Monday 20 January 2020

प्रश्न - *मेरे मात्र सुधरने, बदलने, अच्छा शिक्षक बनने व ज्ञानवान होने से शिक्षण जगत में बदलाव कैसे आएगा?*

प्रश्न - *मेरे मात्र सुधरने, बदलने, अच्छा शिक्षक बनने व ज्ञानवान होने से शिक्षण जगत में बदलाव कैसे आएगा?*

उत्तर- एक दिए के रौशन होने से वह दिया जहां रौशन है वहाँ का अँधेरा छटने लगता है।

आपके सुधरने, बदलने, साधक बनने और ज्ञानवान होने से सुधार व बदलाव आपके पास घटित होना शुरू होगा।

जैसे दूध के पतीले में एक तरफ ही गर्मी दी जाती है और कुछ वक़्त बाद पूरा दूध उबल जाता है।

ऐसे ही आपके तप की शक्ति से आसपास वाले लोगों की चेतना में भी गर्मी पहुंचेगी शनै: शनै: वह सुधरने लगेंगे, बदलने लगेंगे।

स्वयं का सुधार और बदलाव ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है। कम से कम 1/शिक्षण समाज तो सुधर व बदल ही जायेगा।

आपके सम्पर्क में आने के बाद किसी विद्यार्थी की तो तलाश पूरी होगी कि - *संसार में अच्छे शिक्षक आज भी हैं। धरती श्रेष्ठ शिक्षक से रिक्त नहीं हुई है, अंधेरे का साम्राज्य किसी ने रोक रखा है। एक जलता हुआ दिया आपके रूप में किसी को मिला तो क्या यह आपके लिये गौरव की बात नहीं होगी?*

धीरे धीरे दीपावली बन ही जाएगी। खरबूजे को देखकर खरबूजा रँग बदलता है, आपकी अच्छी संगति से भावनाशील लोग बदलेंगे और आपका अनुसरण करेंगे।

अपने प्रयास से लोगों को दिशाधारा देने के लिए पढ़े:-

📖 मैं क्या हूँ?
📖 अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा
📖 भाव सम्वेदना की गंगोत्री

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...