मित्रवत हंसी खुशी रहना है,
लोकप्रिय बनना है तो..
आज से ही..
दूसरों की आलोचना न करें..
दूसरों को अपशब्द न बोलें..
किसी की तुलना किसी और से न करें..
जो जैसा है उसे वैसा स्वीकारें..
हंसते मुस्कुराते रहें...
किस्मत का रोना न रोएं..
परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करें..
जितनी मदद हो दूसरे की करें...
मग़र बदले में किसी से अपेक्षा न करें..
स्वयं के मन का रिमोट दूसरों को न दें...
दूसरे के मन को नियंत्रित करने की कुचेष्टा भी न करें..
लोभ मोह के बंधन न पड़ें..
स्वयं भी खुश रहें...
दूसरों को भी ख़ुशियाँ बांटे...
स्वयं की गलती पर क्षमा मांग लें...
दूसरों की गलती को क्षमा कर दें...
स्वयं से प्रेम करें..स्वयं को भी क्षमा करें...
ईश्वर की शरण मे रहें.. स्वयं की मदद स्वयं करें...
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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