कविता- युद्ध के बीच मङ्गल गीत गाओ
जीना है तो संघर्ष करना पड़ेगा,
चुनौतियों से दो दो हाथ करना पड़ेगा,
विरोधियों को तो झेलना पड़ेगा,
लोगों की आलोचना सहना पड़ेगा।
जिंदा हो तो,
लोग निंदा चुगली करेंगे ही,
जिंदा हो तो,
लोग राह रोकेंगे ही...
तुम्हारे बारे में..
लोग केवल अच्छा बोलें,
तो तुम्हें मरना पड़ेगा,
लोग तुम्हें रास्ता दें,
तो तुम्हें मुर्दा बनना पड़ेगा।
अरे जिंदगी कोई मंजिल नहीं,
जो मिल जाएगी,
यह तो यात्रा है,
जो अनवरत चलती जाएगी...
जिंदगी के उतार चढ़ाव से क्या घबराना?
योद्धा की तरह ज़िंदगी जीते जाना,
प्रत्येक पल में ज़िंदगी भर लो,
स्वयं की मनःस्थिति योद्धा सी कर लो..
तुम विजेता थे, हो और रहोगे,
इस जीवन युद्ध में विजयी रहोगे,
हे अर्जुन जीवन जीने की कला सीख जाओ,
इस युद्ध के बीच ही मङ्गल गीत गाओ...
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment