बच्चा आपका है तो उसे महान बनाने का उत्तरदायित्व भी आपका ही प्रथम है।
महापुरुष, श्रेष्ठ सफल स्त्री और वैज्ञानिक स्कूल में नहीं बनते, अपितु माता-पिता गढ़ते है। एडिसन को महान माता ने बनाया था स्कूल ने नहीं...
स्कूल में घोड़ा, हाथी, मछली, हंस, सिंह और मधुमक्खी सबको एक जैसा पढ़ाएगा और एक जैसा उनका आंकलन करेगा। आपका बच्चा स्कूल भरोसे अपने मूल सत्ता को पहचान व निखार नहीं सकेगा।
उदाहरण - मछली उड़ने में फ़ैल होगी और हंस तैरने में फ़ैल होगा ही..ऐसे ही मछली तैरने में और हंस उड़ने में सफल भी होगा।
आवाज़ अच्छी होने मात्र से कोई गायक नहीं बनता, गायन सीखना और बहुत रियाज़ की जरूरत है। वैसे ही दिमाग़ तेज होने मात्र से कोई साइंटिस्ट नहीं बनता, उसे भी सीखना और अभ्यास करना पड़ता है।
बच्चों के अंदर के मूल व्यक्तित्व व कृतित्व को पहचानने में स्कूल कोई मदद नहीं करने वाला क्योंकि वह तो एक सेट पैटर्न की बुक ही पढ़ायेगा और फीडबैक तय करेगा।
बच्चा आपका है तो उसे महान बनाने का उत्तरदायित्व भी आपका ही प्रथम है। बच्चे के अंदर की प्रतिभा पहचानना और उसे निखारना आपका उत्तरदायित्व है। बच्चों को स्कूल में भर्ती करके कर्तव्य पूर्ति मान लेंगे तो बच्चा औसत बनेगा व भीड़ का हिस्सा बनेगा।
यदि बच्चे को महान बनाने के लिए स्वयं अतिरिक्त प्रयास करेंगे तब ही बच्चा महान बनेगा।
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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