Tuesday 24 March 2020

नवरात्रि अनुष्ठान सङ्कल्प

*कोरोना वैश्विक महामारी को समूल नष्ट करने हेतु सामूहिक चैत्र नवरात्रि अनुष्ठान सङ्कल्प - चैत्र शुक्लपक्ष प्रथमा, नवसम्वत्सर 2077, -बुधवार 25 मार्च से रामनवमी  2 अप्रैल, गुरुवार तक*🇮🇳🤝🇮🇳

*सङ्कल्प मंत्र*🤛


स्नानादि करके धुले स्वच्छ वस्त्रो में देवमन्दिर में दीपक लगाये ।षट कर्म करके व देवावाहन करके हाथ मे जल अक्षत पुष्प लेकर निम्नलिखित सङ्कल्प बोलें ।


विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य, अद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीये प्ररार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे, वैवस्वतमन्वन्तरे, भूर्लोके, जम्बूद्वीपे, भारतवर्षे, भरतखण्डे, आर्यावर्त्तैकदेशान्तर्गते, < *अपने अपने देश का नाम यदि कोई इस संकल्प में भारत के बाहर से भी जो साधक भाई बहन जुड़ रहे हो। फिर उस राज्य (स्टेट)फिर क्षेत्र का स्थान नाम यहां जोड़ें*> क्षेत्रे,  स्थले 2077 विक्रमसंवत्सरे मासानां मासोत्तमेमासे *चैत्रमासे* *शुक्ल पक्ष प्रथमा तिधि.....अब अपना नाम गोत्र या (गुरुगौत्र भरद्वाज) के साथ बोलें*>..... गोत्रोत्पन्नः .. < *अपना नाम बोलें*>........ नामाऽहं  सत्प्रवृत्ति- संवर्द्धनाय, दुष्प्रवृत्ति- उन्मूलनाय, लोककल्याणाय, आत्मकल्याणाय, वातावरण -परिष्काराय,  उज्ज्वल भविष्यकामनापूर्तये च प्रबलपुरुषार्थं करिष्ये, अस्मै प्रयोजनाय च कलशादि- आवाहितदेवता- पूजनपूर्वकम् ...                * *कोरोना वैश्विक महामारी को समूल नष्ट करने हेतु सभी की सुरक्षा व स्वस्थ जीवन हेतु राष्ट्र की अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करनी हेतु   भारत की सुरक्षा हेतु,  और सबकी सद्बुद्धि, सबके उज्ज्वल भविष्य  निमित्तकम  चैत्र नवरात्रि 9 दिवसीय लघु  अनुष्ठान ** > कर्मसम्पादनार्थं सङ्कल्पम् वयम् करिष्ये।🙏🇮🇳

*सङ्कल्प जल को पूजन की तश्तरी में जपकर अर्पित कर दें।  पूर्णाहुति रामनवमी में घर पर यज्ञ द्वारा करें। कन्या भोज इस बार नहीं होगा*।


कोरोना वायरस विश्व आपदा के इस दौर मे समूह में एकत्र होना वर्जित है। सामूहिक भजन कीर्तन व यज्ञ नहीं होंगे।

वर्चुअल ऑनलाइन ही सामूहिक सङ्कल्प, व्रत, अखण्डजप इत्यादि के कार्यक्रम चलेंगे।

व्रत में इस बार यह ध्यान रखना है कि शरीर को वह आहार मिलता है रहे जिससे हमारी इम्युनिटी बढ़े। जगह जगह लाकडाउन में कब क्या उपलब्ध  रहेगा यह तय नहीं है। अतः फल सब्जियां जो मिल जाये वह अवश्य खायें। सेंधानमक व गुड़ नवरात्र व्रत में लेना अनिवार्य है। नित्य कम से कम 5 से 6 ग्लास पानी घूंट घूंट कर पीना अनिवार्य है।

इस बात उपवास से अधिक शरीर की मजबूती हेतु योग व प्राणायाम अधिक करना है। कम से कम 15 मिनट प्राणायाम करें। श्वांस को होल्ड करके चेक करें कि आप कितने सेकंड्स तक होल्ड कर सकते हैं। यदि 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक होल्ड कर पाते हैं तो फेफड़े स्वस्थ हैं।☝

जप संख्या बढ़ाएं, आहार जरूरी लेते रहें।🙏

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