Thursday 22 October 2020

प्रश्न - कलियुग में घर भी सुरक्षित न रहे, बाहर तो खतरा है ही घर में भी इज्जत सुरक्षित न रहने की न्यूज आती रहती है? इसका क्या कारण है?

 प्रश्न - कलियुग में घर भी सुरक्षित न रहे, बाहर तो खतरा है ही घर में भी इज्जत सुरक्षित न रहने की न्यूज आती रहती है? इसका क्या कारण है?

उत्तर - एक युवा बहन और युवा पत्नी के बीच अंतर हमारे सँस्कार करते हैं, किसे किस दृष्टि से व किस भाव से देखना है यह सँस्कार तय करते हैं। दूसरी युवा लड़कियों को कुदृष्टि व अशलील दृष्टि से देखना है या बहन-बेटी की नज़र से देखना यह भी हमारे सँस्कार तय करते हैं। 

एक युवा भाई और युवा पति के बीच अंतर हमारे सँस्कार करते हैं, किसे किस दृष्टि से व किस भाव से देखना है यह सँस्कार तय करते हैं। दूसरी युवा लड़को को कुदृष्टि व अशलील दृष्टि से देखना है या भाई व पुत्र की नज़र से देखना यह भी हमारे सँस्कार तय करते हैं। 

पहले घर में सँस्कार गढ़ने का कार्य माता-पिता, गुरुकुल, व आसपास का समाज करता था। तो परिस्थिति नियंत्रण में थी।

अब सँस्कार गढ़ने का कार्य न्यूज चैनल, विज्ञापन, फ़िल्म, टीवी सीरियल,इंटरनेट व शोशल मीडिया भी कर रहे हैं। अतः अब सब अनियंत्रित है। आपके बच्चे के दिमाग़ में कैसे कैसे विचार किन माध्यमो से पहुंच रहे हैं व किस प्रकार के सँस्कार गढ़ रहे हैं पता नहीं है।

अतः कुंस्कार पशुवत जहां भी विद्यमान हैं, वहाँ पशुवत शारिरिक सम्बन्ध व हैवानियत भाई-बहन, बाप-बेटी, माता-पुत्र के बीच में हो तक कोई आश्चर्य की बात नहीं है।

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