मन विचारों, अनुभवों और यादों से निर्मित होता है। यदि मन को दूषित करना है तो भी विचारों का ही सहारा लेना पड़ेगा, यदि मन को शुद्ध करना है तो भी विचार ही मदद करेंगे। मन के बल मनोबल को तोड़ना है तो भी विचार ही सहायक हैं, मन के बल मनोबल को बढ़ाना है मजबूत बनाना है तो भी विचार ही सहायक होंगे। विचारों की सृजनात्मक शक्ति को समझिए, स्वयं के जीवन को मनचाही दिशा विचारों के प्रयोग से दीजिये। आर्ट ऑफ थिंकिंग - सोचने की कला में माहिर बनिये।
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