प्रश्न - कर्तव्य पालन की क्या उपयोगिता है?
उत्तर- प्रेम जो कर्तव्य से न जुड़ा, प्रेम जो त्याग से न जुड़ा, वो प्रेम विष समान कष्टकर होगा, मृत्यु के समान कष्ट और पीड़ा देगा।
कर्तव्य पालन करना व अधिकारों की उपेक्षा करना सन्तो के लक्षण है।
सेना में प्रत्येक व्यक्ति केवल अपनी चौकी को सुरक्षित करता है और पूरी सीमा सुरक्षित हो जाती है। दीपावली में सब केवल अपने घर दिया जलाते है और पूरा देश रौशन हो जाता है। यदि परिवार में सब अपने अपने हिस्से की जिम्मेदारी बखूबी निभा लें तो घर सहज ही सम्हल जाता है। समय पर उठ जाएं, समय पर भोजन, स्वयं अपने बर्तन साफ कर लें और अपना अपना रूम साफ कर लें, समय पर पढ़ाई कर लें और एक दूसरे के सहयोगी बन जाये। एक दूसरे को थोड़ा वक्त दें तो प्रेम और सहकार से भरा घर धरती का स्वर्ग होता है।
देश मे प्रत्येक व्यक्ति अपने हिस्से के कर्तव्य निबाह ले तो देश धरती का स्वर्ग बन जायेगा।
स्वधर्म - क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए यह सबको पता होना चाहिए।
धर्म का अर्थ यह भी होता है कि मानवीय कर्तव्यों की सूची, do and don't की लिस्ट। जो मनुष्य को कर्तव्य करना चाहिए वह धर्म है, जो नहीं करना चाहिए वही अधर्म है।
धर्म की ब्रांडिंग - सम्प्रदाय है। जैसे मधुमख्खी द्वारा बनाये शहद की ब्रांडिंग पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ इत्यादि करते है। वैसे ही सनातन वैदिक धर्म के साल्ट की ब्रांडिंग हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई और बौद्ध में है। जैसे कुछ कम्पनियां शहद मिलावटी बेचती हैं, वैसे ही कुछ सम्प्रदाय धर्म मे मिलावट करके फैला रहे हैं।
मार्ग बदलने से मंजिल नहीं बदलती।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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