Thursday, 12 March 2020

आज के शिक्षा पद्धति में वैदिक पद्धति की प्रासंगिकता

*आज के शिक्षा पद्धति में वैदिक पद्धति  की प्रासंगिकता*

एक पिता की तीन सन्तान थी, पिता अंग्रेजियत के हिमायती थे और माता भारतीय संस्कृति की हिमायती थी। गांव में उनका स्वयं का स्कूल था।

तीनों बच्चों को पिता ने उच्च शिक्षा दी, और बड़ा बेटा पिता के नक्शेकदम में चला और उसने शहर का सबसे प्रतिष्ठित अंग्रेजी माध्यम से इंटरमीडिएट स्कूल खोला। छोटा बेटा मातृभक्ति व संस्कारो से ओतप्रोत होकर उसने *युगानुकूल गुरुकुल* खोला। पुत्री ने गावँ का पैतृक स्कूल सम्हाल लिया।

बहन के बेटी के विवाह में दोनों भाई आये, व दोनों अपनी अपनी शिक्षा पद्धतियों का गुणगान करने लगे। बहस हो गयी, तब बहन ने कहा क्यों न तुम दोनों अपने अपने स्कूल के दस दस विद्यार्थियों का समूह जिनकी उम्र 12 से 15 वर्ष के बीच की हो मेरे स्कूल में आयोजित समर कैंप में भेजो। हम परीक्षा लेते हैं। सर्वश्रेष्ठ स्कूल को अवार्ड देंगे। दोनों राजी हो गए।

नियत समय में बेस्ट अग्रेजी मीडियम के सूटेड बूटेड लड़के लड़कियाँ और युगानुकूल गुरुकुल के भारतीय वेशभूषा में छात्र छात्राएं आ गए।

दस दिन का कैम्प था, तो दस दिन की चुनौतियां बहन ने पहले ही सेट कर दी थी।

1- *चुनौती 1 - अँग्रेजी भाषा का ज्ञान व सामान्य ज्ञान*

इस प्रतियोगिता में बड़े भाई का स्कूल विजयी हुआ।

2- *चुनौती 2 - संस्कृत भाषा का ज्ञान व भारतीय संस्कृति का ज्ञान*

 इस प्रतियोगिता में छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र विजयी हुए।

3- *चुनौती 3 - कम्प्यूटर के प्रोग्राम के लॉजिक के निर्माण में*

इस प्रतियोगिता में छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र विजयी हुए।

4- *चुनौती 4 - मेंटल मैथ में, नई वैज्ञानिक खोज़ों में*

इस प्रतियोगिता में छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र वैदिक गणित के ज्ञान के कारण विजयी हुए।

5- *चुनौती 5 - पिकनिक में बाहर ले गए जहाँ भोजन के पश्चात हाथ धोने के लिए नल बच्चों की हाइट से ज़्यादा ऊंचा था*

बड़े भाई के स्कूल के बच्चों ने मैनेजमेंट से शिकायत की और नल को या तो नीचे करने की व्यवस्था करने को कहा या टेबल की व्यवस्था करने को कहा जिस पर चढ़ के बच्चे हाथ धो सके या बड़े लोग मदद को आएं।

छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र विपरीत परिस्थितियों को झेलने के लिए कुशल थे, एक बच्चा झुका दूसरा हल्का बच्चा उस पर चढ़ा, उसने पानी लिया और बाकी बच्चों को दिया। सबने हाथ धोए अंत मे जो बच्चा झुका था उसका हाथ धुलवा के वो लोग वापस आ गए। अतः युगानुकूल गुरुकुल विजयी रहा।


इस प्रतियोगिता में छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र वैदिक गणित के ज्ञान के कारण विजयी हुए।

6- *चुनौती 6 - एक दिन जंगल में अत्यंत थोड़ी सामग्री चावल, दाल व कुछ सब्जी व मसाले के साथ ले जाया गया। जंगल की लकड़ी लाकर मिलकर भोजन पकाना था और सबको खाना था।*

बड़े भाई के स्कूल के बच्चों ने कहा इतने थोड़े भोजन में सबकी भूख नहीं मिटेगी। फ़िर लकड़ी कौन लाएगा और  कैसे व्यवस्था होगी। इसमें भी आपस में उनमें लड़ाई हो गयी।

छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र व्यवहारिक ज्ञान के कारण विजयी हुए। उन्होंने प्रेम पूर्वक अनुशासन का पालन किया, काम बांटा। थोड़े चावल दाल सब्जी से अधिक पानी डालकर पतली खिचड़ी बनाई व आराम से सबने खा लिया। युगानुकूल गुरुकुल विजयी रहा।

7- *चुनौती 7 - एक घायल पक्षी का उपचार*

बड़े स्कूल के बच्चे फर्स्ट एड व मेडिसिन के अभाव में जंगल मे उस पक्षी की मदद नहीं कर पाए।

छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र रसोईघर एक उपचार केंद्र एवं मसाला औषधि के ज्ञान के कारण विजयी हुए। उन्होंने हल्दी तुरन्त पक्षी के घाव पर डाली, चम्मच से जल पक्षी को पिलाया। थोड़ा आराम दिया वह पक्षी को आराम मिल गया। युगानुकूल गुरुकुल के छात्र विजयी रहे।

8- *चुनौती 8 - देश विदेश के आधुनिक जानकारियों में*

इस प्रतियोगिता में बड़े भाई के स्कूल के छात्र इंटरनेट व पुस्तकीय ज्ञान के कारण विजयी हुए।

9- *चुनौती 9 - गणितीय पहेली व आउट ऑफ द बॉक्स समस्या समाधान में*

इस प्रतियोगिता में छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र वैदिक गणित ज्ञान व योग-ध्यान के अभ्यास  के कारण विजयी हुए।

10- *चुनौती 10 - देशभक्ति, देश की वर्तमान जमीन स्तर की समस्या व उनके समाधान में कुछ कर गुजरने के जुनून में*

इस प्रतियोगिता में छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र विजयी हुए। उन्हें देश की जमीनी हकीकत पता थी। देशभक्ति से ओतप्रोत थे।

11- *चुनौती 11 - शारीरिक खेल कूद और पंजा लड़ाने में*

इस प्रतियोगिता में छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र विजयी हुए। क्योंकि उन्हें नियमित योग व व्यायाम करवाया जाता था, उनके शरीर बलिष्ठ थे।

12- *चुनौती 12 - मानसिक एकाग्रता और मेमोरी गेम*

इस प्रतियोगिता में छोटे भाई के युगानुकूल गुरुकुल के छात्र विजयी हुए। क्योंकि उन्हें नियमित गायत्री मंत्र जप और उगते सूर्य का ध्यान करवाया जाता था, उन्हें चित्त एकाग्र करने की कला पता थी।

💫 *बहन ने युगानुकूल गुरुकुल को विजयी घोषित किया और बड़े भाई का स्कूल क्यों हारा इस पर निम्नलिखित टिप्पणी की*:-

1- बड़े भाई आपके स्कूल के बच्चे अच्छी नौकरी प्राप्त कर बेहतर ऐशोआराम की जिन्दगी के लिए पढ़ रहे हैं। इनके हृदय में द्वशभक्ति सर्वोपरि नहीं है।

2- यह बच्चे जानकारियों का भंडार को रट रखा हैं, लेकिन उनके व्यवहारिक उपयोग से अपरिचित हैं। यह सफ़लता के लिए इनकी परिस्थिति प्रोग्राम की गई है। असफ़लता व विपरीत परिस्थितियों में कैसे निर्णय लेना है इन्हें पता नहीं।

3- यह कल्पना की दुनियां में जी रहे हैं, जमीनी हक़ीक़त का इन्हें पता नही  है। यह शारीरिक व मानसिक रूप से बलिष्ठ नहीं है। यह *अंग्रेजी* से *अंग्रेजियत* सीख रहे हैं। अंग्रेजी इनकी प्रतिष्ठा व स्टेटस बन गया है।

बहन ने कहा, युगानुकूल गुरुकुल प्राचीन वैदिक पद्धति युक्त भारतीय ज्ञान व आधुनिक विज्ञान का अद्भुत समन्वय है। छोटे भैया ने पिता जी के संदेशों व माताजी के संदेशों दोनों को अपने स्कूल में शामिल किया। समाज की मुख्यधारा में भी बच्चे हैं जो कि किसी भी कॉलेज यूनिवर्सिटी में आगे की पढ़ाई पढ़ सकते हैं, व भारतीय संस्कृति की जड़ो से भी जुड़े हुए हैं। युगानुकूल गुरुकुल में सभी आधुनिक विषयों के साथ साथ  *अंग्रेजी* एक भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है और *संस्कृत* भारतीय संस्कृति व जीवन मूल्यों पर आधारित पढ़ाई जाती है। मन प्रबन्धन व जीवन प्रबन्धन पढ़ाकर बच्चों के जीवन का समग्र विकास किया जा रहा है।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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