युगऋषि कहते हैं - परिस्थति मनुष्य के हाथ मे नहीं है। मनुष्य के हाथ मे मनःस्थिति व पुरुषार्थ है। सही मनःस्थिति से सही दिशा में किया पुरुषार्थ सफलता दिलाता है।
रतन टाटा कहते हैं - निर्णय पर सफलता निर्भर नहीं करती। जो भी निर्णय लिया है उसे सही निर्णय साबित करने हेतु प्रयत्न पर सफलता निर्भर करती है।
सफ़ल व्यक्ति कोई अलग कार्य नहीं करता, अपितु साधारण से साधारण कार्य को बेहतरीन ढंग से करने में जुटता है।
क़िस्मत और पुरुषार्थ एक दूसरे के पूरक हैं, किस्मत में लिखा प्रारब्ध पुरुषार्थ काट सकता है, किस्मत में लिखा खज़ाना भी पुरुषार्थ ही ढूढता है।
उद्यमी पुरुष: बपुत: लक्ष्मी, लक्ष्मी उद्यमी पुरुषार्थी व्यक्ति के पास स्वयं चलकर पहुँचती है।
स्वयं की योग्यता का मूल्यांकन स्वयं ही किया जा सकता है, खुद से बेहतर खुद को दूसरा नहीं जान सकता। गहन ध्यान व चिंतन कीजिये, जो निर्णय उभरे उसे ले लीजिए। फिर उस निर्णय को सही साबित करने के लिए पुरुषार्थ कीजिये।
🙏🏻श्वेता, DIYA
रतन टाटा कहते हैं - निर्णय पर सफलता निर्भर नहीं करती। जो भी निर्णय लिया है उसे सही निर्णय साबित करने हेतु प्रयत्न पर सफलता निर्भर करती है।
सफ़ल व्यक्ति कोई अलग कार्य नहीं करता, अपितु साधारण से साधारण कार्य को बेहतरीन ढंग से करने में जुटता है।
क़िस्मत और पुरुषार्थ एक दूसरे के पूरक हैं, किस्मत में लिखा प्रारब्ध पुरुषार्थ काट सकता है, किस्मत में लिखा खज़ाना भी पुरुषार्थ ही ढूढता है।
उद्यमी पुरुष: बपुत: लक्ष्मी, लक्ष्मी उद्यमी पुरुषार्थी व्यक्ति के पास स्वयं चलकर पहुँचती है।
स्वयं की योग्यता का मूल्यांकन स्वयं ही किया जा सकता है, खुद से बेहतर खुद को दूसरा नहीं जान सकता। गहन ध्यान व चिंतन कीजिये, जो निर्णय उभरे उसे ले लीजिए। फिर उस निर्णय को सही साबित करने के लिए पुरुषार्थ कीजिये।
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