Sunday 12 December 2021

देश के उत्थान व सम्मान के लिए.... किसकी राह तू देखे?

 देश के उत्थान व सम्मान के लिए....

किसकी राह तू देखे?

किससे आस तू बांधे?

कौन दूसरे देश से आयेगा?

कौन दूसरे ग्रह से आएगा?


जब तू ही बेसुध है,

और भूला बैठा है निज कर्तव्यों को,

तब कैसे सही नेता चुन सकेगा?

तब कैसे निज बच्चों में राष्ट्र भक्ति गढ़ सकेगा?

फिर कैसे देश के उज्ज्वल भविष्य को,

सुनिश्चित कर सकेगा?


तू देश के वर्तमान का हिस्सा है,

तेरे बच्चे देश के भविष्य का हिस्सा है,

अपने हिस्से की राष्ट्र भक्ति तो दिखा,

कुछ तो देशहित कर, कुछ तो देशहित सोच,

इस मातृभूमि ऋण कुछ तो चुका...


जिस देश मे तूने जन्म लिया,

जिस देश का तूने अन्न खाया,

जिस देश के तूने वस्त्र पहने,

जिस देश में तूने ज्ञान पाया,

उस देश के लिए कर्तव्य निभा,

अपनी भारतीय संस्कृति को बचा,

देश को विश्वगुरु बनाने की राह में आगे बढ़ जा,

राष्ट्र को जगाने वाला राष्ट्रपुरोहित बन जा...


तू या चाणक्य बन या चन्द्रगुप्त बन,

तू या सुभाषचन्द्र बोष बन या आज़ाद बन,

कुछ न कुछ राष्ट्रहित बेहतर कर जा,

कुछ तो राष्ट्र उत्थान के लिए कर जा...


तेरी भारत माता के चरणों में,

अभी भी नशे व भ्रष्टाचार की बेड़ियां है,

अभी भी अनेकों समस्याओं के मकड़जाल हैं,

कोई एक समस्या के समाधान में जुट जा,

कुछ तो राष्ट्रहित करते जा,

लोगों के लिए एक मिशाल बन जा,

कुछ न कुछ राष्ट्रहित कर जा....


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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