Wednesday, 18 January 2023

मानसिक प्रोग्रामिंग - मन का द्वंद्व समाप्त करने और उसे व्यवस्थित करने हेतु

 *मानसिक प्रोग्रामिंग - मन का द्वंद्व समाप्त करने और उसे व्यवस्थित करने हेतु*


लोहा लोहे को काटता है ( iron cuts iron) यह हम सब जानते हैं, ऐसे ही विचार से ही विचार कटते/मिटते हैं (Thoughts cuts thought)।


विचारों की सृजनात्मक शक्ति में परम पूज्य गुरुदेव लिखते हैं कि विध्वंसात्मक/नकारात्मक विचार से मनुष्य स्वयं का विनाश कर सकता है और सृजनात्मक/सकारात्मक विचार से मनुष्य स्वयं का विकास कर सकता है। मनुष्य यदि जीवन को व्यवस्थित और सफल चाहता है तो मनुष्य को विचारों की सृजनात्मक शक्ति को समझना और अपनाना होगा।


युद्ध के मैदान को जीतने के लिए रणनीति बनानी पड़ती है, सेना और हथियार जुटाने पड़ते हैं। ऐसे ही मानसिक द्वंद्व/युद्ध को जीतने के लिए भी सृजनात्मक विचारो की सेना और तप-पुण्य रूपी हथियार इकट्ठे करने पड़ते हैं। 


सृजनात्मक विचार की सेना को मन में तैयार करने हेतु अच्छी पुस्तकों का नित्य स्वाध्याय और तप-पुण्य के हथियार की व्यवस्था हेतु साधना(जप-ध्यान-प्राणायाम) और आराधना(सेवा कार्य हेतु समय दान और अंशदान) करना होता है।


नित्य उपरोक्त विधि से जितना अधिक सृजनात्मक विचारों के संग्रह आपके दिमाग मे होंगे आप उतना बेहतर तरीके से अपने नकारात्मक विचारों को हैंडल कर सकेंगे। अपने दिमाग़ की प्रोग्रामिंग इनर इंजीनियरिंग कर सकेंगे।


कठिन है अपनी रूढ़िवादी मान्यताओं और ज़िद्दी मन को हैंडल करना और नए सिरे से उसे सृजनात्मक गढ़ना, किंतु असम्भव नहीं है। अभ्यास और वैराग्य से असम्भव भी सम्भव होते हैं।


एक छोटा प्रयोग गायत्री मंत्र के साथ छः महीने करके देखें, और अपने दिमाग़ में हो रहे सकारात्मक परिवर्तन को स्वयं अनुभव करें:-


गायत्री मंत्र - ॐ भूर्भुवः स्व: तत् सवितुर्वरेण्यं, भर्गोदेवस्य धीमहि, धियो यो न: प्रचोदयात्।


भावार्थ - उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपनी अन्तरात्मा में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।


आपको सुबह बिस्तर से उठते वक़्त 7 बार और सोने से पूर्व 7 बार गायत्री मंत्र जपना है और 7 बार उसके भावार्थ के साथ यह प्रार्थना करनी हैं।


शेर का बच्चा शेर होता है, हे माता गायत्री वैसे ही हम आपके बच्चे हैं और आपके जैसे ही बनना चाहते हैं।


हम आपकी कृपा से प्राणस्वरूप बन रहे हैं, दुःखनाशक बन रहे हैं, सुखस्वरूप बन रहे हैं, श्रेष्ठ व तेजस्वी बन रहे हैं, पापनाशक और देवस्वरूप बन रहे हैं।

हमारे अंदर ज्योतिस्वरूप परमात्मा विराजमान है, हमारा मन और हमारी आत्मा प्रकाशित हो रहे हैं, मैं स्वस्थ और प्रशन्नचित्त हूँ और प्राण ऊर्जा से ओतप्रोत हूँ। मेरी बुद्धि रथ की सारथी माता गायत्री हैं जो मुझे सन्मार्ग में श्रेष्ठ जीवन मार्ग में अनवरत लेकर चलेंगी।


निःशुल्क ऑनलाइन निम्नलिखित साइट से स्वाध्याय करें

http:// literature. awgp. org/


OCD, Overthinking, Depression, Anxiety, पारिवारिक उलझन, दिल टूटने की समस्या, धोखा किसी से मिलने की समस्या etc, या आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए पूर्व अपॉइंटमेंट व्हाट्सएप पर लेकर सुबह 11 से 1 के बीच सोमवार से शुक्रवार फोन कर सकते हैं। - Sweta Chakraborty, Spiritual Psychologist - 9810893335


हमारी काउंसलिंग सेवा निःशुल्क है, आप स्वेच्छा से दान गायत्रीमंत्र लेखन,  गायत्री चालीसा या अनाथालय में अन्नदान हेतु कुछ दान कर सकते हैं, कोई बाध्यता नहीं है।


🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती

डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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