प्रत्येक हनुमान को जामवंत की जरूरत पड़ती है, भूले हुए बल को याद दिलाने के लिए...
इसी तरह प्रत्येक शिक्षक हनुमान स्तर के लोगों को भी समय समय पर ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है, भूले हुए बल और सङ्कल्प को याद दिलाने के लिए...
ट्रेनर व काउंसलर एक चिंगारी की तरह होता है जो आपके भीतर भरे ज्ञान के बारूद को जलाने के लिए होता है...हर बारूद को चिंगारी चाहिए ...
हे शिक्षकों तुम ही भारत के भाग्य विधाता के निर्माता हो...तुम जॉब करने हेतु शिक्षक मत बनो... वही शिक्षक बने जो देशभक्त हो...जो राष्ट्र के निर्माता को गढ़ सके..इस महान कार्य को करने के लिए जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह जोश व जस्बा रखे, कष्ट उठा सके...
यह जॉब शिक्षक की आपने पूरे होशोहवास में अपनी मर्जी से चुनी है, किसी ने कनपटी पर गोली नहीं लगाई थी शिक्षक बनने के लिए... महत्तपूर्ण पद है शिक्षक...बलिदान मांगता है...
सैनिक को बहुत ज्यादा सैलरी नहीं मिलती, फिर भी घर पर बीबी बच्चे छोड़कर जंग के मैदान में जान की बाजी लगाता है, क्योंकि वह देश से प्रेम करता है।
जो शिक्षक देश से प्रेम करेगा, वह अपने बच्चों की तरह देश के प्रत्येक बच्चों को देखेगा, और बड़ी शिद्दत व लगन से देश के बच्चों की मानसिकता गढ़ेगा।
याद रखिये, आप मात्र सब्जेक्ट टीचर और जॉब के लिए मदद करने वाले फैसिलिटेटर बनकर न रह जाना। आप बच्चों के शिक्षक बनना, उन्हें देशभक्त व समर्थ नागरिक गढ़ने में जुट जाना।
45 मिनट बच्चों के साथ आपकी सरकार होती है, कोई कानून व सरकार डिस्टर्ब नहीं करता। कैसे व क्या बोलना है, कैसे पढ़ाना है वह आप तय कर सकते हों। गुरु बनकर शिष्यों को भवसागर से उबार सकते हो, उन्हें प्रेरित कर सकते हो।
जहां चाह हो वहां राह मिल ही जाती है।
शिक्षक के प्रशिक्षण शिविर में जरूर आएं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
इसी तरह प्रत्येक शिक्षक हनुमान स्तर के लोगों को भी समय समय पर ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है, भूले हुए बल और सङ्कल्प को याद दिलाने के लिए...
ट्रेनर व काउंसलर एक चिंगारी की तरह होता है जो आपके भीतर भरे ज्ञान के बारूद को जलाने के लिए होता है...हर बारूद को चिंगारी चाहिए ...
हे शिक्षकों तुम ही भारत के भाग्य विधाता के निर्माता हो...तुम जॉब करने हेतु शिक्षक मत बनो... वही शिक्षक बने जो देशभक्त हो...जो राष्ट्र के निर्माता को गढ़ सके..इस महान कार्य को करने के लिए जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह जोश व जस्बा रखे, कष्ट उठा सके...
यह जॉब शिक्षक की आपने पूरे होशोहवास में अपनी मर्जी से चुनी है, किसी ने कनपटी पर गोली नहीं लगाई थी शिक्षक बनने के लिए... महत्तपूर्ण पद है शिक्षक...बलिदान मांगता है...
सैनिक को बहुत ज्यादा सैलरी नहीं मिलती, फिर भी घर पर बीबी बच्चे छोड़कर जंग के मैदान में जान की बाजी लगाता है, क्योंकि वह देश से प्रेम करता है।
जो शिक्षक देश से प्रेम करेगा, वह अपने बच्चों की तरह देश के प्रत्येक बच्चों को देखेगा, और बड़ी शिद्दत व लगन से देश के बच्चों की मानसिकता गढ़ेगा।
याद रखिये, आप मात्र सब्जेक्ट टीचर और जॉब के लिए मदद करने वाले फैसिलिटेटर बनकर न रह जाना। आप बच्चों के शिक्षक बनना, उन्हें देशभक्त व समर्थ नागरिक गढ़ने में जुट जाना।
45 मिनट बच्चों के साथ आपकी सरकार होती है, कोई कानून व सरकार डिस्टर्ब नहीं करता। कैसे व क्या बोलना है, कैसे पढ़ाना है वह आप तय कर सकते हों। गुरु बनकर शिष्यों को भवसागर से उबार सकते हो, उन्हें प्रेरित कर सकते हो।
जहां चाह हो वहां राह मिल ही जाती है।
शिक्षक के प्रशिक्षण शिविर में जरूर आएं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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