दिंवगत आत्मा की शांति हेतु यज्ञ आहुति
*🙏वेद वाणी*🙏
*शं नो मित्रः शं वरुणः शं नो भवत्वर्यमा।*
*शं न इन्द्रो बृहस्पतिः शं नो विष्णुरुरुक्रमः॥*
स्वाहा इदम् दिंवगतात्मानाम् शानत्यर्थम इदम् न मम्
ऋग्वेद १-९०-९।*
🌹🌹🌹🌹
१) *मित्र, सबको स्नेह करने वाला प्रभु हमें भी स्नेह करने वाला बनाए। २) वरुण, किसी से द्वेष ना करने वाला प्रभु हमें भी द्वेष रहित बनाए। ३) आर्यमा, सबके साथ न्याय करने वाला प्रभु हमें भी न्याय प्रिय बनाए। ४) इंद्र, परमैश्वर्य देने वाला प्रभु हमें भी सुख कारी बनाए। ५) बृहस्पति, सर्वोच्च ज्ञान देने वाला प्रभु हमें भी ज्ञानवान बनाए। ६) विष्णु, सर्वव्यापक सब को शांति देने वाला प्रभु हमें भी शांति प्रदान करें। ७) उरुक्रम, सबको पराक्रम देने वाला प्रभु हमें भी इंद्रियों को नियंत्रित करने का पराक्रम दे। परमेश्वर हमें सभी प्रकार की जीवन में शांति प्रदान करें। (ऋग्वेद १-९०-९)*
*🙏वेद वाणी*🙏
*शं नो मित्रः शं वरुणः शं नो भवत्वर्यमा।*
*शं न इन्द्रो बृहस्पतिः शं नो विष्णुरुरुक्रमः॥*
स्वाहा इदम् दिंवगतात्मानाम् शानत्यर्थम इदम् न मम्
ऋग्वेद १-९०-९।*
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१) *मित्र, सबको स्नेह करने वाला प्रभु हमें भी स्नेह करने वाला बनाए। २) वरुण, किसी से द्वेष ना करने वाला प्रभु हमें भी द्वेष रहित बनाए। ३) आर्यमा, सबके साथ न्याय करने वाला प्रभु हमें भी न्याय प्रिय बनाए। ४) इंद्र, परमैश्वर्य देने वाला प्रभु हमें भी सुख कारी बनाए। ५) बृहस्पति, सर्वोच्च ज्ञान देने वाला प्रभु हमें भी ज्ञानवान बनाए। ६) विष्णु, सर्वव्यापक सब को शांति देने वाला प्रभु हमें भी शांति प्रदान करें। ७) उरुक्रम, सबको पराक्रम देने वाला प्रभु हमें भी इंद्रियों को नियंत्रित करने का पराक्रम दे। परमेश्वर हमें सभी प्रकार की जीवन में शांति प्रदान करें। (ऋग्वेद १-९०-९)*
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