*महिलादिवस की बधाई*
🌹💫🌹💫🌹💫🌹
सैकड़ो "फूल" चाहिए,
एक माला बनाने के लिए,
हज़ारों "दीपक" चाहिए,
एक "दीपावली" मनाने के लिए,
अरबों "बूँद" चाहिए,
एक "समुद्र" बनाने के लिए,
परन्तु...
एक "सुसंस्कारी स्त्री" चाहिए,
घर परिवार को "स्वर्ग" बनने के लिए,
एक "कुसंस्कारी स्त्री" चाहिए,
घर परिवार को "नर्क" बनाने के लिए,
😇😇😇😇😇😇
💫🌹💫🌹💫🌹
सुसंस्कारी स्त्री "पारस" की तरह "प्रेम" से भरी होती है, जिससे नि:स्वार्थ प्रेम करती है, उसके जीवन मे प्रेम भरती है, उसके प्रेम में ही बसती है। उसके जीवन मे अमृत भर देती है, प्राण संचार करती है। घर को स्वर्ग सा सुंदर बना देती है।
🤢🤢🤢🤢🤢🤢🤢
🌑🌑🌑🌑🌑🌑🌑
कुसंस्कारी स्त्री भी कुसंस्कारी पुरुष की तरह पक्षपाती होती है, जिससे स्वार्थ सधता है केवल उसके लिए पारस होती है। केवल उसी के जीवन मे प्रेम भरती है। जिससे नफरत करती है उसके जीवन मे विष भर देती है। घर को नरक बना देती है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
🌹💫🌹💫🌹💫🌹
सैकड़ो "फूल" चाहिए,
एक माला बनाने के लिए,
हज़ारों "दीपक" चाहिए,
एक "दीपावली" मनाने के लिए,
अरबों "बूँद" चाहिए,
एक "समुद्र" बनाने के लिए,
परन्तु...
एक "सुसंस्कारी स्त्री" चाहिए,
घर परिवार को "स्वर्ग" बनने के लिए,
एक "कुसंस्कारी स्त्री" चाहिए,
घर परिवार को "नर्क" बनाने के लिए,
😇😇😇😇😇😇
💫🌹💫🌹💫🌹
सुसंस्कारी स्त्री "पारस" की तरह "प्रेम" से भरी होती है, जिससे नि:स्वार्थ प्रेम करती है, उसके जीवन मे प्रेम भरती है, उसके प्रेम में ही बसती है। उसके जीवन मे अमृत भर देती है, प्राण संचार करती है। घर को स्वर्ग सा सुंदर बना देती है।
🤢🤢🤢🤢🤢🤢🤢
🌑🌑🌑🌑🌑🌑🌑
कुसंस्कारी स्त्री भी कुसंस्कारी पुरुष की तरह पक्षपाती होती है, जिससे स्वार्थ सधता है केवल उसके लिए पारस होती है। केवल उसी के जीवन मे प्रेम भरती है। जिससे नफरत करती है उसके जीवन मे विष भर देती है। घर को नरक बना देती है।
🙏🏻श्वेता, DIYA
No comments:
Post a Comment