Tuesday 29 December 2020

ईश्वर का प्रेम किस पर व क्यों बरसेगा?

 💐 जब हम जीवन में निज इच्छा से कार्य करने को स्वतंत्र हैं तो क्या हमारा  ध्यान ईश्वर पर है? उसके लिए कुछ करने का हम सोच रहे हैं? 💐


एक पिता की दो सन्तान थी, बच्चे मेले में जाने की जिद कर रहे थे। पिता ने 200 रुपये प्रत्येक को देकर भेजा।


बड़े लड़के ने स्वयं के लिए खिलौने, चॉकलेट व जंक फूड खरीदा। 


छोटे बेटे ने सुना था कि कुछ दिन पहले माँ पिताजी से साड़ी के लिए आलपिन मंगा रही थी, पिताजी भूल गए थे। वह बोल रहे थे मैं अक्सर भूल जाता हूँ न तुम्हारी साड़ी की आलपिन ला पाया और न ही पेपर समेटने के स्टेपलर की पिन। तो उसने माँ के लिए साड़ी की आलपिन व बिंदी, पिताजी के स्टेपलर की पिन व एक साधारण मग़र सुंदर पेन खरीदा। स्वयं के लिए रफ कॉपी व पेन खरीदा। एक छोटी सी टॉर्च व कुछ चॉकलेट खरीद के लाया। छोटे बेटे ने घर आकर जब मम्मी व पापा को उनका सामान दिया व साथ ही चॉकलेट शेयर की। तो मम्मी पापा ने उसे प्यार से गले से लगा लिया, बोला तुम्हें मेले में हमारा ध्यान था। खूब आशीर्वाद दिया।


बड़ा बेटा, चिढ़कर बोला आप लोग तो मात्र छोटे को प्यार करते हो। मुझसे बोला होता तो क्या मैं भी यह सब सामान न ला देता। अरे तुम लोगों ने हमें पैसा मेले को एन्जॉय करने के लिए दिया था, तो बताओ मैने क्या गलत किया?


आप स्वयं विचारें व बताएं कि बड़ा बेटा क्या नहीं समझ पाया, जो छोटे बेटे ने समझा।


💐💐💐💐💐💐💐

ईश्वर ने हम सबको संसार में मानसिक शक्तियों को देकर भेजा है, कर्म करने के लिए हम सब स्वतंत्र हैं। लेकिन दुनियाँ के मेले को एन्जॉय करते समय क्या हमें अपने परमपिता का ध्यान है? क्या हम उन मानसिक शक्ति से स्वयं का उद्धार व ईश्वर का कार्य कर रहे हैं? 


ईश्वर का प्रेम किस पर व क्यों बरसेगा? स्वयं विचार करें...


💐श्वेता चक्रवर्ती, DIYA

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...