Tuesday 23 August 2022

कविता - इतिहास गवाह है, जब तुम आगे बढ़ोगे, दुनियां बाधा देगी,

 इतिहास गवाह है,

जब तुम आगे बढ़ोगे,

दुनियां बाधा देगी,

लोग उपहास उड़ाएंगे,

तुम्हें रोकने को को,

हर पैंतरे अजमाएंगे...


जब तुम सफल बन जाओगे,

मुकाम हासिल कर लोगे,

तब यही लोग,

तालियां बजाएंगे,

माला पहनाएंगे,

और कहेंगे,

हम तो पहले से ही जानते थे,

यह कुछ न कुछ बड़ा करेगा,

हमारे देश का नाम रौशन करेगा...


यदि भविष्य में प्रसंशा सुननी है,

तो अभी उपहास झेलना पड़ेगा,

भविष्य में माला पहनना है,

तो अभी उनकी दी बाधाओं को पार करना पड़ेगा..

सफलता के मुकाम पर पहुंचना होगा,

अनवरत आगे बढ़ना होगा।


🙏श्वेता चक्रवर्ती, DIYA

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