अंडा एक जीवन का बीज है, जो पक्षी बनेगा।
जिस जीवन को आप स्वाद हेतु नाश्ते में खा रहे हैं।
यदि नरभक्षियों के बीच एक परिवार चला जाय,
तो मानव बच्चे को वो अंडे की तरह नरम समझ नाश्ते में खाएंगे।
अंडे खाने से कोई इंटेलिजेंट नहीं बनता, मांसाहारी सभी आइंस्टीन व रामानुज नहीं बनता। रोड बनाते, पंचर बनाते व गाड़ी धुलते जरूर अंडाहारी मिल जाएंगे।
ईश्वर की नज़र में जितना क्रूर कर्म मानव बच्चे की हत्या है उतना ही क्रूर कर्म एक पक्षी के बच्चे की हत्या है। उतना ही क्रूर कर्म एक बकरे की हत्या है। ईश्वर-अल्लाह-गॉड नाम से आप कुछ भी बोले, सब एक हैं। उनकी सृष्टि में पशु पक्षी मानव सब समान हैं।
अंडे खाते समय होशपूर्वक खाएं और यह समझ के खाएं कि आप एक पक्षी के बच्चे को खा रहे हैं। जीव हत्या के सहभागी बन रहे हैं।
गाय का दूध, मूंगफली, अलसी, सोयाबीन इत्यादि प्रकृति ने प्रोटीन के उत्तम संसाधन दिए हैं। नाश्ते में स्वयं का जीवन बचाने के लिए इन्हें खाएं। जीव हत्या न करें।
💐श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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