Monday 30 August 2021

प्रश्न - आपके आध्यात्मिक ज्ञान का क्या स्रोत है? आपके गुरु कौन हैं?

 प्रश्न -  आपके आध्यात्मिक ज्ञान का क्या स्रोत है? आपके गुरु कौन हैं?


उत्तर- हमारे आध्यात्मिक ज्ञान का स्रोत परमपूज्य गुरूदेव वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी के लिखे साहित्य खज़ाना(3200 से ज्यादा आर्टिकल पर लिखी पुस्तक) है। उनकी लिखी  पुस्तकों का स्वाध्याय के साथ साथ हम अनेकों अन्य आध्यात्मिक लेखकों की पुस्तक भी पढ़ते हैं। यूट्यूब पर आध्यात्मिक ज्ञान पर उपलब्ध कंटेंट भी देखते व सुनते हैं।


इस ज्ञान को धारण करने हेतु मानसिक योग्यता चाहिए, यह योग्यता हमें दैनिक ग़ायत्री साधना व दैनिक संक्षिप्त यज्ञ, वर्ष में एक बार चन्द्रायण साधना, दो नवरात्रि अनुष्ठान से मिलती है।  हम उगते सूर्य का ध्यान, पंचतत्वों के ध्यान, चक्रों के ध्यान व भिन्न भिन्न समय पर प्रेरणानुसार ध्यान की अनेक विधियां करते रहते हैं।


हमारे आध्यात्मिक गुरु परमपूज्य गुरूदेव पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी हैं। हमने ग़ायत्री मन्त्र की दीक्षा ली हुई है। 


हमारे गुरु आध्यात्मिक विद्युत के पॉवरहाउस हैं, उनसे कौन शिष्य कितना लाभान्वित होगा यह उस व्यक्ति की श्रद्धा व समर्पण पर निर्भर करेगा। गुरू की बताई साधना करने पर व गुरु द्वारा दिये गए साहित्य खजाने के स्वाध्याय से गुरु चेतना को धारण करने में मदद मिलती है।


ठाकुर रामकृष्ण जी हो या आदिगुरु शंकराचार्य जी या लाहिड़ी महाशय जी या युक्तेश्वर गिरी जी या परम् पूज्य गुरुदेव पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी सबसे मात्र गुरुदीक्षा लेने भर से उनकी गुरु चेतना सभी शिष्य धारण नहीं कर सकते। उनकी चेतना को धारण करने का मूल्य चुकाना पड़ता है - *करिष्ये वचनम तव* - जो कहोगे वही करूंगा । *वन्दे भवानी शंकरौ, श्रद्धा विश्वास रुपिणौ* - भगवान शंकर व आदिशक्ति श्रद्धा व विश्वास से ही पूजे व भजे जाते हैं।


सभी शिष्य विवेकानंद की तरह ठाकुर रामकृष्ण के क्यों न हुए? सभी शिष्य योगानन्द की तरह युक्तेश्वर गिरि जी के  क्यों न हुए? सभी शिष्य शंकराचार्य जी के पद्मपाद की तरह क्यों न हुए? सभी शिष्य परम पूज्य गुरुदेब के श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पंड्या की तरह क्यों न हुए इत्यादि प्रश्नों के उत्तर यदि ढूढ़ना है तो आपको एक पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए - *आध्यात्मिक विद्या का प्रवेश द्वार* . यह पुस्तक पढ़ने के बाद प्रश्न पूंछने की आवश्यकता ही नहीं रह जायेगी। समस्त आध्यात्मिक बेसिक्स आपके क्लियर हो जाएंगे।


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...