प्रश्न - *विपश्यना ध्यान क्या है? यह तनावमुक्ति व मनोरोगों को दूरकरने में किस प्रकार सहायक है? यह कार्यकुशलता कैसे बढ़ाता है? इसकी विधि क्या है?*
उत्तर- *विपश्यना (संस्कृत) या विपस्सना (पालि) यह गौतम बुद्ध द्वारा बताई गई भगवान बुद्ध द्वारा बताई एक बौद्ध ध्यान योग साधना हैं।*
👉🏻 *विपश्यना का अर्थ है - विशेष प्रकार से देखना (वि + पश्य + ना)।*
योग साधना के तीन मार्ग प्रचलित हैं - विपश्यना, भावातीत ध्यान और हठयोग।
भगवान बुद्ध ने ध्यान की 'विपश्यना-साधना' द्वारा बुद्धत्व प्राप्त किया था। महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं में से एक विपश्यना भी है। यह वास्तव में सत्य की उपासना है। सत्य में होशपूर्वक जीने का अभ्यास है।
विपश्यना इसी क्षण में यानी तत्काल में जीने की कला है। भूत की चिंताएं और भविष्य की आशंकाओं में जीने की जगह भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को आज के बारे में सोचने केलिए कहा। *विपश्यना सम्यक् ज्ञान है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देख-समझकर जो आचरण होगा, वही सही और कल्याणकारी सम्यक आचरण होगा। विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि यह जीवन की सच्चाई को उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है।*
आत्मनिरीक्षण द्वारा आत्मशुद्धि की साधना-विधि है। जिसका मतलब है की जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देखना-समझना विपश्यना है।
भगवान गौतम बुद्ध ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व विलुप्त हुई इस पद्धति का पुन: अनुसंधान कर इसे सार्वजनीन रोग के सार्वजनीन इलाज, जीवन जीने की कला, के रूप में सर्वसुलभ बनाया।
इस साधना-विधि का प्रमुख लक्ष्य मनोविकारों का निर्मूलन एवं आनन्दमय की अवस्था को हासिल करना है। इस साधना के द्वारा हम अपने भीतर शांति और सामंजस्य की अनुभूति कर सकते हैं।
विपश्यना मन की वास्तविक शांति प्राप्त करने और एक सुखी एवं उपयोगी जीवन जीने का एक सरल, व्यवहारिक तरीका है। *यह स्व-अवलोकन के माध्यम से मानसिक शुद्धि की एक तार्किक प्रक्रिया है| विपस्सना हमें शांति और सामंजस्य का अनुभव करने में सक्षम बनाता है|*
*विपश्यना ध्यान विधि और फायदे*
*विपश्यना ध्यान कैसे करे?*
👇🏻
श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पण्ड्याजी के निम्नलिखित वीडियो से यह ध्यान सहज सीखें:-
https://youtu.be/ZR8DIUERxwM
👉🏻ध्यान करने के लिए एक रूम का चुनाव करे लेकिन ध्यान रहे की यह न तो ज्यादा सुविधाजनक होना चाहिए और न ही ज्यादा असहज|
👉🏻साधारण और आरामदायक वस्त्रो का चयन करे।
👉🏻विपस्सना ध्यान को करने के लिए लोटस पॉजिशन में आये| सुखासन कमर सीधी कर सहजता से बैठें।
👉🏻पहले अपनी दाईं हथेली को सीधा अपनी गोद में अपने बाएँ ओर शीर्ष पर रखे।
👉🏻अपनी आँखें बंद कर अपने आकृति का एक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने की प्रयास करे।
👉🏻ज्यादातर साधक उगते हुए सूर्य को सोलर प्लैक्सस(स्नायु गुच्छ) या नाभि के ऊपर की जगह का चयन करते है।
👉🏻इस चक्र को करने में आपकी ऊर्जा लगती है और यह माध्यम एक बढ़िया चुनाव है।
👉🏻जब आप साँस अंदर लेते है तब आपका सोलर प्लेक्सस तब विकसित होता है और जब आप साँस बाहर छोड़ते है, तब संकुचित होता है|
👉🏻आपको गहरी साँस लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
👉🏻सिर्फ अपनी सांस को प्राकृतिक रूप से लेने पर ध्यान दे और यह स्वतः ही धीमी और गहरी होती जाएगी। श्वांस को चौकीदार की तरह आते जाते देखें व उसे गहराई से महसूस करें। आती जाती श्वांस की निगरानी करें।
👉🏻 ध्यान के वक्त चेहरा हल्का सा आकाश की ओर होना चाहिए। सहज होना चाहिए।
👉🏻 यह नेत्रबन्द कर होशपूर्वक श्वांस लेनी की प्रक्रिया है। विशेष रूप से श्वांस पर ध्यान देकर उसे देखना व महसूस करना है।
👇🏻
*विपश्यना ध्यान के फायदे*
👉🏻यह भावनात्मक संतुलन को बनाए रखते हुए तनाव और क्रोध को कम करता है|
👉🏻 इससे कार्यकुशलता बढ़ती है।
👉🏻इससे बुद्धि क्षमता बढ़ जाती है। और रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है|
👉🏻यह रक्तचाप को कम करता है और एंटी -इंफ्लेमेटरी तत्व की तरह कार्य करता है।
👉🏻शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान महत्वपूर्ण है।
👉🏻वर्तमान की चुनौती पूर्ण युग में कार्य जॉब व्यवसाय के दौरान मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी यह बहुत लाभदायक होता है।
👇🏻
*विपश्यना ध्यान में सावधानी*
ध्यान हमेशा ऊनि वस्त्र का आसन या शॉल या कम्बल बिछाकर उस पर बैठकर ही करें।
कमर दर्द की शिकायत वाले लोग चेयर पर बैठकर तकिए की सहायता से कमर सीधी करके ध्यान करें।
ध्यान शुरू करने से पहले डीप ब्रीदिंग करते हुए स्वयं को सहज कर लेना चाहिए।
ध्यान करते वक्त पेट हल्का व खाली होना चाहिए। तुरन्त भोजन करके कभी ध्यान नहीं करना चाहिए।
जिसने कभी ध्यान न किया हो उसे कभी कभी कुछ केस में मेडिटेशन करते समय आप को सर में खुजली, चींटी जैसा चलने सा कुछ हल्की सी हलचल या हल्का सर दर्द हो सकता है। जो धीरे धीरे सामान्य और ठीक हो जाता है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर- *विपश्यना (संस्कृत) या विपस्सना (पालि) यह गौतम बुद्ध द्वारा बताई गई भगवान बुद्ध द्वारा बताई एक बौद्ध ध्यान योग साधना हैं।*
👉🏻 *विपश्यना का अर्थ है - विशेष प्रकार से देखना (वि + पश्य + ना)।*
योग साधना के तीन मार्ग प्रचलित हैं - विपश्यना, भावातीत ध्यान और हठयोग।
भगवान बुद्ध ने ध्यान की 'विपश्यना-साधना' द्वारा बुद्धत्व प्राप्त किया था। महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं में से एक विपश्यना भी है। यह वास्तव में सत्य की उपासना है। सत्य में होशपूर्वक जीने का अभ्यास है।
विपश्यना इसी क्षण में यानी तत्काल में जीने की कला है। भूत की चिंताएं और भविष्य की आशंकाओं में जीने की जगह भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को आज के बारे में सोचने केलिए कहा। *विपश्यना सम्यक् ज्ञान है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देख-समझकर जो आचरण होगा, वही सही और कल्याणकारी सम्यक आचरण होगा। विपश्यना जीवन की सच्चाई से भागने की शिक्षा नहीं देता है, बल्कि यह जीवन की सच्चाई को उसके वास्तविक रूप में स्वीकारने की प्रेरणा देता है।*
आत्मनिरीक्षण द्वारा आत्मशुद्धि की साधना-विधि है। जिसका मतलब है की जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देखना-समझना विपश्यना है।
भगवान गौतम बुद्ध ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व विलुप्त हुई इस पद्धति का पुन: अनुसंधान कर इसे सार्वजनीन रोग के सार्वजनीन इलाज, जीवन जीने की कला, के रूप में सर्वसुलभ बनाया।
इस साधना-विधि का प्रमुख लक्ष्य मनोविकारों का निर्मूलन एवं आनन्दमय की अवस्था को हासिल करना है। इस साधना के द्वारा हम अपने भीतर शांति और सामंजस्य की अनुभूति कर सकते हैं।
विपश्यना मन की वास्तविक शांति प्राप्त करने और एक सुखी एवं उपयोगी जीवन जीने का एक सरल, व्यवहारिक तरीका है। *यह स्व-अवलोकन के माध्यम से मानसिक शुद्धि की एक तार्किक प्रक्रिया है| विपस्सना हमें शांति और सामंजस्य का अनुभव करने में सक्षम बनाता है|*
*विपश्यना ध्यान विधि और फायदे*
*विपश्यना ध्यान कैसे करे?*
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श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पण्ड्याजी के निम्नलिखित वीडियो से यह ध्यान सहज सीखें:-
https://youtu.be/ZR8DIUERxwM
👉🏻ध्यान करने के लिए एक रूम का चुनाव करे लेकिन ध्यान रहे की यह न तो ज्यादा सुविधाजनक होना चाहिए और न ही ज्यादा असहज|
👉🏻साधारण और आरामदायक वस्त्रो का चयन करे।
👉🏻विपस्सना ध्यान को करने के लिए लोटस पॉजिशन में आये| सुखासन कमर सीधी कर सहजता से बैठें।
👉🏻पहले अपनी दाईं हथेली को सीधा अपनी गोद में अपने बाएँ ओर शीर्ष पर रखे।
👉🏻अपनी आँखें बंद कर अपने आकृति का एक पहलू पर ध्यान केंद्रित करने की प्रयास करे।
👉🏻ज्यादातर साधक उगते हुए सूर्य को सोलर प्लैक्सस(स्नायु गुच्छ) या नाभि के ऊपर की जगह का चयन करते है।
👉🏻इस चक्र को करने में आपकी ऊर्जा लगती है और यह माध्यम एक बढ़िया चुनाव है।
👉🏻जब आप साँस अंदर लेते है तब आपका सोलर प्लेक्सस तब विकसित होता है और जब आप साँस बाहर छोड़ते है, तब संकुचित होता है|
👉🏻आपको गहरी साँस लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
👉🏻सिर्फ अपनी सांस को प्राकृतिक रूप से लेने पर ध्यान दे और यह स्वतः ही धीमी और गहरी होती जाएगी। श्वांस को चौकीदार की तरह आते जाते देखें व उसे गहराई से महसूस करें। आती जाती श्वांस की निगरानी करें।
👉🏻 ध्यान के वक्त चेहरा हल्का सा आकाश की ओर होना चाहिए। सहज होना चाहिए।
👉🏻 यह नेत्रबन्द कर होशपूर्वक श्वांस लेनी की प्रक्रिया है। विशेष रूप से श्वांस पर ध्यान देकर उसे देखना व महसूस करना है।
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*विपश्यना ध्यान के फायदे*
👉🏻यह भावनात्मक संतुलन को बनाए रखते हुए तनाव और क्रोध को कम करता है|
👉🏻 इससे कार्यकुशलता बढ़ती है।
👉🏻इससे बुद्धि क्षमता बढ़ जाती है। और रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है|
👉🏻यह रक्तचाप को कम करता है और एंटी -इंफ्लेमेटरी तत्व की तरह कार्य करता है।
👉🏻शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य के लिए ध्यान महत्वपूर्ण है।
👉🏻वर्तमान की चुनौती पूर्ण युग में कार्य जॉब व्यवसाय के दौरान मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए भी यह बहुत लाभदायक होता है।
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*विपश्यना ध्यान में सावधानी*
ध्यान हमेशा ऊनि वस्त्र का आसन या शॉल या कम्बल बिछाकर उस पर बैठकर ही करें।
कमर दर्द की शिकायत वाले लोग चेयर पर बैठकर तकिए की सहायता से कमर सीधी करके ध्यान करें।
ध्यान शुरू करने से पहले डीप ब्रीदिंग करते हुए स्वयं को सहज कर लेना चाहिए।
ध्यान करते वक्त पेट हल्का व खाली होना चाहिए। तुरन्त भोजन करके कभी ध्यान नहीं करना चाहिए।
जिसने कभी ध्यान न किया हो उसे कभी कभी कुछ केस में मेडिटेशन करते समय आप को सर में खुजली, चींटी जैसा चलने सा कुछ हल्की सी हलचल या हल्का सर दर्द हो सकता है। जो धीरे धीरे सामान्य और ठीक हो जाता है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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