🌹 *श्री लक्ष्मी अवतरण दिवस - शरदपूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा - लक्ष्मीपूजन विधिविधान, 20 अक्टूबर 2021* 🌹
आज का दिन महत्त्वपूर्ण है, आज के दिन लक्ष्मी जी का समुद्रमंथन के दौरान अवतरण हुआ था, आज के ही दिन चन्द्र 16 कलाओं में होता है, आज के ही दिन 16 कलाओं के अवतार जगतगुरु महायोगी श्रीकृष्ण ने महारास धरती पर रचाया था।
*समुद्र मंथन की लक्ष्मी :* समुद्र मंथन की लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है, अश्वनी शरदपूर्णिमा के दिन ही उनका अवतरण हुआ था। इसलिए विधिविधान से उनका पूजन कर लक्ष्मी अवतरण दिवस मनाया जाता है । उनके हाथ में स्वर्ण से भरा कलश है। इस कलश द्वारा लक्ष्मीजी धन की वर्षा करती रहती हैं। उनके वाहन को सफेद हाथी माना गया है।
दरअसल, महालक्ष्मीजी के 4 हाथ बताए गए हैं। वे 1 लक्ष्य और 4 प्रकृतियों ( *दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प, श्रमशीलता एवं प्रबन्ध व्यवस्था शक्ति*) के प्रतीक हैं और मां महालक्ष्मीजी सभी हाथों से अपने भक्तों पर आशीर्वाद की वर्षा करती हैं। लक्ष्मी भक्तों की भक्ति तभी पूर्ण होती है जब वो *दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प, श्रमशीलता एवं प्रबन्ध व्यवस्था शक्ति* को जीवन में अपनाते हैं।
*अष्टलक्ष्मी क्या है?*
अष्टलक्ष्मी माता लक्ष्मी के 8 विशेष रूपों को कहा गया है। माता लक्ष्मी के 8 रूप ये हैं- आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
*माता लक्ष्मी के प्रिय भोग* : मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात आदि।
*महालक्ष्मी पूजन विधि*
( घर में धन धान्य वृद्धि और सुख शांति के लिए )
🌺🌺🌺🌺🌺🌺
👉🏻1- गुरु आवाहन मंत्र - *ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुरेव महेश्वरः । गुरुरेव परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।*
👉🏻2- गणेश आवाहन मंत्र - *ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दन्ती: प्रचोदयात् ।*
👉🏻3 - नारायण आवाहन मन्त्र - *ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु: प्रचोदयात ।।*
👉🏻4- लक्ष्मी आवाहन मंत्र - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।*
👉🏻5- चन्द्र आवाहन मंत्र - *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात् ।*
👉🏻6 -दीपदान मंत्र ( कम से कम 5 या 11 या 21 घी के दीपकों को प्रज्वल्लित करें )-
*ॐ अग्निर्ज्योतिर्ज्योतिरग्नी: स्वाहा । सूर्यो ज्योतिर्ज्योतिः सूर्यः स्वाहा । अग्निर्वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्चो स्वाहा । सूर्यो वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्च: स्वाहा । ज्योतिः सूर्य्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा ।।*
👉🏻7 - चौबीस(२४) बार गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।*
👉🏻8- तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें - *ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।*
👉🏻9 - तीन बार लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॥*
👉🏻10 - तीन बार गणेश मंत्र का जप करें - *ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥*
👉🏻11 - तीन बार कुबेर का मंत्र जप करें - *ॐ यक्ष राजाय विद्महे, वैश्रवणाय धीमहि, तन्नो कुबेराय प्रचोदयात्॥*
👉🏻12- तीन बार लक्ष्मीपति भगवान विष्णु गायत्री मन्त्र का जप करें- *नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु: प्रचोदयात।*
👉🏻13 - तीन बार चन्द्र गायत्री मंत्र का जप करें- *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात् ।*
👉🏻14 - शान्तिपाठ - *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।*
दीपक नकारात्मकता का शमन कर सकारात्मक दैवीय शक्तियों को घर में प्रवेश देता है। घर के मुख्य् द्वार पर दो घी या सरसों या तिल के तेल के रुई बाती वाले दीपक, एक तुलसी के पास, एक रसोईं में और एक बड़ा मुख्य् दीपक सूर्यास्त के बाद जलाकर रख दें। फिर कलश स्थापना कर पूजन करें। दीपयज्ञ/दीपदान के बाद घर की तिज़ोरी/लेपटॉप/बैंक की पासबुक इत्यादि का पूजन अवश्य करें।
खीर प्रसाद में मखाना डालकर चढ़ाएं। यदि सम्भव हो तो खीर का भोग चांदी की कटोरी में चढ़ाएं या स्टील की कटोरी में चांदी की चम्मच या अंगूठी डाल दें। खीर को पूजन के बाद चाँद की रौशनी में कम से एक घण्टे रखें व चन्द्र दर्शन करें।
चन्द्रमा औषधियों और मन का देवता है, इसकी किरणों से ही औषधियों को बल मिलता है। चन्द्र किरणों का खीर से स्पर्श उसमे औषधीय गुण डालता है। जिसे खाने से तन और मन दोनों स्वस्थ होता है।
आज के दिन बलिवैश्व देव यज्ञ भी खीर से ही करें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
इतने दिनों पूर्व भेजने से आप सभी अपने ईष्ट मित्रों को समय से पूर्व फारवर्ड कर दें। अतः षट कर्म और कलश पूजन हेतु 📖 *कर्मकाण्ड प्रदीप्त* शांतिकुंज पब्लिकेशन की पुस्तक की मदद ले।
कुछ युगनिर्माण योजना मथुरा प्रकाशन की पुस्तकें जिनके स्वाध्याय से अमीर बनने के रहस्य पता चलेंगे, जरूर धनतेरस के दिन पढ़े:-
1- धनवान बनने के गुप्त रहस्य
2- सफलता के सात सूत्र साधन
3- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
4- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
5- आगे बढ़ने की तैयारी
आज का दिन महत्त्वपूर्ण है, आज के दिन लक्ष्मी जी का समुद्रमंथन के दौरान अवतरण हुआ था, आज के ही दिन चन्द्र 16 कलाओं में होता है, आज के ही दिन 16 कलाओं के अवतार जगतगुरु महायोगी श्रीकृष्ण ने महारास धरती पर रचाया था।
*समुद्र मंथन की लक्ष्मी :* समुद्र मंथन की लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है, अश्वनी शरदपूर्णिमा के दिन ही उनका अवतरण हुआ था। इसलिए विधिविधान से उनका पूजन कर लक्ष्मी अवतरण दिवस मनाया जाता है । उनके हाथ में स्वर्ण से भरा कलश है। इस कलश द्वारा लक्ष्मीजी धन की वर्षा करती रहती हैं। उनके वाहन को सफेद हाथी माना गया है।
दरअसल, महालक्ष्मीजी के 4 हाथ बताए गए हैं। वे 1 लक्ष्य और 4 प्रकृतियों ( *दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प, श्रमशीलता एवं प्रबन्ध व्यवस्था शक्ति*) के प्रतीक हैं और मां महालक्ष्मीजी सभी हाथों से अपने भक्तों पर आशीर्वाद की वर्षा करती हैं। लक्ष्मी भक्तों की भक्ति तभी पूर्ण होती है जब वो *दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प, श्रमशीलता एवं प्रबन्ध व्यवस्था शक्ति* को जीवन में अपनाते हैं।
*अष्टलक्ष्मी क्या है?*
अष्टलक्ष्मी माता लक्ष्मी के 8 विशेष रूपों को कहा गया है। माता लक्ष्मी के 8 रूप ये हैं- आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
*माता लक्ष्मी के प्रिय भोग* : मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात आदि।
*महालक्ष्मी पूजन विधि*
( घर में धन धान्य वृद्धि और सुख शांति के लिए )
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👉🏻1- गुरु आवाहन मंत्र - *ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु, गुरुरेव महेश्वरः । गुरुरेव परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।*
👉🏻2- गणेश आवाहन मंत्र - *ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दन्ती: प्रचोदयात् ।*
👉🏻3 - नारायण आवाहन मन्त्र - *ॐ नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु: प्रचोदयात ।।*
👉🏻4- लक्ष्मी आवाहन मंत्र - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ।*
👉🏻5- चन्द्र आवाहन मंत्र - *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात् ।*
👉🏻6 -दीपदान मंत्र ( कम से कम 5 या 11 या 21 घी के दीपकों को प्रज्वल्लित करें )-
*ॐ अग्निर्ज्योतिर्ज्योतिरग्नी: स्वाहा । सूर्यो ज्योतिर्ज्योतिः सूर्यः स्वाहा । अग्निर्वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्चो स्वाहा । सूर्यो वर्च्चो ज्योतिर्वर्च्च: स्वाहा । ज्योतिः सूर्य्यः सूर्यो ज्योतिः स्वाहा ।।*
👉🏻7 - चौबीस(२४) बार गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् , भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।*
👉🏻8- तीन बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें - *ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।*
👉🏻9 - तीन बार लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें - *ॐ महा लक्ष्म्यै विद्महे, विष्णु प्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॥*
👉🏻10 - तीन बार गणेश मंत्र का जप करें - *ॐ एक दन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि । तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥*
👉🏻11 - तीन बार कुबेर का मंत्र जप करें - *ॐ यक्ष राजाय विद्महे, वैश्रवणाय धीमहि, तन्नो कुबेराय प्रचोदयात्॥*
👉🏻12- तीन बार लक्ष्मीपति भगवान विष्णु गायत्री मन्त्र का जप करें- *नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि । तन्नो विष्णु: प्रचोदयात।*
👉🏻13 - तीन बार चन्द्र गायत्री मंत्र का जप करें- *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि । तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात् ।*
👉🏻14 - शान्तिपाठ - *ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।*
दीपक नकारात्मकता का शमन कर सकारात्मक दैवीय शक्तियों को घर में प्रवेश देता है। घर के मुख्य् द्वार पर दो घी या सरसों या तिल के तेल के रुई बाती वाले दीपक, एक तुलसी के पास, एक रसोईं में और एक बड़ा मुख्य् दीपक सूर्यास्त के बाद जलाकर रख दें। फिर कलश स्थापना कर पूजन करें। दीपयज्ञ/दीपदान के बाद घर की तिज़ोरी/लेपटॉप/बैंक की पासबुक इत्यादि का पूजन अवश्य करें।
खीर प्रसाद में मखाना डालकर चढ़ाएं। यदि सम्भव हो तो खीर का भोग चांदी की कटोरी में चढ़ाएं या स्टील की कटोरी में चांदी की चम्मच या अंगूठी डाल दें। खीर को पूजन के बाद चाँद की रौशनी में कम से एक घण्टे रखें व चन्द्र दर्शन करें।
चन्द्रमा औषधियों और मन का देवता है, इसकी किरणों से ही औषधियों को बल मिलता है। चन्द्र किरणों का खीर से स्पर्श उसमे औषधीय गुण डालता है। जिसे खाने से तन और मन दोनों स्वस्थ होता है।
आज के दिन बलिवैश्व देव यज्ञ भी खीर से ही करें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
इतने दिनों पूर्व भेजने से आप सभी अपने ईष्ट मित्रों को समय से पूर्व फारवर्ड कर दें। अतः षट कर्म और कलश पूजन हेतु 📖 *कर्मकाण्ड प्रदीप्त* शांतिकुंज पब्लिकेशन की पुस्तक की मदद ले।
कुछ युगनिर्माण योजना मथुरा प्रकाशन की पुस्तकें जिनके स्वाध्याय से अमीर बनने के रहस्य पता चलेंगे, जरूर धनतेरस के दिन पढ़े:-
1- धनवान बनने के गुप्त रहस्य
2- सफलता के सात सूत्र साधन
3- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
4- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
5- आगे बढ़ने की तैयारी
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