Monday 13 December 2021

पत्र विषय - "अब न जागे/चेते, तो कहीं देर न हो जाये। आपके बच्चे कहीं नशे के मार्ग में ग़ुमराह न हो जाये

 पत्र विषय - "अब न जागे/चेते, तो कहीं देर न हो जाये। आपके बच्चे कहीं नशे के मार्ग में ग़ुमराह न हो जाये

दिनांक - 13 दिसम्बर 2021


आत्मीय भाइयों एवं बहनों, किशोर व युवा बच्चों,


नशे के व्यापारी, देहव्यापारी व माफिया और डार्क जगत के लोग हमारी इसी दुनियां को कुरूप, विकृत व तबाह करने पर उतारू हैं। उड़ता पंजाब फ़िल्म यदि आप में से किसी ने भी देखी हो तो आपको पता चल जाएगा कि युवाओ को नशे व ड्रग्स की लत से कैसे तबाह किया जा रहा है। आप गूगल सर्च से भी तबाही का विवरण जान सकते हैं। यह डार्क जगत जाल बिछाकर तैयार बैठे हैं, फ़िल्म में इन्वेस्ट करके नशे के प्रमोट कर रहे हैं। बच्चों का ब्रेन वाश कर रहे हैं। 


उनके शकुनि फ़िल्म विज्ञापन किताबें पोर्न विडियो इत्यादि के माध्यम से आपके बच्चों को गुमराह करने व उनका जीवन नर्कमय बनाने को तैयार बैठे हैं लेकिन उनसे अपने बच्चों को बचाने के लिए क्या आपने अपने बच्चों के हाथ मार्गर्शन को श्रीकृष्ण की श्रीमद्भगवद्गीता, प्रखर बुद्धि के लिए ग़ायत्री मन्त्र जप, मन को स्व नियंत्रित करने हेतु उगते सूर्य का ध्यान, मन को मजबूत करने योग-प्राणायाम से जोड़ा है??


अपने बच्चे व उसके आसपास के फ्रेंड सर्कल को नशे से बचाने व ग़ुमराह होने से बचाने के लिए आपकी क्या तैयारी है? कुछ इस सम्बंध में सोचा है? 


यदि आपका बच्चा आध्यात्मिक न हुआ, मन से मजबूत न हुआ और बुद्धिकुशल न हुआ तो उसके जीवन को ग़लत राह में मोड़ना बहुत आसान है।


आपकी बहन हूँ, आपका व आपके बच्चों का भला चाहती हूँ। इसलिए नित्य पत्र लिखकर आपको जगा रही हूँ। गुरुदेव कहते हैं कि अध्यात्म की रौशनी ही डार्क जगत से लड़ने में मददगार है।


युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव पण्डित श्रीराम आचार्य जी ने ग़ायत्री परिवार के माध्यम से विश्व व्यापी नशामुक्ति अभियान व जनजागरण अभियान चलाया है। इस मिशन से जुड़िये व बच्चों के उज्ज्वल भविष्य हेतु उन्हें मानसिक मजबूत बनाइये।


कॉन्वेंट स्कूल व अंग्रेजी शिक्षा केवल शिक्षित करती है, इससे सद्बुद्धि, मन पर नियंत्रण व मन की मजबूती नहीं मिलती। भावनात्मक स्थिरता नहीं आती। अतः इस भ्रम में न रहे कि अच्छे स्कूल में एडमिशन करवा दिया है तो अब बच्चा इन डार्क जगत से बचने योग्य कुशलता सीख लेगा। हम स्वयं इंजीनियर है, कॉरपोरेट में काम करते हैं। अंग्रेजी बोलने वाले व पढ़े लिखे लोगों को नशे में तबाह होते देखें है। 


शिक्षा व बुद्धि एक चाकू/हथियार की तरह है, इसका उपयोग कहाँ व कैसे करना है यह हमारी भावनाएं तय करती है कि इसके उपयोग से किसी को लूटना है या किसी की जान बचानी है?


अभी भी समय है चेत जाइये, जाग जाइये। बच्चों के जीवन का अनिवार्य अंग श्रीमद्भागवत गीता, अच्छी युगसाहित्य का स्वाध्याय, ग़ायत्री मन्त्र जप, ध्यान व प्राणायाम बना दीजिये, उन्हें आत्मा की रौशनी से दुनियां को देखने का हुनर दीजिये। ताकि वह सुरक्षित व व्यवस्थित जीवन जी सकें। क्या सही है व क्या गलत है, यह निर्णय ले सकें।


मैं सेलिब्रिटी फ़िल्म जगत की नहीं हूँ जो पैसे की लालच में आपके बच्चों के लिए पान, गुटखा, ड्रग्स व शराब का ज़हर का विज्ञापन दूँ, बच्चों की लाशों पर पैसे कमाऊं।


मैं देशभक्त पूज्य गुरुदेव की शिष्य हूँ। मुझे आप भले जानते न हों कभी टीवी पर न देखा हो, मग़र आपके बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बनने से रोकने की मुहिम जुटी हूँ। आपके बच्चों का सुखी व उज्ज्वल भविष्य ही मेरी कमाई है।


यदि आप मेरी तरह देशभक्त है व देश की आने वाली पीढ़ी को नशे के गर्त में गिरने से बचाना चाहते हैं। इस पोस्ट को शेयर करें। लोगो मे अवेयरनेस जगाएं।


आपकी बहन

श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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