आपका स्वस्थ प्रशन्न है, परेशान न हों। ख़ुश रहें और आनन्द से बच्चे का पालन करें।
शान्तिकुंज से *यज्ञभष्म* अपने रिलेटिव से कह कर कोरियर से मंगवा लें, नित्य एक ग्लास पानी में अत्यंत थोड़ी चुटकी यज्ञभष्म मिलाकर हाथ में ग्लास लेकर तीन बार गायत्री मंत्र, एक बार महामृत्युंजय मंत्र और एक "माम पुत्र पालय" वाला जपकर बच्चे को पिला दें।
विश्वास रखें और धैर्य रखें, कि ईश्वर ने आपको श्रेष्ठ सन्तान दी है, पांच वर्ष का होते होते वह बात चीत करने में एक्सपर्ट हो जाएगा।
*प्रज्ञा पुराण व बाल निर्माण की कहानियां* पढ़े और पढ़ाये।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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