Tuesday, 1 October 2019

कविता - रिश्ते निभाने में हमेशा दिल बड़ा रखना*

*रिश्ते निभाने में हमेशा दिल बड़ा रखना*

मेरे बेटे,
किसी को माफ़ कर सको,
इतना दिल बड़ा रखना,
क्रोध में भी अच्छाई देख सको,
वो महान विवेकदृष्टि रखना,
रिश्ते निभाने में हमेशा,
अपना दिल बड़ा रखना।

किसी के कटु शब्दों को,
दिल से लगाकर मत रखना,
किसी के अच्छे कर्मों को,
हमेशा दिल से लगाकर रखना,
किसने क्या कहा और किसने क्या किया,
हमेशा क्या किया पर निर्णय लेना,
क्रोध में कहे कटु वचनों को इग्नोर करना,
कर्म को वचन से अधिक महत्व देना
रिश्ते निभाने में हमेशा,
अपना दिल बड़ा रखना।

किसी व्यक्ति पर निर्णय लेने से पहले,
एक कुशल व्यापारी की तरह सोचना,
व्यक्ति की उम्रभर की अच्छाई व बुराई को,
ईमानदारी से ठंडे दिमाग़ से तौलना,
यदि अच्छाई थोड़ी भी ज़्यादा मिले,
उसके वर्तमान अपराधों को भूला देना,
हृदय बड़ा करके उसे गले लगा लेना।

किसी को अच्छा या बुरा समझने से पहले,
एक कुशल चिकित्सक की तरह सोचना,
उस व्यक्ति का पुराना रिकॉर्ड क्या कहता है,
इस पर गहराई से विचार करना,
वो परिस्थितिवश बुरा है या मनःस्थिति से बुरा है,
पहले से बुरा है या हालिया बुरा बना है,
यदि उसका स्वभाव,
ठीक होने की गुंजाइश 1% भी हो तो,
उसे आत्मियता की दवा देकर सुधार लेना,
उसके वर्तमान अपराधों को भूला देना,
हृदय बड़ा करके उसे गले लगा लेना।

किसी की मदद करने से पहले,
एक वृक्ष की तरह सोचना,
जो आये शरण में तो उसे छाया अवश्य देना,
जो आये मदद मांगने उसकी मदद अवश्य करना,
मग़र बेटे ध्यान रहे,
अपनी जड़ उखाड़कर मदद मत करना,
अपनी सामर्थ्य से बाहर जाकर मदद मत करना,
क्योंकि पेड़ अगर एक की मदद करने में उखड़ गया,
तो अनेकों राहगीरों को छाया देने से चूक जाएगा,
स्वयं को इतना हरा भरा योग्य बनाना कि,
हृदय बड़ा करके सबको गले लगा लेना,
बिन भेदभाव आत्मियता व सम्वेदना की छाया देना।

मेरे बेटे,
जिंदगी के किसी मोड़पर,
कभी कठिन समय आ जाये,
तब किसी और से मदद मांगकर,
किसी और की मदद मत करना,
मदद किसी की ऐसी करना,
कि तुम्हें किसी और से मदद मांगनी न पड़े,
किसी को दलदल से निकालने के लिए,
तुम्हें दलदल में उतरना न पड़े,
किनारे से ही बुद्धिबल से,
दूसरों को उबार लेना,
न उबार सको किसी को तो,
उसके लिए प्रार्थना करना,
स्वयं भूखे रहकर,
अपनी रोटी दूसरों को जरूर देना,
मग़र अपनों की रोटी छीन के,
किसी और को वो रोटी दान मत देना,
केवल अपने हिस्से की ईमानदारी बरतना,
कोई क्या सोचता है इसकी परवाह मत करना,
रिश्ते निभाने में हमेशा,
अपना दिल बड़ा रखना।

🙏🏻श्वेता, DIYA

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