*मीनोपॉज के दौरान बरतें ये खास सावधानियां!*
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने इस बारे में कहा कि पेरीमीनोपॉज के लक्षण हर किसी में अलग होते हैं, जिनमें अनियिमित अत्यधिक रक्तस्राव, अनिद्रा, रात को पसीना आना, खराब पीएमएस, माइग्रेन, वेजीनल ड्राइनेस और पेट का मोटापा बढ़ना आदि समस्याएं होती हैं. इसके अलावा महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में भी बदलाव आते हैं."
उन्होंने कहा कि हार्मोन में बदलाव से बेचैनी, अवसाद, चिड़चिड़ापन और तेजी से मूड बदलने जैसे लक्षण हो सकते हैं. कई महिलाओं को सीने में दर्द या धुड़की लगना आदि समस्याएं होती हैं. ऐसा लगातार होने पर डॉक्टर से राय लेना आवश्यक होता है."
डॉ. अग्रवाल कहते हैं, "सेहतमंद खानपान और अच्छी नींद इसका सबसे बेहतर हल है. गंभीर मामलों में गोली, स्किन पैच, जैल या क्रीम के रूप में एस्ट्रोजिन थैरेपी से इलाज किया जाता है. आम तौर पर पेरीमेनोपॉजल और मेनूपॉजल हॉट फ्लैशेस और रात को आने वाले पसीने के इलाज के लिए इनका प्रयोग किया जाता है. उचित तरीके से हड्डियों के नुकसान को रोकने में एस्ट्रोजन मदद करता है."
उन्होंने बताया कि योग और सांस की क्रियाएं कम खतरे वाले इलाज हैं, जो इन स्थितियों में तनाव घटाते हैं और इस बीमारी को रोकने में मदद करते हैं. इन स्थितियों में हर्बल और डाईट्री सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए."
इन बातों पर करें गौर और अपनाएं:
*पूर्णिमा के चांद का ध्यान करते हुए गायत्री मंत्र का जप करें, चन्द्र गायत्री मंत्र की एक माला नित्य पूजन में सम्मिलित कर लें ।*
*रोज नादयोग अवश्य सुने शीतल चन्द्रमा की किरणों से स्वयं को स्नान करते हुए महसूस करें।हार्मोन असंतुलन में यह अवसाद से राहत देने में मददगार होगा*
*हर रोज 10 मिनट प्राणायाम और 20 मिनट तक व्यायाम करें. हार्मोन असंतुलन में यह अवसाद से राहत देने में मददगार होगा*
*20 मिनट अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय करें*
*अगर धूम्रपान करते हैं तो छोड़ दें, क्योंकि इससे रक्तचाप बढ़ता है और दिल की समस्याओं को प्रोत्साहित करता है*
*हर रोज अच्छी नींद लें, योगनिद्रा का अभ्यास करें*
*संतुलित वजन बनाए रखें*
*आहार में कैल्शियम की उचित मात्रा लें. केला, पालक और नट्स काफी अच्छे विकल्प हैं, नित्य दूध अवश्य पियें*
*कोई भी सप्लीमेंट या मल्टीविटामिन लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें*
🙏🏻 परिवार के अन्य सदस्यों को इस समय स्त्री का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस समय बदलते हार्मोन्स और बदलती शारीरिक स्थिति उस स्त्री उग्र, अशांत और व्यग्र कर देती है, जिसके कारण चिड़चिड़ापन होता है, इस कारण स्वयं को सम्हालने में कभी कभी असमर्थ हो जाती है। अतः धैर्य के साथ स्त्री को सम्हाले। स्त्री अपने पति के सहयोग से ही इस अवस्था में सम्हलना सम्भव हो पाता है।🙏🏻
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने इस बारे में कहा कि पेरीमीनोपॉज के लक्षण हर किसी में अलग होते हैं, जिनमें अनियिमित अत्यधिक रक्तस्राव, अनिद्रा, रात को पसीना आना, खराब पीएमएस, माइग्रेन, वेजीनल ड्राइनेस और पेट का मोटापा बढ़ना आदि समस्याएं होती हैं. इसके अलावा महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में भी बदलाव आते हैं."
उन्होंने कहा कि हार्मोन में बदलाव से बेचैनी, अवसाद, चिड़चिड़ापन और तेजी से मूड बदलने जैसे लक्षण हो सकते हैं. कई महिलाओं को सीने में दर्द या धुड़की लगना आदि समस्याएं होती हैं. ऐसा लगातार होने पर डॉक्टर से राय लेना आवश्यक होता है."
डॉ. अग्रवाल कहते हैं, "सेहतमंद खानपान और अच्छी नींद इसका सबसे बेहतर हल है. गंभीर मामलों में गोली, स्किन पैच, जैल या क्रीम के रूप में एस्ट्रोजिन थैरेपी से इलाज किया जाता है. आम तौर पर पेरीमेनोपॉजल और मेनूपॉजल हॉट फ्लैशेस और रात को आने वाले पसीने के इलाज के लिए इनका प्रयोग किया जाता है. उचित तरीके से हड्डियों के नुकसान को रोकने में एस्ट्रोजन मदद करता है."
उन्होंने बताया कि योग और सांस की क्रियाएं कम खतरे वाले इलाज हैं, जो इन स्थितियों में तनाव घटाते हैं और इस बीमारी को रोकने में मदद करते हैं. इन स्थितियों में हर्बल और डाईट्री सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए."
इन बातों पर करें गौर और अपनाएं:
*पूर्णिमा के चांद का ध्यान करते हुए गायत्री मंत्र का जप करें, चन्द्र गायत्री मंत्र की एक माला नित्य पूजन में सम्मिलित कर लें ।*
*रोज नादयोग अवश्य सुने शीतल चन्द्रमा की किरणों से स्वयं को स्नान करते हुए महसूस करें।हार्मोन असंतुलन में यह अवसाद से राहत देने में मददगार होगा*
*हर रोज 10 मिनट प्राणायाम और 20 मिनट तक व्यायाम करें. हार्मोन असंतुलन में यह अवसाद से राहत देने में मददगार होगा*
*20 मिनट अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय करें*
*अगर धूम्रपान करते हैं तो छोड़ दें, क्योंकि इससे रक्तचाप बढ़ता है और दिल की समस्याओं को प्रोत्साहित करता है*
*हर रोज अच्छी नींद लें, योगनिद्रा का अभ्यास करें*
*संतुलित वजन बनाए रखें*
*आहार में कैल्शियम की उचित मात्रा लें. केला, पालक और नट्स काफी अच्छे विकल्प हैं, नित्य दूध अवश्य पियें*
*कोई भी सप्लीमेंट या मल्टीविटामिन लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें*
🙏🏻 परिवार के अन्य सदस्यों को इस समय स्त्री का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस समय बदलते हार्मोन्स और बदलती शारीरिक स्थिति उस स्त्री उग्र, अशांत और व्यग्र कर देती है, जिसके कारण चिड़चिड़ापन होता है, इस कारण स्वयं को सम्हालने में कभी कभी असमर्थ हो जाती है। अतः धैर्य के साथ स्त्री को सम्हाले। स्त्री अपने पति के सहयोग से ही इस अवस्था में सम्हलना सम्भव हो पाता है।🙏🏻
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