💐इस नवरात्रि में माँ ग़ायत्री,
मुझे गायत्रीमय बना दो,
माँ मुझे अपने जैसा ही बना दो,
अपने सदगुणों से मुझे ओतप्रोत कर दो,
माँ मुझे अपने जैसा बना दो..
तुम प्राणस्वरूप हो माँ जगजननी,
मुझे भी प्राणवान बना ददो,
तुम दुःख नाश करती हो मां जगजननी,
मुझे भी समस्या का समाधान सीखा दो..
माँ मुझे अपने जैसा बना दो..
तुम सुखस्वरूप हो मां जगतजननी,
मुझे भी सुखस्वरूप बना दो,
तुम सर्व श्रेष्ठ हो मां जगतजननी,
मुझे भी श्रेष्ठता का भान करा दो...
माँ मुझे अपने जैसा बना दो...
तुम तेजस्वी हो मां जगतजननी,
मुझमें भी तेजस्विता मनस्विता भर दो,
तुम पापों नाश करती हो मां जगतजननी,
मुझमें भी पुण्यशीलता भर दो..
माँ मुझे अपने जैसा बना दो...
तुम देवस्वरूप हो मां जगतजननी,
मुझमें भी देवत्व जगा दो,
तुम आद्य शक्ति हो मां जगतजननी,
मुझे भी शक्ति स्रोत से जोड़ दो..
माँ मुझे अपने जैसा बना दो...
मुझे बलपूर्वक सन्मार्ग पर चला दो,
मुझे बिल्कुल अपने जैसा बना दो,
अपने सद्गुणों को मुझमें भर दो,
अपनी ज्योति से मेरी आत्मज्योति रौशन कर दो..
माँ मुझे अपने जैसा बना दो...
पीड़ित मानवता की सेवा सीखा दो,
हृदय में भाव संवेदना जगा दो,
मां मुझमें देवत्व जगा दो,
माँ मुझे अपने जैसा बना दो....
लेखिका - श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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