प्रश्न - जब हमारा किसी ने दिल दुखाया हो , जिससे हम बहुत प्यार करते हो
आपने उससे उतना ही प्यार किया यह जानते हुए भी कि आप उनके बराबर नहीं है और ना पैसे में फिर भी आपने उन्हें पूरा सम्मान वा सच्चा प्यार दिया .
फिर एक दिन उनके बीच सब बातचीत बंद हो गई क्योंकि उन्होंने आपका दिल दुखाया।।
फिर अचानक उन्होंने आप के पास दोबारा आने की कोशिश कर रहे हो , यह जानते हुए कि आप उनके बराबर नहीं है . किसी भी चीज में।।
इस स्थिति में हमें क्या करना चाहिए?🙏
उत्तर- याद रखो, प्रेम के बदले प्रेम ही मिले यह सच्चे प्रेम में प्रेमी परवाह नहीं करते। वह तो अपने प्रेम के लिए सर्वस्व त्यागने को तैयार रहते हैं।
वह प्रेम ही क्या जिसमे त्याग व देने का भाव न हो, तराजू लेकर बदले में कुछ पाने की चाह में न प्यार में होता है न ही भक्ति...
तराजू लेकर तो मात्र व्यापार होता है।
प्रेम में एक दूसरे को सम्मान देना अनिवार्य है व जो जैसा है उसे वैसा स्वीकार किया जाता है, प्रेम की नींव सम्मान व एक दूसरे को समझने में होती है।
आज की जनरेशन फिल्मी प्रेम करती है व मात्र हार्मोनल चेंज व एक दूसरे को अच्छा लगना ही प्रेम मान लेती है। एक दूसरे से मनचाहा व्यवहार व प्रेम चाहती है, जो प्रेम के मूल सिद्धांत ही नहीं।
प्रेम चांद से किया जा सकता है, लेक़िन चांद को पाने के लिए विधिव्यवस्था अपनाना होगा, रॉकेट से वहां पहुंचना होगा।
अब यह समझो, कि प्रेम करना अलग चीज है व उसे पाना अलग चीज है।
कलेक्टर के पद से प्रेम करना अलग चीज है, मग़र कलेक्टर के पद व कुर्सी को हासिल करना अलग चीज है। कलेक्टर बनने के लिए पढ़ना पड़ेगा व योग्य बनना पड़ेगा।
किसी लड़की को प्रेम करना अलग चीज है, उसका जीवनभर साथ पाने के लिए हासिल करने के लिए योग्यता चाहिए। कोई पिता आपको अपनी बेटी क्यों दे? इसका उत्तर आपको पता होना चाहिए।
जिस स्तर की राजकुमारी चाहिए बस उस स्तर से ऊंची व्यवस्था बनानी पड़ेगी। अन्यथा उसे छोड़ने में ही भलाई है। राजकुमारियां भाग कर शादी तो कर सकती हैं मगर यदि सच्चा प्रेम न हो तो विवाह निभा नहीं पाती। क्योंकि ऐशोआराम की चाहत जगते ही जीवन नरक बना देती हैं। आपके लिए कष्ट वही सहेगा जो आपसे सच्चा प्रेम करेगा व बदले में कुछ नहीं चाहेगा।
प्रेम करने के लिए योग्यता व स्टेटस मायने नहीं रखता। मग़र उस प्रेम को हासिल करने के लिए कलियुग में योग्यता व स्टेटस जरूरी है।
जिसने एक बार दिल दुखाया है, वह आगे भी निरंतर दिल दुःखायेगा। अतः इस प्रेम सम्बन्ध को पुनः आगे बढाने से पहले विचार कर लो।
तुम अनाथ नहीं हो तुम्हारा परिवार है, माता पिता भी हैं।उनके प्रति भी तुम्हारी जिम्मेदारी है।
तुम स्वयं को इतना योग्य बना लो कि शान से उसके पिता से उसका हाथ मांग सको। अन्यथा उसे अभी भूलकर स्वयं को योग्य बनाने में जुट जाओ। क्योंकि वर्तमान समय चूक गया तो मुश्किल होगी।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन