प्रश्न - कितना भी अच्छा और मेहनत का कार्य कर लो, घर परिवार में सबके लिए करो। हर बात के लिए दोषी मुझे ही ठहरा देते हैं। मैंने किसी के साथ कुछ बुरा नहीं किया फिर मुझे ही दुःख क्यों मिलता है?
उत्तर- कलियुग में लोगों से सतयुगी अच्छे व्यवहार की अपेक्षा व्यर्थ है।
हिरण दिल का अच्छा है कभी किसी का मर्डर नहीं किया तो क्या इस पुण्यफल के कारण शेर उसका शिकार नहीं करेगा????
हिरण को दिल के अच्छे होने के साथ साथ स्वयं की जीवन रक्षा हेतु चतुरता और तेज दौड़ने की प्रैक्टिस अनिवार्य है।
तुम्हें नित्य अकबर बीरबल, चाणक्य, और तेनालीराम का एक वीडियो देखना चाहिए।
उनसे सीखना चाहिए कि तानाशाह को कैसे हैंडल करे। उलझन से कैसे निकले, विपरीत परिस्थितियों से कैसे उबरें।
कलियुग में पत्नी और चतुर मंत्री की भूमिका निभानी न आई तो जीवन बेचारा और दुखियारा हो जाएगा।
अधिकार और भीख में अंतर समझो, अधिकार लिया जाता है और भीख दिया जाता है।
यदि तुम किसी से कुछ अपेक्षित व्यवहार और सम्मान चाह रही हो, और वह नहीं मिल रहा। इसका अर्थ यह है कि आपने अपनी बुद्धि का सही प्रयोग करके यह साबित नहीं किया कि आप किस प्रकार के व्यवहार की अधिकारिणी हैं।
मात्र विवाह कर लेने मात्र से अधिकार नहीं मिलते, अधिकार पाने हेतु कुशल चतुर मंत्री की तरह बुद्धि दौड़ानी पड़ती है।
इस संसार में कुछ भी बिना मेहनत नहीं मिलता, न प्यार और न ही सम्मान🙏🏻
यदि आपकी देवरानी या जिठानी को उनके पति अधिक गिफ्ट देते हैं, उनको लोग ज्यादा प्यार करते हैं। आपके साथ दुर्व्यवहार हो रहा है और आपको आपके पति गिफ्ट नहीं देते। तो इसकी गहराई में जाकर देखोगे तो पाओगे कि आपकी देवरानी और जिठानी की चतुर बुद्धि आपसे तेज है। अब अगर आपकी बुद्धि की चाकू कमज़ोर और उनकी बुद्धि की चाकू तेज है। तो विजय श्री उन्हें ही मिलेगी।
पति का रिमोट न ढूढें, आपके हिसाब से उसका व्यवहार आपकी इच्छानुसार नहीं चलेगा। गिफ़्ट और भीख एक ही है, यह देने वाले की इच्छा पर निर्भर करता है।
तानाशाह को हैंडल करना सीखिए, चतुर मंत्री बनिये।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment