प्रश्न - *दी, मैं गर्भवती हूँ, और अब साप्ताहिक गुरुवार व्रत रखते समय मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?*
उत्तर - आत्मीय बहन, हमारे हिन्दू धर्म में साप्ताहिक व्रत के दौरान फलाहारी भजन व पेयपदार्थ जैसे गैर-अनाजी पदार्थ, फल, सब्जियां, दूध और रस आदि के सेवन करने की अनुमति है। ऐसे में ताजा फल और सब्जियों के सेवन वाला व्रत रखना एक स्वस्थ विकल्प है। इससे आपको अनिवार्य पोषक तत्व जैसे आयरन आदि मिलते रहेंगे।
व्रत के दौरान अधिक मीठे खाद्य पदार्थों और कॉफी, चाय जैसे कैफीन युक्त पेय पदार्थों के सेवन से दूर ही रहें।
यदि मौसम गर्म और आर्द्रता वाला है, तो अत्याधिक गर्मी के वक्त घर के अंदर ही रहें।
प्रत्येक 4 घण्टे के अंदर समय अंतराल पर पानी, दूध, पनीर, शहद, सब्जियों के रस, लौकी इत्यादि के उबालकर सेंधानमक के साथ, दही, नारियल, ड्राइफ्रूट्स, गुड़ के साथ गर्भावस्था के ताजगी भरे पेय लेती रहें।
कोशिश करें कि व्रत के दौरानआप बहुत ज्यादा मीठे या तले हुए वसायुक्त भोजन और कैफीनयुक्त पेय जैसे कॉफी या चाय न लें।
दिन में कुछ समय के लिए आराम करने का प्रयास करें। व्रत में मेहनत वाले कार्य और व्यायाम न करना बेहतर है ।
शांत रहें और तनाव वाली परिस्थितियों से बचें। काम का दबाव और अपनी दिनचर्या और आहार में बदलाव से शरीर पर तनाव बढ़ सकता है।
व्रत के दौरान आपकी पाचन प्रणाली धीमी पड़ जाती है, अत: अपना व्रत धीरे-धीरे समाप्त करें। पहले फलों का रस का एक छोटा गिलास या नारियल पानी पीएं और इसके बाद हल्का भोजन करें।
*नोट:*- यदि फल व नारियल पानी की व्यवस्था न हो तो सब्जियों को उबालकर उसमें सेंधानमक व कालीमिर्च डालकर लें। एक एक चम्मच शहद दिन में तीन बार ले लें, शहद में बहुत पोषक तत्व होते हैं। सेंधानमक गर्भवती सभी बहनों को किसी भी व्रत के दौरान अवश्य लेना चाहिए। भगवान माता-स्वरूप हैं, वह गर्भावस्था में नमक लेने से नाराज़ नहीं होते। खूब स्वाध्याय कीजिये व जप-तप-ध्यान कीजिये। वैसे उपरोक्त विधि का व्रत अनाज से भी ज्यादा पौष्टिकता व्रत के दिन गर्भस्थ तक पहुंचाएगा।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय बहन, हमारे हिन्दू धर्म में साप्ताहिक व्रत के दौरान फलाहारी भजन व पेयपदार्थ जैसे गैर-अनाजी पदार्थ, फल, सब्जियां, दूध और रस आदि के सेवन करने की अनुमति है। ऐसे में ताजा फल और सब्जियों के सेवन वाला व्रत रखना एक स्वस्थ विकल्प है। इससे आपको अनिवार्य पोषक तत्व जैसे आयरन आदि मिलते रहेंगे।
व्रत के दौरान अधिक मीठे खाद्य पदार्थों और कॉफी, चाय जैसे कैफीन युक्त पेय पदार्थों के सेवन से दूर ही रहें।
यदि मौसम गर्म और आर्द्रता वाला है, तो अत्याधिक गर्मी के वक्त घर के अंदर ही रहें।
प्रत्येक 4 घण्टे के अंदर समय अंतराल पर पानी, दूध, पनीर, शहद, सब्जियों के रस, लौकी इत्यादि के उबालकर सेंधानमक के साथ, दही, नारियल, ड्राइफ्रूट्स, गुड़ के साथ गर्भावस्था के ताजगी भरे पेय लेती रहें।
कोशिश करें कि व्रत के दौरानआप बहुत ज्यादा मीठे या तले हुए वसायुक्त भोजन और कैफीनयुक्त पेय जैसे कॉफी या चाय न लें।
दिन में कुछ समय के लिए आराम करने का प्रयास करें। व्रत में मेहनत वाले कार्य और व्यायाम न करना बेहतर है ।
शांत रहें और तनाव वाली परिस्थितियों से बचें। काम का दबाव और अपनी दिनचर्या और आहार में बदलाव से शरीर पर तनाव बढ़ सकता है।
व्रत के दौरान आपकी पाचन प्रणाली धीमी पड़ जाती है, अत: अपना व्रत धीरे-धीरे समाप्त करें। पहले फलों का रस का एक छोटा गिलास या नारियल पानी पीएं और इसके बाद हल्का भोजन करें।
*नोट:*- यदि फल व नारियल पानी की व्यवस्था न हो तो सब्जियों को उबालकर उसमें सेंधानमक व कालीमिर्च डालकर लें। एक एक चम्मच शहद दिन में तीन बार ले लें, शहद में बहुत पोषक तत्व होते हैं। सेंधानमक गर्भवती सभी बहनों को किसी भी व्रत के दौरान अवश्य लेना चाहिए। भगवान माता-स्वरूप हैं, वह गर्भावस्था में नमक लेने से नाराज़ नहीं होते। खूब स्वाध्याय कीजिये व जप-तप-ध्यान कीजिये। वैसे उपरोक्त विधि का व्रत अनाज से भी ज्यादा पौष्टिकता व्रत के दिन गर्भस्थ तक पहुंचाएगा।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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