प्रश्न - क्या मात्र प्रार्थना से कोई धनवान बन सकता है?
उत्तर- कर्मप्रधान विश्व रचि राखा, को करि तर्क बढावै साखा।
उद्यमी पुरुष: बपुत: लक्ष्मी: ।
यह सृष्टि कर्म प्रधान है, जो बोवोगे वही काटोगे। उद्यम पुरुषार्थ व बुद्धि प्रयोग करोगे तो ही धनवान बनोगे।
केवल किस्मत से धनी घर मे जन्म मिल सकता है, बाकी धन वैभव तो उद्यम पुरुषार्थ व बुद्धि प्रयोग से ही अर्जित करना पड़ता है।
प्रार्थना से बुद्धिकुशल व्यक्ति बनता है, प्रार्थना से दिमाग मे आइडिया जन्मता है। पुरुषार्थ से उस बुद्धि का प्रयोग होता है और आइडिया इम्प्लीमेंट होता है। ततपश्चात परिणाम मिलता है।
एक के बिना दूसरा अधूरा है। प्रार्थना चेतन है व पुरुषार्थ जड़ पदार्थ है, जब दोनो मिलेंगे तो ही परिणाम दिखेंगे।
बिना पढ़े पास न होंगे (पुरुषार्थ), लेक़िन अच्छी याददाश्त व एकाग्रता(प्रार्थना) से प्राप्त करके अच्छी सफलता सुनिश्चित कर सकते हो।
बिना धरती पर बीज बोए(पुरुषार्थ) धन-धान्य न मिलेगा, लेकिन अच्छी समय पर वर्षा व जलवायु हेतु प्रार्थना करके अच्छी खेती सुनिश्चित कर सकते हो।
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