Saturday, 18 January 2020

क्या माता-पिता के रूप में बच्चे से क़्वालिटी सम्वाद करते हैं? क्या उन्हें यथार्थ जीवन से परिचय करवा रहे हैं?

*क्या माता-पिता  के रूप में बच्चे से क़्वालिटी सम्वाद करते हैं? क्या उन्हें यथार्थ जीवन से परिचय करवा रहे हैं?*

क्या आपने अपने बच्चों को घर में आ रहे आटे, दाल, चावल और सब्जी का रेट बताया है? साथ यह बताया है कि कितनी कठिन परिश्रम से किसान अन्न उपजाता है, फ़िर खेत से अनाज मंडी, फिर दुकानों और फिर घर तक कैसे आता है? आपकी थाली तक पहुंचने से पहले किचन में कितनी मेहनत से बनता है? अतः जूठन क्यों नहीं छोड़ना चाहिए?

क्या आपने अपने बच्चे को घर का प्रत्येक दिन का होने वाला ख़र्च गिनाया है? एक उम्र के बाद दादा दादी नहीं कमा रहे, अब उनके दायित्व वर्तमान में मम्मी पापा उठा रहे हैं, भविष्य में बच्चे आपको यही खर्च उठाना है? बच्चे आपकी क्या तैयारी है?

क्या आपने अपने बच्चे को माता-पिता की मेहनत समझाई है? उनकी घर ख़र्च चलाने के पीछे दैनिक कितने घण्टे कठिन परिश्रम जॉब, व्यवसाय इत्यादि को समझाया है? घर की व्यवस्था सम्हालने में कितने घण्टे की मेहनत माता-पिता को करनी पड़ती है? माता-पिता द्वारा किये जा रहे परिश्रम को क्या आपका बच्चा समझता है?

क्या आपने अपने बच्चे को एक मोबाईल जिससे लोग बात करते हैं, उसके पीछे कितने हज़ार लोगों की मेहनत, उनकी शिक्षा व दिमाग, बड़ी बड़ी मशीनरी से कैसे सबकुछ सम्भव हो रहा है यह समझाया है?

क्या आपने अपने बच्चे को टीवी वह जो देखता है, उसके पीछे कितने हज़ार लोगों की मेहनत, उनकी शिक्षा व दिमाग, बड़ी बड़ी मशीनरी से कैसे सबकुछ सम्भव हो रहा है यह समझाया है? एक्टर तो मात्र अभिनय करते हैं, लेक़िन पीछे कितनी बड़ी मेहनत चलती है यह सब समझाया है?

क्या आपने अपने बच्चे को नज़दीकी पॉवर हाउस घुमाया है, कैसे घर घर बिजली पहुंचाने के लिए पूरे देश में लाखों लोग मेहनत करते हैं, बड़ी बड़ी मशीनरी कार्य करती है तब घर मे रौशनी आती है यह सब समझाया है?

घर में यदि माता स्वयं बर्तन साफ करती है तो या काम करने वाली बाई की मेहनत समझाई है, कभी एक दिन ठण्ड की सुबह ठंडे/गर्म पानी जिससे मेड बर्तन धोती है उससे बर्तन धोने को बच्चे से कहा है? उस कष्ट व मेहनत को अनुभूत करवाया है?

कभी किसी एक दिन झाड़ू पोछा बच्चे से करवाया है? उन्हें घर की साफ सफाई के पीछे हो रहे श्रम व्यवस्था को समझाया है?

प्रत्येक पशु पक्षी को जीवन निर्वहन के लिए नित्य मेहनत करनी पड़ती है, कभी इसे डिटेल में समझाया है? पशु बीमार हो तो भी भोजन जुटाना उसे ही पड़ेगा अन्यथा भूखा मरता है? सभी जीवों के कष्ट को समझाया है?

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी क्यों है? आप किन किन चीज़ों पर समाज पर निर्भर हो? अन्न, कपड़े, जूते तथा सभी वस्तुएं किस तरह समाज से आती हैं समझाया है?

चिकित्सक वक़ील इंजीनियर पुलिस सेना व्यवसायी इत्यादि सभी लोगों की मेहनत, उनका समाज के लिए योगदान सबकुछ समझाया है?

बच्चे से उपरोक्त बातें कौन करेगा? उन्हें कौन परिवार व समाज से जोड़ेगा? कौन उन्हें उनके उत्तरदायित्व को याद दिलाएगा? कभी सोचा है?

अध्यात्म का जीवन मे क्या रोल है? पूजा पाठ क्यों होता है? योग प्राणायाम व ध्यान की महत्ता समझाई है? स्वस्थ रहने के सरल उपाय समझाए हैं?

*निम्नलिखित चार पुस्तक पढ़िये और बच्चे के निर्माण में अपनी भूमिका सही से निभाइये। आपका बच्चा पशु नहीं है कि मात्र खाने, पीने, रहने व पढ़ने की व्यवस्था करवा देने मात्र से आपकी जिम्मेदारी पूरी हो गयी। वह एक सामाजिक प्राणी है, उसे समाज से और उसके उत्तरदायित्व से जोड़ना आपकी जिम्मेदारी है।*

📖 बच्चों का भावनात्मक विकास (बच्चों का बाल मनोविज्ञान)
📖 सफल जीवन की दिशा धारा
📖 स्वस्थ रहने के सरल उपाय
📖 अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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