Saturday 18 January 2020

प्रश्न - *विवाह के लिए दो रिश्ते आएं हैं कौन सा मेरे लिए बेहतर होगा, समझ नहीं आ रहा। मार्गदर्शन करें?*

उत्तर - कोई भी रिश्ता परफेक्ट नहीं होता, उसे परफेक्ट बनाना पड़ता है।

पहले निर्णय लो, फिर उस निर्णय को सही साबित करने के लिए तन मन धन से प्रयास करो।

व्यक्ति चुन रहे हो स्वर्ण नहीं, अतः व्यक्ति परिवर्तनशील है। एक बार की परख कार्य नहीं करेगी।

अच्छी रोड में अकुशल ड्राइवर एक्सीडेंट करता है।

अच्छे रिश्ते के बाद भी रिलेशन को अकुशल लोग बिगाड़ते हैं।

कुशल ड्राइवर कैसी भी रोड को गाड़ी चला लेता है और सफर का आनन्द लेता है।

कुशल लोग कैसा भी रिश्ता मिले विवाह के बाद उसे सम्हाल लेते हैं और आनन्दित जीवन जीते हैं।

कलियुग में कुछ भी पका पकाया नहीं मिलता, रोटियां खेत से नहीं उगती।

गेंहू उगता और उसे रोटी तक का सफर कराना पड़ता है।

*वैवाहिक जीवन में सुखी रहने के उपाय:-*

1- बिन मांगें सलाह न दें
2- जीवनसाथी को प्रधानमंत्री की तरह महत्त्वपूर्ण माने, बिना तथ्य तर्क और प्रमाण के कोई भी प्रपोजल जीवनसाथी के समक्ष न ले जाएं।
3- जीवनसाथी एक मनुष्य है, उसका रिमोट कंट्रोल ढूंढने का प्रयास न करें। उसे नियंत्रित करने की कोशिश न करें। बीवी मिली है टीवी नहीं, अतः मनचाहा चैनल देखने की उम्मीद न करें। पति मिला है कोई रोबोट नहीं, अतः मनचाहे कार्य ही करेगा उम्मीद न करें।
4- आपने मनुष्य से शादी की है, तो उसमें देवी-देवताओं जैसे परफेक्ट गुण-स्वभाव-कर्म न तलाशें।
5- जीवनसाथी अन्तर्यामी परमात्मा नहीं है, जो आपकी भावनाओं को बिन बोले समझ लेगा। मनुष्य है अतः उसे बोलकर अपनी भावनाएं जताएं और समझाएं।
6- अपने जीवनसाथी की तुलना अन्य पुरुष/स्त्री से करने की भूल न करें।
7- जो मिला है उसी के साथ खुश रहें। लेन-देन प्रकृति का नियम है,समझौता विवाह की प्रथम शर्त है। यह याद रखें।

कुछ निम्नलिखित पुस्तक पढ़ लीजिये, वैवाहिक जीवन को सम्हालने का हुनर सीख लीजिये:-

📖 दाम्पत्य में प्रवेश से पूर्व जिम्मेदारी समझें
📖 गृहस्थ एक तपोवन
📖 भाव सम्वेदना की गंगोत्री
📖 मित्रभाव बढ़ाने की कला
📖 मनःस्थिति बदले तो परिस्थिति बदले
📖 शक्ति संचय के पथ पर
📖 सफल जीवन की दिशाधारा
📖 स्वस्थ रहने के सरल उपाय

😊 श्वेता, DIYA

नोट:- उपरोक्त कंडीशन स्त्री और पुरूष दोनों पर अप्पलाई करती है।

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