Saturday 26 June 2021

प्रश्न - वर्तमान में अस्त व्यस्त परिस्थितियों में रहने वाले दम्पत्ति, जिन्होंने कभी साधना नहीं की आजतक क्या वो दम्पत्ति सुप्रजनन के तहत सुसंस्कारी व श्रेष्ठ सन्तान गायत्री परिवार द्वारा चलाये प्रशिक्षण को करके और बताए नियमो के अनुपालन को करके गढ़ सकते हैं?

 प्रश्न - वर्तमान में अस्त व्यस्त परिस्थितियों में रहने वाले दम्पत्ति, जिन्होंने कभी साधना नहीं की आजतक क्या वो दम्पत्ति  सुप्रजनन के तहत सुसंस्कारी व श्रेष्ठ सन्तान गायत्री परिवार द्वारा चलाये प्रशिक्षण को करके और बताए नियमो के अनुपालन को करके गढ़ सकते हैं?


उत्तर - जब जागो तब सवेरा, Something is better than nothing.. कुछ न प्राप्त करने से कुछ प्राप्त करना बेहतर है।


कलियुग के अनेकों हानि है, मग़र एक लाभ है। यहां सतयुग से सौ गुना कम साधना व प्रयास करने पर सफलता मिल जाती है। सतयुग में दस वर्ष के कठोर तप का परिणाम कलियुग में एक वर्ष की साधना से प्राप्त किया जा सकता है। एक तरह से एक साथ दस फ़्री का ऑफर है।


अतः जो माता पिता समझदार हैं व विज्ञान की व अध्यात्म की थोड़ी भी समझ रखते है तो वह अवश्य प्रशिक्षण लेकर लाभान्वित हो सकते हैं।


गर्भस्थ को शिक्षित करने के लिए गर्भिणी स्कूल, गुरुकुल नहीं जा सकती और न ही 24 घण्टे के लिए कोई शिक्षक घर पर प्रशिक्षण हेतु बुला सकती है।


जिस प्रकार गर्भस्थ बाह्य भोजन ग्रहण नहीं कर सकता वैसे ही बाह्य शिक्षण ग्रहण नहीं कर पाता है। गर्भिणी की जगह कोई दूसरा ख़ाकर गर्भ को पोषण नहीं दे सकता। गर्भस्थ के पिता के जुड़ाव व प्रभाव को कोई अन्य उतपन्न नहीं कर सकता।


गर्भिणी के खाये भोजन से उसे पोषण मिलता है, गर्भिणी के सोचे व चिंतन में आये विचार गर्भस्थ के मन का निर्माण करेंगे। गर्भिणी द्वारा जप किये मन्त्र व ध्यान गर्भ को प्राणवान व ऊर्जावान बनाएगा।


जिस प्रकार अन्न से भोजन व मन बनता है, वैसे ही विचारों से गर्भस्थ का मन व तन दोनो निर्मित होता है।


अतः सभी सन्तान उतपत्ति के इच्छुक दम्पत्ति को गर्भसंस्कार के महत्त्व व उस संस्कार के बाद नौ महीने तक गर्भस्थ के मौखिक व भावनात्मक प्रशिक्षण को सीखना अनिवार्य है। प्रयत्न व पुरुषार्थ से लाभ अवश्य मिलेगा।


युद्ध के समय थोड़े प्रयास व थोड़ी योग्यता में सैनिक भर्ती हो जाती है, जबकि अच्छे सामान्य समय मे सैनिक भर्ती कठिन व अधिक योग्यता मांगती है।


कलियुग की विदाई व सतयुग के आगमन का समय है, युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। अच्छी आत्माएं अच्छे गर्भ की तलाश में है। थोड़ा प्रयास व पुरुषार्थ करें अच्छी आत्माओं के लिए अपने विचार, गर्भ व घर को थोड़ा भी अच्छा बना ले तो अच्छी व श्रेष्ठ आत्माएं गर्भ में जरूर अवतरित होंगी। 


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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