Tuesday, 1 December 2020

ब्रह्म मुहूर्त - ब्रह्म अर्थात ब्रह्मज्ञान और मुहूर्त अर्थात समय अवधि। ब्रह्मज्ञान पाने के इच्छुक साधक के लिए ध्यान व योग करने की उत्तम अवधि होती है।

 ब्रह्म मुहूर्त - ब्रह्म अर्थात ब्रह्मज्ञान और मुहूर्त अर्थात समय अवधि। ब्रह्मज्ञान पाने के इच्छुक साधक के लिए ध्यान व योग करने की उत्तम अवधि होती है।

सांसारिक स्वास्थ्य व सांसारिक विद्या अध्ययन के लिए भी यह समय अवधि उत्तम है।

पौधे भी इसी मुहूर्त में बढ़ते हैं, आप गमले के पौधे को नाप कर चेक कर सकते हैं। बुद्धि के विकास का भी यही उत्तम समय है।

रात्रि के अंतिम प्रहर के तत्कालबाद का समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्योदय से चार घड़ी (लगभग डेढ़ घण्टे) पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में ही जग जाना चाहिये। इस समय सोना शास्त्र निशिद्ध है। प्रात: 4 से 5.30 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहा गया है।

इस मुहूर्त में वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर अधिकतम रहता है।

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