Sunday, 15 September 2019

प्रश्न - *दी, पितृपक्ष मे दैनिक साधना करनी चाहिए कि नहीं, लोगो की मान्यता है कि पितरों की ही पूजा करनी चाहिए।*

प्रश्न - *दी, पितृपक्ष मे दैनिक साधना करनी चाहिए कि नहीं, लोगो की मान्यता है कि पितरों की ही पूजा करनी चाहिए।*

उत्तर- आत्मीय बहन, जो यह कहता है कि पितृ पक्ष में दैनिक साधना नहीं करनी चाहिए व केवल पितरों की पूजा करनी चाहिए, उन लोगों को अध्यात्म का ज्ञान नहीं है और न ही उन्होंने धर्म ग्रन्थों का अध्ययन किया है।

पितृ पक्ष वस्तुतः आध्यात्मिक उपक्रम व पूजन द्वारा पितरों की मुक्ति, शांति व सद्गति के लिए प्रयास करने का पर्व है। इसमें दैनिक साधना अनिवार्य है, साथ ही दैनिक साधना में पितरों की मुक्ति के लिए साधना करना अनिवार्य है।

गायत्री मंत्र जप, तप, उपवास, अनुष्ठान सब कुछ पितृ पक्ष में कर सकते हैं, लेकिन यह ध्यान रखते हुए कि प्रत्येक तप में पितरों की मुक्ति, शांति व सद्गति के लिए भी प्रार्थना शामिल होनी चाहिए।

श्राद्ध तर्पण में जिसने भी आपको यह बताया है कि केवल पितरों की पूजा होती है व कौवे को भोग लगता है, यह अधूरा प्रोसेस व ज्ञान बताया है।

*श्राद्ध में दैनिक साधना के साथ वस्तुतः पंच बलि कर्म भी किया जाता है-*

(1) गौ बलि पत्ते पर (गौ माता को भोजन),
(2) श्वान बलि पत्ते पर(कुत्ते को भोजन),
(3) काक बलि (कौए को भोजन) पृथ्वी पर,
(4) देव बलि पत्ते पर या हवन द्वारा (देवताओं को भोजन) तथा
(5) प‍िपलिका बलि (कीड़े-चींटी इत्यादि के लिए भोजन) पत्ते पर किया जाता है।

ब्राह्मण के लिए संकल्प लेकर भोजन करवाया जाता है या ज्ञान विस्तार हेतु दान (दान दिए जाने योग्य) किया जाता है।

सबकी तृप्ति व मुक्ति के लिए बलिवैश्व यज्ञ नित्य करें। सर्व विधि आपका कल्याण होगा।

कुछ लोग मूर्खतावश पितृपक्ष का किसी की मृत्यु के समय पालन किये जाने वाले सूतक की तरह पालन करते है, व कोई भी शुभ कर्म पितृपक्ष में नहीं करते, जो कि रुढ़िवादी सोच है जिसका कोई आध्यात्मिक तथ्य नहीं है। पितर वस्तुतः अशरीरी हैं, उन्होंने अभी देह त्याग नहीं किया। उनके हेतु किये गए तप, श्राद्ध व तर्पण विशेष पर्व पितृपक्ष को सूतक की तरह पालने की कोई जरूरत नहीं है।

पितरों का पूजन व उनका भाग देव पूजन के साथ साथ किया जा सकता है। भगवान कृष्ण ने स्वयं गीता में पितरों के पूजन, श्राद्ध-तर्पण करने को कहा है। पितरों व देवताओ में आपस मे कोई बैर नहीं। वो सब एक दूसरे के सहयोगी हैं। अतः पितृ पक्ष में दैनिक साधना भी करें, साथ ही पितरो को श्रद्धा भी अर्पित करें।

🙏🏻 श्वेता, DIYA

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