प्रश्न - *एक प्रश्न महाकाली के गायत्री मंत्र के सम्बन्ध में*
ॐ भूर्भुव स्व: क्लीं क्लीं क्लीं तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् क्लीं क्लीं क्लीं ॐ
इस मन्त्र से यज्ञाहुति के समय "स्वाहा" के बाद कुछ लोग *इदं महाशक्त्यै इदं न मम्* बोलते हैं और कुछ लोग *इदं कालिकायै इदं न मम्* बोलते हैं या *इदं महाकाली इदं न मम्* बोलते हैं या *इदं महाकाल्यै इदं न मम्*
कौन सा सही है?
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*उत्तर*- आत्मीय भाई,
किसी भी देवता के गायत्री मंत्र का फार्मूला समझिए और यज्ञाहुति में स्वाहा के बाद *इदं न मम्* का फार्मूला समझिए
गायत्री मंत्र किसी भी देवता का दो प्रकार बनता है:-
1- बीज मंत्र + गायत्री मंत्र
2- देवता के तीन नाम + गायत्री मंत्र के मुख्य अंश
उदाहरण -
काली का बीज मंत्र - *क्लीं*
काली के कोई भी तीन नाम - *काली, कालिका, महाकाली, शक्ति, दुर्गा, श्मशानवासिनी, शिवप्रिया इत्यादि*
लक्ष्मी का बीज मंत्र - *श्रीं*
लक्ष्मी के तीन नाम - *लक्ष्मी, महालक्ष्मी, विष्णुप्रिया, सौभाग्य लक्ष्मी इत्यादि*
इनके मन्त्र क्रमशः इस प्रकार बनेंगे
बीज मंत्र युक्त मन्त्र बनाने का सूत्र (फार्मूला) -
ॐ भूर्भुव स्व: < *तीन बार बीज मंत्र*> तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् < *तीन बार बीज मंत्र*> ॐ
तीन नाम युक्त बनाने सूत्र(फार्मूला)-
ॐ < *देवी/देवता का प्रथम नाम* > विद्महे < *देवी/देवता का द्वितीय नाम* > धीमहि तन्नो < *देवी/देवता का प्रथम या तृतीय नाम* > प्रचोदयात्
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*काली* का बीज मंत्र युक्त गायत्री मन्त्र -
ॐ भूर्भुव स्व: < *क्लीं क्लीं क्लीं*> तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् < *क्लीं क्लीं क्लीं*> ॐ
महालक्ष्मी का तीन नाम युक्त गायत्री मन्त्र -
ॐ *कालिकायै* च विद्महे *शिवप्रियायै* धीमहि तन्नो *महाशक्ति* प्रचोदयात्
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*लक्ष्मी* का बीज मंत्र युक्त गायत्री मन्त्र -
ॐ भूर्भुव स्व: < *श्रीं श्रीं श्रीं*> तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् < *श्रीं श्रीं श्रीं*> ॐ
काली का तीन नाम युक्त गायत्री मन्त्र -
ॐ *महालक्ष्म्यै* विद्महे *विष्णुप्रियायै* धीमहि तन्नो *महालक्ष्मी:* प्रचोदयात्
👉🏻 अब आइये यज्ञ में स्वाहा के बाद *इदं न मम* ( अर्थात यह मेरा नहीं है) यह आपको समर्पित है का सूत्र ( फ़ार्मला) समझते हैं।
स्वाहा इदं < *देवी/देवता का कोई भी मनपसंद व श्रद्धायुक्त नाम*> इदं न मम
अतः निम्नलिखित सभी सही हैं जिस नाम में जिसकी श्रद्धा हो:-
हे काली यह आहुति आपके के लिए है, निम्नलिखित में से कोई भी बोल सकते हैं:-
1- *इदं महाशक्त्यै इदं न मम्*
2- *इदं कालिकायै इदं न मम्*
3- *इदं महाकाली इदं न मम्*
4- *इदं महाकाल्यै इदं न मम्*
हे लक्ष्मी यह आहुति आपके लिए है, निम्नलिखित में से कोई भी बोल सकते हैं:-
1- *इदं महालक्ष्मयै इदं न मम्*
2- *इदं विष्णुप्रियायै इदं न मम्*
3- *इदं महालक्ष्मी: इदं न मम्*
4- *इदं सौभाग्यलक्ष्मी: इदं न मम्*
उम्मीद है, आत्मीय भाई आपकी शंका का समाधान हो गया होगा।
जय गुरुदेव
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
ॐ भूर्भुव स्व: क्लीं क्लीं क्लीं तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् क्लीं क्लीं क्लीं ॐ
इस मन्त्र से यज्ञाहुति के समय "स्वाहा" के बाद कुछ लोग *इदं महाशक्त्यै इदं न मम्* बोलते हैं और कुछ लोग *इदं कालिकायै इदं न मम्* बोलते हैं या *इदं महाकाली इदं न मम्* बोलते हैं या *इदं महाकाल्यै इदं न मम्*
कौन सा सही है?
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*उत्तर*- आत्मीय भाई,
किसी भी देवता के गायत्री मंत्र का फार्मूला समझिए और यज्ञाहुति में स्वाहा के बाद *इदं न मम्* का फार्मूला समझिए
गायत्री मंत्र किसी भी देवता का दो प्रकार बनता है:-
1- बीज मंत्र + गायत्री मंत्र
2- देवता के तीन नाम + गायत्री मंत्र के मुख्य अंश
उदाहरण -
काली का बीज मंत्र - *क्लीं*
काली के कोई भी तीन नाम - *काली, कालिका, महाकाली, शक्ति, दुर्गा, श्मशानवासिनी, शिवप्रिया इत्यादि*
लक्ष्मी का बीज मंत्र - *श्रीं*
लक्ष्मी के तीन नाम - *लक्ष्मी, महालक्ष्मी, विष्णुप्रिया, सौभाग्य लक्ष्मी इत्यादि*
इनके मन्त्र क्रमशः इस प्रकार बनेंगे
बीज मंत्र युक्त मन्त्र बनाने का सूत्र (फार्मूला) -
ॐ भूर्भुव स्व: < *तीन बार बीज मंत्र*> तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् < *तीन बार बीज मंत्र*> ॐ
तीन नाम युक्त बनाने सूत्र(फार्मूला)-
ॐ < *देवी/देवता का प्रथम नाम* > विद्महे < *देवी/देवता का द्वितीय नाम* > धीमहि तन्नो < *देवी/देवता का प्रथम या तृतीय नाम* > प्रचोदयात्
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*काली* का बीज मंत्र युक्त गायत्री मन्त्र -
ॐ भूर्भुव स्व: < *क्लीं क्लीं क्लीं*> तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् < *क्लीं क्लीं क्लीं*> ॐ
महालक्ष्मी का तीन नाम युक्त गायत्री मन्त्र -
ॐ *कालिकायै* च विद्महे *शिवप्रियायै* धीमहि तन्नो *महाशक्ति* प्रचोदयात्
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*लक्ष्मी* का बीज मंत्र युक्त गायत्री मन्त्र -
ॐ भूर्भुव स्व: < *श्रीं श्रीं श्रीं*> तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न प्रचोदयात् < *श्रीं श्रीं श्रीं*> ॐ
काली का तीन नाम युक्त गायत्री मन्त्र -
ॐ *महालक्ष्म्यै* विद्महे *विष्णुप्रियायै* धीमहि तन्नो *महालक्ष्मी:* प्रचोदयात्
👉🏻 अब आइये यज्ञ में स्वाहा के बाद *इदं न मम* ( अर्थात यह मेरा नहीं है) यह आपको समर्पित है का सूत्र ( फ़ार्मला) समझते हैं।
स्वाहा इदं < *देवी/देवता का कोई भी मनपसंद व श्रद्धायुक्त नाम*> इदं न मम
अतः निम्नलिखित सभी सही हैं जिस नाम में जिसकी श्रद्धा हो:-
हे काली यह आहुति आपके के लिए है, निम्नलिखित में से कोई भी बोल सकते हैं:-
1- *इदं महाशक्त्यै इदं न मम्*
2- *इदं कालिकायै इदं न मम्*
3- *इदं महाकाली इदं न मम्*
4- *इदं महाकाल्यै इदं न मम्*
हे लक्ष्मी यह आहुति आपके लिए है, निम्नलिखित में से कोई भी बोल सकते हैं:-
1- *इदं महालक्ष्मयै इदं न मम्*
2- *इदं विष्णुप्रियायै इदं न मम्*
3- *इदं महालक्ष्मी: इदं न मम्*
4- *इदं सौभाग्यलक्ष्मी: इदं न मम्*
उम्मीद है, आत्मीय भाई आपकी शंका का समाधान हो गया होगा।
जय गुरुदेव
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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