Saturday, 1 August 2020

पूर्णाहुति

*मास परायण - पूर्णाहुति - कोरोना वैश्विक महामारी को समूल नष्ट करने हेतु पूर्णाहुति घर पर ही करें- चैत्र शुक्लपक्ष रामनवमी, सम्वत्सर 2077, सोमवार श्रावणी पुर्णिमा  3 अगस्त को करना है, यदि रक्षाबंधन को कहीं बाहर जा रहे हैं तो पूर्णाहुति 2 अगस्त को कर लें।*

स्नानादि करके धुले स्वच्छ वस्त्रो में देवमन्दिर में दीपक लगाये । षट कर्म करके व देवावाहन कर लें और यज्ञ की तैयारी कर लें।

वर्तमान समय में जो उपलब्ध हो वही सामान पूर्णाहुति हेतु उपयोग करें।

*समय* - अपने अपने घर में सुबह 7 से 11 के बीच यज्ञ करें

*समिधा*
आम की लकड़ी या नारियल के टुकड़े या गोमय दीपक या बलिवैश्व पात्र

*हवन सामग्री*
शान्तिकुंज की हवन सामग्री या गुड़-घी या मात्र घी

*नारियल गोला या सुपाड़ी या कोई साबुत ड्राई फ्रूट अंतिम पूर्णाहुति आहुति*

पुस्तक - सरल हवन विधि पढ़कर यज्ञ कर लें

यज्ञ के दौरान यह सङ्कल्प लें।


विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य, अद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीये प्ररार्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे, वैवस्वतमन्वन्तरे, भूर्लोके, जम्बूद्वीपे, भारतवर्षे, भरतखण्डे, आर्यावर्त्तैकदेशान्तर्गते, < *अपने अपने देश का नाम यदि कोई इस संकल्प में भारत के बाहर से भी जो साधक भाई बहन जुड़ रहे हो। फिर उस राज्य (स्टेट)फिर क्षेत्र का स्थान नाम यहां जोड़ें*> क्षेत्रे,  स्थले 2077 विक्रमसंवत्सरे मासानां मासोत्तमेमासे *श्रावणमासे* *शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिधि.....अब अपना नाम गोत्र या (गुरुगौत्र भरद्वाज) के साथ बोलें*>..... गोत्रोत्पन्नः .. < *अपना नाम बोलें*>........ नामाऽहं  सत्प्रवृत्ति- संवर्द्धनाय, दुष्प्रवृत्ति- उन्मूलनाय, लोककल्याणाय, आत्मकल्याणाय, वातावरण -परिष्काराय,  उज्ज्वल भविष्यकामनापूर्तये च प्रबलपुरुषार्थं करिष्ये, अस्मै प्रयोजनाय च कलशादि- आवाहितदेवता- पूजनपूर्वकम् ...                * *कोरोना वैश्विक महामारी को समूल नष्ट करने हेतु सभी की सुरक्षा व स्वस्थ जीवन हेतु राष्ट्र की अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करनी हेतु   भारत की सुरक्षा हेतु,  और सबकी सद्बुद्धि, सबके उज्ज्वल भविष्य  निमित्तकम मास परायण अनुष्ठान पूर्णाहुति** > कर्मसम्पादनार्थं सङ्कल्पम् वयम् करिष्ये।🙏🇮🇳

*सङ्कल्प जल को पूजन की तश्तरी में जपकर अर्पित कर दें। ततपश्चात निम्नलिखित मंत्रो से पूर्णाहुति में आहुति अर्पित करें*

कितना भी श्रेष्ठ मंन्त्र हो यदि बिना श्रद्धा-अविश्वास युक्त बिना भावना के जपा जाएगा।वो निष्प्राण और अप्रभावी होगा। अतः पूर्ण श्रद्धा भावना से मन्त्र जपें।


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👉🏼 *24 या 108 आहुति गायत्री मंत्र की* - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।*

भावार्थ:- उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।

👉🏼 *24 आहुति महामृत्युंजय मंत्र की* - *ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।*
*उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥*

भावार्थ - हे त्रिनेत्रधारी महादेव, आपकी कृपा से हम भी त्रि-नेत्रीय वास्तविकता का चिंतन करते हैं, दो नेत्रों से बाह्य दृष्टि विकसित करें और  तीसरे नेत्र से विवेकदृष्टि/अन्तः दृष्टि विकसित करें। त्रिगुणात्मक सृष्टि के प्रति गहरी समझ विकसित करें, हे महादेव आपकी कृपा से जीवन हमारा मधुर और परिपूर्णता को पोषित करता हुआ और वृद्धि करता हुआ हो। ककड़ी की तरह, एक फल की तरह हम मृत्यु के समय इसके तने रूपी शरीर से अलग ("मुक्त") हों, और आत्मता की अमरता और शरीर की नश्वरता का हमें सदा भान रहे। मृत्यु से अमरत्व की ओर गमन करें।

👉🏼 *3 आहुति महाकाली बीज मंन्त्र की* -
ॐ भूर्भुवः स्वः  क्लीं क्लीं क्लीं  तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् क्लीं क्लीं क्लीं ॐ

👉🏼 *3 आहुति प्रखर प्रज्ञा श्री सद्गुरु मंन्त्र*-
ॐ प्रखरप्रज्ञाय विद्महे महाकालाय धीमहि। तन्नो श्रीराम: प्रचोदयात्।
👉🏼 *3 आहुति सजल श्रद्धा माँ भगवती मंन्त्र*-
ॐ सजलश्रद्धाय विद्महे महाशक्तयै धीमहि। तन्नो भगवती प्रचोदयात्।

*यज्ञ के बाद दान 121 रुपये या 501 या 1001 ऑनलाईन PayTM या Google Pay या क्रेडिट कार्ड या ऑनलाइन ट्रांसफर करें। ऑनलाइन पेमेंट के लिए निम्नलिखित लिंक विजिट करें, बहुत आसान है ऑनलाइन पेमेंट:-

https://www.awgp.org/contribute/online_donation


कोरोना वायरस विश्व आपदा के इस दौर मे समूह में एकत्र होना वर्जित है। सामूहिक भजन कीर्तन व यज्ञ नहीं होंगे। लेकिन व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा जुड़कर अखण्डजप व अखंड स्वाध्याय या अखंड रामायण राम नवमी के दिन कर सकते हैं उसके बादभी कर सकते हैं।

वर्चुअल ऑनलाइन ही सामूहिक सङ्कल्प, व्रत, अखण्डजप इत्यादि के कार्यक्रम चलेंगे।

कोई भी व्रत जब तक लाकडाउन रहेगा हमें यह ध्यान रखना है कि शरीर को वह आहार मिलता है रहे जिससे हमारी इम्युनिटी बढ़े। जगह जगह लाकडाउन में कब क्या उपलब्ध  रहेगा यह तय नहीं है। अतः फल सब्जियां जो मिल जाये वह अवश्य खायें। सेंधानमक व गुड़ नवरात्र व्रत में लेना अनिवार्य है। नित्य कम से कम 5 से 6 ग्लास पानी घूंट घूंट कर पीना अनिवार्य है।

शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए व अधिक शरीर की मजबूती हेतु योग व प्राणायाम अधिक करना है। कम से कम 15 मिनट प्राणायाम करें। श्वांस को होल्ड करके चेक करें कि आप कितने सेकंड्स तक होल्ड कर सकते हैं। यदि 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक होल्ड कर पाते हैं तो फेफड़े स्वस्थ हैं।☝

जब तक कोरोना संक्रमण पूरे विश्व से समाप्त नहीं हो जाता, तब तक सुबह व शाम दोनो समय पीने योग्य चाय की तरह घूंट घूंट गर्म पानी अवश्य पियें।

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