*प्रभु हर बालक में, देशभक्ति जगा देना*
हे भगवान! आप से बार बार,
और हर बार यही वर माँगूँगा-
हर माता के गर्भ में पुनः
वीर लक्ष्मी, राणा व शिवाजी ही देना।
आपसे भगत सिंह मांगूगा, बिस्मिल मागूँगा
सुखदेव व सरदार पटेल से देशभक्त मागूँगा,
जिसका देशहित खून खौल सके,
ऐसे वीर सावरकर और सुभाष मागूँगा।
हे भगवान, यह माँग मेरी नहीं ठुकरा देना-
इस धरती पर पुनः देशभक्तों को लौटा देना,
पुनः वीर लक्ष्मी, राणा व शिवाजी को,
भारत के हर घर में जन्मा देना।
वह यौवन भी क्या यौवन है
जिसमें देशहित कोई चाव नहीं,
भारत को विश्वगुरु पुनः बनाने का,
जिसमें कोई जुनून कोई भाव नहीं,
जो मनुष्य देशभक्त बन न सका,
वह मुर्दा दिल है उसमें जीवन ही नहीं,
जिसका आदर्श व जीवन लक्ष्य,
वीर लक्ष्मी, राणा, सुभाष व शिवाजी नहीं!
कोई मुफ्त खा ले भले प्लेटों में
लेकिन अच्छी लगे सबको अपनी कमाई ही,
कोई घूमते रहे विदेशो में,
लेक़िन पहचान तो उसकी है भारत से ही,
कोई बड़े बड़े बोल बोल ले,
लेकिन भारत है तो हम सब हैं,
कमाओ देश मे या विदेशों में,
लेक़िन भारत है तो जीवन है।
जागो! जन्मभूमि का ऋण चुकाओ,
देशहित कुछ न कुछ करने की लगन लगाओ ,
भारत की उन्नति प्रगति में,
कुछ तो अपनी जिम्मेदारी उठाओ,
भारत के वीरों को ही,
अपना व अपने परिवार का आदर्श बनाओ,
वीर लक्ष्मी, राणा, शिवाजी गढ़ने का,
अपना अपना घर ही टकसाल बनाओ।
वीरों से यह भारत भूमि,
देखो कभी रिक्त न होने देना,
भारतीय सनातन संस्कृति का,
देखो गौरव कभी न खोने देना,
जन्म जहां पर हम सबने पाया है,
अन्न जहां का हम सबने खाया है,
वस्त्र जहां के हम सबने पहने हैं,
ज्ञान जहां से हम सब ने पाया है,
उस भारत की भूमि का,
उत्थान सुनिश्चित कर देना,
अपने अपने बच्चों में,
देशभक्ति का भाव जगा देना,
स्कूलों में वीररस भरकर,
वीरता व साहस का पाठ पढ़ा देना,
नई देशभक्त पीढ़ी से,
भारत का नवनिर्माण करा देना।
🙏🏻श्वेता, DIYA
हे भगवान! आप से बार बार,
और हर बार यही वर माँगूँगा-
हर माता के गर्भ में पुनः
वीर लक्ष्मी, राणा व शिवाजी ही देना।
आपसे भगत सिंह मांगूगा, बिस्मिल मागूँगा
सुखदेव व सरदार पटेल से देशभक्त मागूँगा,
जिसका देशहित खून खौल सके,
ऐसे वीर सावरकर और सुभाष मागूँगा।
हे भगवान, यह माँग मेरी नहीं ठुकरा देना-
इस धरती पर पुनः देशभक्तों को लौटा देना,
पुनः वीर लक्ष्मी, राणा व शिवाजी को,
भारत के हर घर में जन्मा देना।
वह यौवन भी क्या यौवन है
जिसमें देशहित कोई चाव नहीं,
भारत को विश्वगुरु पुनः बनाने का,
जिसमें कोई जुनून कोई भाव नहीं,
जो मनुष्य देशभक्त बन न सका,
वह मुर्दा दिल है उसमें जीवन ही नहीं,
जिसका आदर्श व जीवन लक्ष्य,
वीर लक्ष्मी, राणा, सुभाष व शिवाजी नहीं!
कोई मुफ्त खा ले भले प्लेटों में
लेकिन अच्छी लगे सबको अपनी कमाई ही,
कोई घूमते रहे विदेशो में,
लेक़िन पहचान तो उसकी है भारत से ही,
कोई बड़े बड़े बोल बोल ले,
लेकिन भारत है तो हम सब हैं,
कमाओ देश मे या विदेशों में,
लेक़िन भारत है तो जीवन है।
जागो! जन्मभूमि का ऋण चुकाओ,
देशहित कुछ न कुछ करने की लगन लगाओ ,
भारत की उन्नति प्रगति में,
कुछ तो अपनी जिम्मेदारी उठाओ,
भारत के वीरों को ही,
अपना व अपने परिवार का आदर्श बनाओ,
वीर लक्ष्मी, राणा, शिवाजी गढ़ने का,
अपना अपना घर ही टकसाल बनाओ।
वीरों से यह भारत भूमि,
देखो कभी रिक्त न होने देना,
भारतीय सनातन संस्कृति का,
देखो गौरव कभी न खोने देना,
जन्म जहां पर हम सबने पाया है,
अन्न जहां का हम सबने खाया है,
वस्त्र जहां के हम सबने पहने हैं,
ज्ञान जहां से हम सब ने पाया है,
उस भारत की भूमि का,
उत्थान सुनिश्चित कर देना,
अपने अपने बच्चों में,
देशभक्ति का भाव जगा देना,
स्कूलों में वीररस भरकर,
वीरता व साहस का पाठ पढ़ा देना,
नई देशभक्त पीढ़ी से,
भारत का नवनिर्माण करा देना।
🙏🏻श्वेता, DIYA
No comments:
Post a Comment