Wednesday, 18 December 2024

डायबिटीज घरेलू उपाय से 6 महीने में ठीक करें - पनीर फूल(पनीर डोडा)

 सभी चिकित्सक, योग करवाने वाले भाइयों बहनों, आपसे अनुरोध है कि आप मेरे डायबटीज और ब्लडप्रेशर ठीक करने वाले रिसर्च में सहयोग करें। निम्नलिखित तरीके से हमने अपना डायबिटीज और ब्लडप्रेशर 6 महीने में ठीक किया है। आपसे अनुरोध है कि आप अपने क्लाइंट्स को जिन्हें कुछ वर्ष ही हुए हैं डायबिटीज से ग्रस्त हुए, ऐसे डायबिटीज और ब्लडप्रेशर के लिए योग कराने के साथ साथ निम्नलिखित उपाय भी उनको करने को कहें। जब 6 महीने में वो स्वस्थ हो जाएं तो उनका डेटा हमारे साथ शेयर करें। मुझे 100 लोगों की प्रूवन केस स्टडी चाहिए, जिससे हम और आप मिलकर भारत वासियों को डायबटीज और ब्लडप्रेशर के रोग से मुक्त करवा पाएं।


 डायबटीज केयर


1- रात को 10 पनीर फूल(पनीर डोडा) एक ग्लास पानी में भिगो दीजिए। सुबह उन्हें क्रश करके पानी छान के हल्का गर्म करके खाली पेट पी लीजिए। उसके बाद थोड़ा और सादा गुनगुना पानी पी लीजिए.. उपरोक्त जल को पीने से पूर्व गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र जपकर अभिमंत्रित करें और पीते वक्त भावना करें कि यह औषधीय अमृत जल आपको पूर्ण स्वस्थ बनाएगा और दैवीय ऊर्जा से भर देगा।


2- रात को भिगोए हुए 5 बादाम और दो अखरोट थोड़ी देर बाद अच्छे से चबा चबाकर खाइए


3- रेगुलर योग व्यायाम कीजिए, कम से कम 21 बार अनुलोमविलोम प्राणायाम अवश्य कीजिए, नित्य गायत्री साधना और स्वाध्याय कीजिए


4- प्रोटीन से भरपूर भोजन कीजिए, जितना कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं उससे दुगुना प्रोटीन युक्त भोजन और हरी सब्जी लीजिए 


5- रात को सोने से पहले एक हर्बल चाय बनाकर पीनी है


आधा लीटर पानी में छोटी चाय की चम्मच के नाप से एक चम्मच अजवायन, एक चम्मच सौंफ, एक चम्मच जीरा, एक चम्मच प्रज्ञा पेय, एक चुटकी काली मिर्च, एक चुटकी दालचीनी और एक छोटा अदरक का टुकड़ा डालकर उबालिये। आधा रह जाये तो उसे छानकर उसमें थोड़ा नींबू का कुछ बूंद रस मिलाकर गर्म चाय की तरह पीजिए।


6- सोने से पूर्व 5 बार गहरी सांस लेकर धीरे धीरे छोड़कर सोइये। निम्नलिखित तीन बार मंत्र बोलकर सोइये


या देवी सर्वभूतेषु निंद्रा रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै  नमस्तस्यै नमो नमः


अच्छी नींद शरीर को रिपेयर करता है।


(कम से कम छः महीने उपरोक्त इलाज चलेगा। इस दौरान चाय नहीं पीना है। बिना चीनी की हर्बल चाय और कॉफी पी सकते हैं। सफ्ताह में एक बार मीठा भी खा सकते हैं। मीठा खाने का नियम यह है कि जब भी मीठा खाये तो उसके आधा घण्टे पहले और आधा घण्टे बाद कुछ न खाएं। खाना खाने के बाद मीठा कभी न खाएं।)


(दवाईयां धीरे धीरे दूसरे महीने से कम होंगी और धीरे धीरे उसको छोड़ने का कार्यक्रम होगा। दवाई पहिले महीने यथावत चलेगी)


यदि स्वस्थ होने की चाह है और स्वास्थ्य लाभ के लिए संकल्पित हो प्रयास करना चाहते हों तो हमें आपकी स्वास्थ्य यात्रा में मदद करने में खुशी होगी।


श्वेता चक्रवर्ती

गायत्री परिवार

9810893335

Tuesday, 17 December 2024

बदले की भावना छोड़ दें

 "बदले की भावना छोड़ दें"

🖋️स्वेता चक्रवर्ती, गायत्री परिवार


बदला लेना, घाव को खुजलाने जैसा है,

यह अच्छा तो लगता है, 

लेकिन स्वयं को ही, ज़्यादा नुकसान पहुँचाता है।

क्षमा करना, घाव पर मरहम लगाने जैसा है,

यह जिंदगी को आसान बनाता है।


बदले की भावना से, सिर्फ दर्द मिलता है,

क्षमा करने से ही, शांति और सुकून मिलता है..


बदले की भावना को छोड़ दें, क्रोध को खत्म होने दें,

अपने अंदर शांति का मार्ग खोजें,

अपने जीवन को बेहतर करें..


अपनी ऊर्जा को, स्वयं को ऊपर उठाने में,

और आगे बढ़ाने के लिए खर्चें,

अपनी अंतरात्मा से मार्गदर्शन लें,

स्वयं की उन्नति के लिए जो सही है वह चुनें,

बदले की भावना छोड़ें,

अपने जीवन को सही दिशा की ओर मोड़े...

Letting Go of Revenge

"Letting Go of Revenge"

🖋️By Sweta Chakraborty, AWGP


Revenge, like scratching a sore,

It feels good, but harms you more.

The pain will linger, grow and swell,

It traps you in a bitter spell.


But kindness is the healing balm,

Forgiveness brings a soothing calm.

Release the hurt, let anger cease,

Find in yourself a path to peace.


Turn your energy to rise and grow,

Let wisdom guide where you must go.

In bettering yourself, you’ll find success,

Both in this world, and happiness."

Monday, 16 December 2024

अपने मन पर नियंत्रण रखो, मन का रिमोट अपने पास रखो

 *अपने मन पर नियंत्रण रखो, मन का रिमोट अपने पास रखो*

🖋️स्वेता चक्रवर्ती, AWGP


आप टीवी नहीं हैं, इसलिए स्वयं पर नियंत्रण करें,

अपने मन का रिमोट किसी और के हाथ में न दें,

आपकी मुस्कान, आपके आंसू, दूसरे क्यों दे रहे हैं?

दूसरों को तय न करने दें कि आप आज कैसा महसूस कर रहे हैं?


ओह, दूसरे कठपुतली की तरह क्यों आपको नचाते हैं?

दूसरों के उकसाने पर आप क्यों होश खोते हैं?

आपको हमेशा स्वयं की शक्ति को जानना चाहिए,

स्वयं के अस्तित्व को पहचानना चाहिए,

शक्ति आपकी है, नियंत्रण न खोएं,

अपने मन पर पुनः नियंत्रण प्राप्त करें,

अपनी आत्मा को पुनः जागृत करें।


जागो, चेतना को ऊँचा उठाओ,

जानो कि तुम कौन हो?

दूसरे के शब्दों को अपने मन पर निशान न बनाने दो।

मन के मास्टर बनो, अपने जीवन का स्वयं नेतृत्व करो,

तुम्हारा मन सिर्फ तुम्हारा है - अपने मन में अपना मनचाहा बीज बोओ।

अपना आंनद चुनो, 

अपनी शांत चुनो,

अपना प्रेम चुनो,

अपना अस्तित्व चुनो,

अपने मन के रिमोट को,

अपनी हथेली में सुरक्षित रखो।


क्रोध एक विकल्प है,

शांति भी एक विकल्प है,

किसे चुनना है, यह स्वयं तय करो,

दूसरे के उकसाने पर,

अपनी मन की शांति को मत खोने दो,

जब वे उकसाएँ, तो अपने मन मे धैर्य के साथ सोचना,

सोच समझकर, फिर सही प्रतिक्रिया देना,

मुंह से कुछ कहना।


ओह, दूसरे के हाथ का खिलौना मत बनो,

जीवन कैसे जीना है यह खुद चुनो,

दूसरे के शब्द और कर्म,

आपके जीवन को परिभाषित नहीं करते,

आपके कर्म और आपके चिंतन,

आपके जीवन को परिभाषित करते हैं

अपनी मन की शक्ति वापस ले लो,

इसका नियंत्रण फिसलने मत दो,

यह तुम्हारा मन और चिंतन, 

तुम्हारे जीवन की स्क्रिप्ट लिख रहे हैं,

अपने चिंतन पर ध्यान दो,

अपने कर्मो पर ध्यान दो,

अपने जीवन की सही स्क्रिप्ट लिखो..


उठो, अपनी चेतना को ऊँचा उठाओ,

 जानो कि तुम कौन हो?

पहचानो कि तुम कौन हो?

दूसरे के शब्दों से,

अपने मन में घाव मत बनने दो,

अपने शशक्त विचारों से,

तुरंत मन का उपचार करो,

अपने मन के मालिक बनो, 

अपने जीवन का खुद नेतृत्व करो,

तुम्हारा मन तुम्हारा है,

तुम्हारा जीवन तुम्हारा है,

अपने मन का आनंद चुनो, 

अपने मन की शांति चुनो,

अपने मन का रिमोट,

अपनी हथेली में सुरक्षित रखो।


तुम एक इंसान हो, 

कोई मशीन नहीं,

तुम महसूस करने के लिए स्वतंत्र हो,

सपने देखने के लिए स्वतंत्र हो,

अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हो,

अपने जीवन को संवारने के लिए स्वतंत्र हो,

बुद्धिमत्ता से प्रतिक्रिया दो, 

अपने मन के रिमोट को,

अपने हाथ में रखो,

तुम्हारी मन की शांति,

तुम्हारे मन के आंनद का स्रोत,

तुम्हारे मन के भीतर है,

बस स्वयं को जानने का प्रयास करो,

स्वयं का अध्ययन अच्छे से करो...


अपने मन का रिमोट अपने हाथ में ले लो, 

इसे कसकर पकड़ लो,

अपने मन का चैनल,

स्वविवेक से ही बदलो,

किसी दूसरे को,

आपकी खुशी या दर्द का फैसला मत करने दो,

अपने मन को दूसरे के विचारों की जंजीर में मत जकड़ने दो..


उठो, अपनी चेतना को ऊँचा उठाओ, जानो कि तुम कौन हो,

पहचानो कि तुम कौन हो?

दूसरे के शब्दों से,

अपने मन में घाव मत बनने दो।

अपने मन के मालिक बनो,

अपने जीवन का स्वयं नेतृत्व करो,

अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय करो,

अच्छे लोगों का सत्संग करो,

पर निंर्णय स्वयं सोचविचार करो,

लोग क्या कहेंगे इसकी परवाह मत करो,

जीवन का निर्माण स्वयं विचार कर स्वयं के विवेक से करो...

Song - Master of Your Mind - Take Back Control

 *Song - Master of Your Mind - Take Back Control*

🖋️By Sweta Chakraborty


(Verse 1)

You’re not a TV, so take a stand,

Why’s your remote in someone else’s hands?

Your smile, your tears, why give them away?

Don't Let them decide how you feel today?


(Pre-Chorus)

Oh, they pull the strings, they call the show,

But you’re the one who should always know,

The power is yours, don’t lose control,

Reclaim your mind, reclaim your soul.


(Chorus)

Wake up, rise high, know who you are,

Don’t let their words write your scars.

Be the master, take the lead,

Your mind is yours—plant your seed.

Choose your love, choose your calm,

Keep your remote safe in your palm.


(Verse 2)

Anger’s a choice, so is your peace,

Why let their actions steal your release?

When they provoke, don’t lose your way,

Think, then choose what you wanna say.


(Pre-Chorus)

Oh, life’s too short to play their game,

Their actions don’t define your flame.

Take back the power, don’t let it slip,

It’s your mind, your life, your script.


(Chorus)

Wake up, rise high, know who you are,

Don’t let their words write your scars.

Be the master, take the lead,

Your mind is yours—plant your seed.

Choose your love, choose your calm,

Keep your remote safe in your palm.


(Bridge)

You’re a human, not a machine,

Free to feel, and free to dream.

React with wisdom, hold your ground,

Your peace of mind’s where truth is found.


(Breakdown)

Take the remote, hold it tight,

You’re the pilot, soar the heights.

No one decides your joy or pain,

It’s time to break the hidden chain.


(Final Chorus)

Wake up, rise high, know who you are,

Don’t let their words write your scars.

Be the master, take the lead,

Your mind is yours—plant your seed.

Choose your love, choose your calm,

Keep your remote safe in your palm.


(Outro)

Take your mind back, lead the way,

Make your life better, starting today.

Tuesday, 10 December 2024

The Raindrops

 *The Raindrops*

🖋️By Sweta Chakraborty


The raindrops fall, so soft, so clear,

Awakening love when hearts are near.

In lovers’ eyes, they weave a song,

A melody where souls belong.


The very drops, in sorrow’s guise,

Draw tears from under shattered skies.

The poor, beneath a broken roof,

Feel helpless in their harshest truth.


Yet for the saints, the drops descend,

A sacred hymn where prayers ascend.

In every drop, God’s presence flows,

A silent call the spirit knows.


For farmers’ fields, the rain delights,

It dances on the earth so bright.

Each drop, a promise, seeds embrace,

Of golden harvest, nature’s grace.


But potters weep—too soon, too fast,

The rain defeats their work, their past.

The clay remains, unshaped, unbaked,

A dream undone, a hope misplaced.


These drops, the same for all they meet,

But life, through minds and hearts, repeats.

One’s joy, another’s grief and pain,

A thousand truths within the rain.


The world, like raindrops, takes its hue,

From how you see, from what you do.

Change your mind, let courage rise,

And lift your gaze to brighter skies.


Blame not the world, nor fortune’s tide,

Transform yourself from deep inside.

For in the rain, the light will gleam,

If you believe, and chase your dream.

Monday, 9 December 2024

आँशु कीमती हैं

 तुम्हारे आँशु कीमती हैं,

इन मोतियों को यूं न बहाओ,

जहां इनकी क़ीमत नहीं,

वहां उन्हें मत लुटाओ...


उनके लिए क्या रोना,

जिसने तुम्हारा दिल तोड़ा,

उसके लिए क्या रोना,

जिसने तुम्हारा हाथ बीच मझधार में छोड़ा..


उसके लिए क्या रोना,

जिसे तुम्हारी परवाह नहीं,

उसके लिए क्या रोना,

जिसे तुम्हारी खुशियों की चाह नहीं...


समेटो इन आँशुओ को,

गहरी श्वांस लो, एक अंगड़ाई लो,

ख़ुद से कहो,

अब मैं सिर्फ मुस्कुराउँगा उनके लिए,

जिन्हें मेरी खुशियों की परवाह है...

अब मुस्कुराऊंगा ख़ुद के लिए,

क्योंकि किसी को हो न हो,

मुझे मेरे जीवन की परवाह है चाह है...


💐श्वेता चक्रवर्ती

गायत्री परिवार, गुरुग्राम

डायबिटीज घरेलू उपाय से 6 महीने में ठीक करें - पनीर फूल(पनीर डोडा)

 सभी चिकित्सक, योग करवाने वाले भाइयों बहनों, आपसे अनुरोध है कि आप मेरे डायबटीज और ब्लडप्रेशर ठीक करने वाले रिसर्च में सहयोग करें। निम्नलिखित...