हे जगतगुरु गुरुदेव,
मुझे चाहिए बस तेरा साथ..
बन मेरे बुद्धिरथ के सारथी,
इस जीवन युद्ध मे बस तुम रहो मेरे साथ,
मत उठाओ हथियार अपने हाथ,
मत लड़ो मेरे लिए तुम, बस रहो मेरे साथ...
ज्ञानामृत पिलाते रहना,
मार्गदर्शन देते रहना,
मुझे सुख - दुख की नहीं परवाह,
मुझे किसी भोग की नहीं चाह,
मत करो मेरा दुःख दूर, बस रहो मेरे साथ...
मुझे कभी अकेला मत छोड़ना,
मेरे साथ सदा मित्र बन रहना,
मेरे बुद्धिरथ के सारथी बनना,
मुझे बलपूर्वक धर्मपथ पर चलाना,
मत करो मेरा कोई काम, बस रहो मेरे साथ...
मुझे रिद्धि सिद्धि का लालच मत देना,
अपने से दूर करने का कोई बहाना मत देना,
मैं भटकूँ तो सम्हाल लेना,
अपने चरणों की निर्मल भक्ति देना,
मत दो मुझे तुम स्वर्ग, बस रहो मेरे साथ...
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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