अंधेरे का कोई वजूद नहीं है, वह तो वस्तुतः प्रकाश का अभाव है।
इसीतरह नकारात्मक आदतों का कोई वजूद नहीं है, वह तो वस्तुतः अच्छी आदतों का अभाव है।
अंधेरे को भगाने के लिए अंधेरे से लड़ने की जरूरत नहीं है, बस प्रकाश का एक छोटा दिया या लाइट ही पर्याप्त है।
नकारात्मक आदतों को भगाने के लिए उनसे जूझने की जरूरत नहीं है, अपितु अच्छी आदतें अपनाने की जरूरत है।
नकारात्मक विचारों से जूझने की जरूरत नहीं है, अपितु अच्छे विचारों को नित्य पढ़ने की जरूरत है।
अतः इस सिद्धांत को समझें व अतः अच्छी आदतों के निर्माण में सक्रिय रहें।
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