प्रश्न - हर समय खुश रहने के लिए क्या करें?
उत्तर - कुछ प्रश्न पूँछिये स्वयं से :-
1- पता कीजिए ख़ुश कौन रहना चाहता है? शरीर, मन या आत्मा?
2- तुम क्या हो? शरीर, मन या आत्मा?
3- क्या इच्छाओं व वासनाओं की पूर्ति को तुम ख़ुशी मानते हो?
4- खुश रहने से तुम्हारा तातपर्य क्या है? खुश रहने का मतलब क्या है? अच्छी सैलरी, मनपसंद जीवनसाथी, आज्ञाकारी सन्तान व जीवनसाथी, धन सम्पदा? यदि इसे ख़ुशी मानते हो तो तुम्हारा भ्रम है। यह सुविधा है, सुख नहीं। जीवनसाथी व सन्तान रोबोट नहीं है जो आपके रिमोट पर चलेंगे। धन की गति निराली है, जब तक शारीरिक मेहनत अन्य से दोगुनी और मानसिक मेहनत अन्य से चौगुनी करोगे तब तक ही साथ है। थोड़ी सी चूक धन गया।
5- इच्छाएं रक्त बीज राक्षस की तरह है, एक के पूरी होने पर अनेक जन्मेगी। सुख इच्छाओं वाला कभी ठहरेगा ही नहीं।
6- स्वयं के भीतर के आनन्द श्रोत को ढूँढिये, अपने अस्तित्व को पहचानिये। जो व्यक्ति जीवन की समझ नहीं रखता, जिसे यह न पता हो कि जीवन क्या है? वह जीवन मे आनन्द कैसे ले सकेगा?
7- आनन्द भीख में नहीं मिलेगा, अर्जित करना पड़ेगा। इसके लिए प्रयास जितना बाहर करते हो उतना ही भीतर अंतर्जगत में करना पड़ेगा। तब जंगल मे मङ्गल होगा, प्रत्येक परिस्थिति में मनःस्थिति ठीक रखके जीवन का आनन्द उठा सकते है।
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