प्रश्न - *दी, यदि कोई मेरी शारीरिक बनावट को देखकर हँसे व मुझे अपमानित करे तो ऐसी अवस्था मे अपना आत्मविश्वास और कॉन्फिडेंस को टूटने से कैसे बचाऊँ?*
उत्तर- आत्मीय बेटे, यदि कोई आपकी शारीरिक संरचना पर हंस रहा है व मज़ाक उड़ा रहा है तो वस्तुतः वह आपके रचनाकार भगवान का मज़ाक उड़ा रहा है। तो ऐसे मूर्ख अज्ञानी पर आपको दया आनी चाहिए, क्योंकि भगवान की हँसी उड़ाना उसको महंगा पड़ेगा व दण्ड कालांतर में उसे अवश्य मिलेगा।
अच्छा यह बताओ, यदि मूर्ति सुंदर है तो श्रेय किसका? मूर्तिकार का है न..
यदि मूर्ति कुरूप हुई तो उसके लिए जिम्मेदार कौन? मूर्तिकार है न...
तुम भी परमात्मा द्वारा बनाई मूर्ति हो, अतः तुम्हारा मूर्तिकार परमात्मा है। तो मज़ाक परमात्मा का उड़ाया गया, तुम्हारा नहीं।
तुम बिजनेस के दौरान कस्टमर हैंडल करो या इंटरव्यू देने जाओ या बच्चों को पढ़ाओ, किसी भी अवस्था मे मज़ाक उड़ाने वाले तुम्हारे अस्तित्व से अपरिचित हैं, बाह्य तुम्हारा शरीर जो कि परमात्मा द्वारा बनाया है, वही दृश्य है। तो तुम्हें कॉन्फिडेंस लूज करने की आवश्यकता नहीं।
तुम्हें जो बुद्धि परमात्मा ने दी है, उसे तराशने की आवश्यकता है। भगवान ने जो भी शरीर हमें हमारे पूर्व जन्म के कर्म फल अनुसार दिया है, उसे सहर्ष स्वीकारो, इस शरीर का बेहतरीन उपयोग कैसे कर सकते हो यह सोचो।
गाड़ी की क़ीमत उसके बाह्य आकर और लुक से तय नहीं होती, उसकी असली क़ीमत और वर्चस्व उसके भीतर का इंजन, माइलेज और सुविधाएं तय करती हैं।
मनुष्य के सफ़लता और वर्चस्व को उसका लुक और बाह्य आकर तय नहीं करता, उसकी असली पहचान, वर्चस्व व सफ़लता उसके भीतर का बुद्धि इंजन, उसके कार्य व गुण तय करते हैं। जितने भी महापुरुषों को आपने अब तक अपनी पाठ्यपुस्तक में पढ़ा उन सबके कार्य, बुद्धि व उपलब्धि को पढ़ा। किसी को लुक और बाह्य आकार के लिए महापुरुष की संज्ञा नहीं मिली।
वांग्मय 57 - *मनस्विता, प्रखरता और तेजस्विता* नित्य पढ़ो, उन रियल हीरो व हीरोइन को जानो जिनके कार्य से उन्हें सम्मान मिला। अतः बुद्धि के इंजन पर फोकस करो, अब यदि कोई हँसे तो तुम भी जोर से हंसना और अपने आत्मविश्वास और कॉन्फिडेंस को *आचार्य अष्टावक्र* की तरह दोगुना बढ़ाना।
इस 13 मिनट के वीडियो को पूरा देखना व इस तथ्य को समझना।
https://youtu.be/BAHZ8mTxAv8
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर- आत्मीय बेटे, यदि कोई आपकी शारीरिक संरचना पर हंस रहा है व मज़ाक उड़ा रहा है तो वस्तुतः वह आपके रचनाकार भगवान का मज़ाक उड़ा रहा है। तो ऐसे मूर्ख अज्ञानी पर आपको दया आनी चाहिए, क्योंकि भगवान की हँसी उड़ाना उसको महंगा पड़ेगा व दण्ड कालांतर में उसे अवश्य मिलेगा।
अच्छा यह बताओ, यदि मूर्ति सुंदर है तो श्रेय किसका? मूर्तिकार का है न..
यदि मूर्ति कुरूप हुई तो उसके लिए जिम्मेदार कौन? मूर्तिकार है न...
तुम भी परमात्मा द्वारा बनाई मूर्ति हो, अतः तुम्हारा मूर्तिकार परमात्मा है। तो मज़ाक परमात्मा का उड़ाया गया, तुम्हारा नहीं।
तुम बिजनेस के दौरान कस्टमर हैंडल करो या इंटरव्यू देने जाओ या बच्चों को पढ़ाओ, किसी भी अवस्था मे मज़ाक उड़ाने वाले तुम्हारे अस्तित्व से अपरिचित हैं, बाह्य तुम्हारा शरीर जो कि परमात्मा द्वारा बनाया है, वही दृश्य है। तो तुम्हें कॉन्फिडेंस लूज करने की आवश्यकता नहीं।
तुम्हें जो बुद्धि परमात्मा ने दी है, उसे तराशने की आवश्यकता है। भगवान ने जो भी शरीर हमें हमारे पूर्व जन्म के कर्म फल अनुसार दिया है, उसे सहर्ष स्वीकारो, इस शरीर का बेहतरीन उपयोग कैसे कर सकते हो यह सोचो।
गाड़ी की क़ीमत उसके बाह्य आकर और लुक से तय नहीं होती, उसकी असली क़ीमत और वर्चस्व उसके भीतर का इंजन, माइलेज और सुविधाएं तय करती हैं।
मनुष्य के सफ़लता और वर्चस्व को उसका लुक और बाह्य आकर तय नहीं करता, उसकी असली पहचान, वर्चस्व व सफ़लता उसके भीतर का बुद्धि इंजन, उसके कार्य व गुण तय करते हैं। जितने भी महापुरुषों को आपने अब तक अपनी पाठ्यपुस्तक में पढ़ा उन सबके कार्य, बुद्धि व उपलब्धि को पढ़ा। किसी को लुक और बाह्य आकार के लिए महापुरुष की संज्ञा नहीं मिली।
वांग्मय 57 - *मनस्विता, प्रखरता और तेजस्विता* नित्य पढ़ो, उन रियल हीरो व हीरोइन को जानो जिनके कार्य से उन्हें सम्मान मिला। अतः बुद्धि के इंजन पर फोकस करो, अब यदि कोई हँसे तो तुम भी जोर से हंसना और अपने आत्मविश्वास और कॉन्फिडेंस को *आचार्य अष्टावक्र* की तरह दोगुना बढ़ाना।
इस 13 मिनट के वीडियो को पूरा देखना व इस तथ्य को समझना।
https://youtu.be/BAHZ8mTxAv8
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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